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शहीद दिवस पर याद किए गए गोरखालैंड आंदोलनकारी

पहाड़ में शहीद दिवस पर शुक्रवार को गोरखालैंड राज्य के लिए हुए आंदोलन के दौरान मारे गए आंदोलनकारियों को याद किया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 01:42 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 01:42 PM (IST)
शहीद दिवस पर याद किए गए गोरखालैंड आंदोलनकारी
शहीद दिवस पर याद किए गए गोरखालैंड आंदोलनकारी

दार्जिलिंग/कर्सियांग/कालिम्पोंग/मिरिक, जेएनएन। पहाड़ में शहीद दिवस पर शुक्रवार को गोरखालैंड राज्य के लिए हुए आंदोलन के दौरान मारे गए आंदोलनकारियों को याद किया गया। इस मौके पर गोजमुमो, गोरामुमो सहित विभिन्न संगठनों ने दार्जिलिंग, कर्सियांग, मिरिक व कालिम्पोंग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शहीद बेदियों पर श्रद्धांजलि अर्पित की और विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया।

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गोजमुमो की ओर से विनय तमांग ने शहीदों को विज्ञापन की तरह नहीं देखने एवं गोरामुमो प्रमुख मन घीसिंग ने शहीद के उपर राजनीति नहीं करने की अपील की। गोजमुमो द्वारा दार्जिलिंग स्थित गोरखा रंगमंच भवन परिसर तथा गोरामुमो द्वारा डॉ जाकिर हुसैन रोड में शहीद दिवस समारोह का आयोजन किया गया।

गोरखा रंगमंच भवन में शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीटीए (बीओए) चेयरमैन विनय तमांग ने कहा कि शहीदों के परिजनों को अब तक सम्मान नहीं मिला है। राज्य सरकार से शहीदों के परिजनों को नौकरी दिलाने के लिए वह बात करेंगे।

उन्होंने कहा कि शहीदों का कोई जाति व धर्म नहीं होता है। लोग उन्हें 365 दिनों में केवल आज के दिन ही याद करते है। यह बहुत ही दु:खद है। भारत सरकार को गोरखा की पहचान बताने के लिए शहीद होने की जरूरत नहीं है। अब केंद्र सरकार केवल अलग राज्य दे। अब तक जनता ने त्याग व बलिदान दिया है। अब उनके नेतृत्व को त्याग देने की बारी है। अब बौद्धिक युद्ध के माध्यम से आंदोलन कर भारत सरकार को गोरखाओं के योगदान पर जोर दिया गया।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए विनय तमांग ने कहा कि गोरखाओं ने देश के लिए बलिदान दिया है। उनके बलिदान व मूल्यांकन पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत-भूटान संधि के कारण भारतीय गोरखाओं को अब तक न्याय नहीं मिला है। अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार शहीदों का सपना पूरा करे। नेपाली भाषा से लेकर गोरखालैंड आंदोलन तक केवल चलचित्र बनकर रह गया है।

उन्होंने समारोह के दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। इस दौरान जीटीए के सूचना व सांस्कृतिक विभाग की ओर से शहीदों के परिवारवालों को तोहफा दिया गया। इस मौके पर गायन, कविता प्रस्तुत किया गया।

दूसरी ओर दार्जिलिंग शहर के डॉ जाहिर हुसैन रोड में आयोजित शहीद दिवस समारोह में गोरामुमो के अध्यक्ष मन घीसिंग ने गोरखालैंड की मांग को लेकर केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि जो जवान देश के लिए शहीद हुए हैं। उन पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। पार्टी की मांग गोरखालैंड है, जो छठी अनुसूची के माध्यम से ही पूरा हो सकता है। 


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