असंवैधानिक जीटीए प्रशासन को तत्काल खारिज करें ममता बनर्जी : घीसिंग
- फ्री होल्ड भूमि मामले पर केंद्र को दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी -भारी भीड़ से उत्सा
- फ्री होल्ड भूमि मामले पर केंद्र को दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी
-भारी भीड़ से उत्साहित गोरामुमो प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को दी नसीहत
संवादसूत्र, दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड पर गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा की प्रस्तावित जनसभा रविवार को भारी जनसैलाब के साथ संपन्न हुई। बताते चलें कि जीएनएलएफ के प्रमुख सुभाष घीसिंग की तीसरी पुण्य तिथि के अवसर पर मन घीसिंग की अध्यक्षता में जनसभा का आयोजन किया गया। भारी भीड़ देखकर उत्साहित पार्टी के अध्यक्ष मन घीसिंग ने भी समर्थकों को निराश नहीं किया और भारत सरकार तथा जीटीए बोर्ड पर जमकर हमला बोला। जीएनएलएफ प्रमुख ने कहा दार्जिलिंग और कालिम्पोंग के लीज होल्ड लैंड मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि दार्जिलिंग के लीज होल्ड लैंड तथा कालिम्पोंग के सीडेड लैंड होने के कारण इन जमीनों का मालिक कौन है यह आज तक केंद्र सरकार ने स्पष्ट नहीं किया। अगर केंद्र ने जल्द ही इन भू स्वामियों के नाम की घोषणा नहीं की तो पार्टी की ओर से उच्चतम न्यायालय में केंद्र के विरुद्ध याचिका दायर कर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होने अतीत में पार्टी सुप्रीमो तथा दिवंगत सुभाष घीसिंग द्वारा वर्ष 1994 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है। जिस पर कोर्ट ने मामले को राजनीतिक करार देकर सुनवाई से इंकार कर दिया था। मन घीसिंग ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के उक्त निर्णय पर 23 वर्ष बीत चुके हैं। उन्होने इन जमीनों से संबंधित लोगों की लड़ाई जीएनएलएफ द्वारा लड़ने की बात कही।
अपने संबोधन के दौरान उन्होने जीटीए प्रशासन तथा अपनी प्रतिद्वंदी पार्टी गोजमुमो के प्रति भी कोई नरमी न दिखाते हुए हमला बोला। जीटीए प्रमुख विनय तामांग पर निशाना साधते हुए कहा कि गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन असंवैधानिक है और ऐसा शासन ज्यादा दिन नहीं पहाड़ पर कायम नहीं रह सकता। घीसिंग ने तामांग को अपरिपक्व नेता बताते हुए जीएनएलएफ द्वारा कभी भी जीटीए के साथ न खड़ा होने का ऐलान किया। उन्होने भविष्य में किसी भी चुनाव में जीटीए या तामांग का समर्थन न करने की बात कहते हुए गोरामुमो द्वारा जीटीए का लगातार विरोध जारी रखने की बात कही।
मंच से ही मन घीसिंग ने राज्य की मुख्यमंत्री का नाम लेकर जीटीए प्रशासन को खारिज कर प्रशासनिक व्यवस्था जिला प्रशासन के हाथ सौंपने की मांग की। उन्होने भविष्य में पहाड़ पर दोबारा अशांति फैलने या बंद हिंसा होने की दशा में गोरामुमो या उनके किसी नेता के जिम्मेदार न होने और स्थिति संभालने में असमर्थता व्यक्त कर दी। जीएनएलएफ प्रमुख ने साफ कहा कि अगर मुख्यमंत्री पहाड़ समस्या का स्थाई समाधान चाहती हैं तो छठी अनुसूची को लागू करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
भारी जनसमर्थन देखकर मन घीसिंग ने कहा कि अब पहाड़ वासियों के अपराधीकरण करने की प्रक्रिया बंद होनी चाहिए। पार्टी अध्यक्ष ने ऐलान किया कि अब गोरामुमो की पहाड़ की सक्रिय राजनीति में जोरदार वापसी हो रही है तथा पार्टी को कम आंकना विरोधियों की बड़ी भूल होगी। उन्होने अपार जनसमर्थन होने के बावजूद कार्यकर्ताओं से अहंकार से बचते हुए पहाड़ वासियों के हित में कार्य करने की नसीहत दी।
जनसभा आरंभ होने से पूर्व पार्टी के नेताओं ने पार्टी के दिवंगत प्रमुख तथा कद्दावर नेता सुभाष घीसिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 108 दीपक जलाने के साथ ही उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किये गए।