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21 वर्ष पहाड़ पर उत्पात मचाने वाले न दें शिक्षा : गोजयुमो

-मन घीसिंग को राजनीतिक रूप से बताया अपरिपक्व -फरवरी में युवा मोर्चा ने से तीन गुना बड़ी जनसभ्

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 07:55 PM (IST)
21 वर्ष पहाड़ पर उत्पात मचाने वाले न दें शिक्षा : गोजयुमो
21 वर्ष पहाड़ पर उत्पात मचाने वाले न दें शिक्षा : गोजयुमो

-मन घीसिंग को राजनीतिक रूप से बताया अपरिपक्व

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-फरवरी में युवा मोर्चा ने से तीन गुना बड़ी जनसभा का किया ऐलान

संवादसूत्र, दार्जिलिंग : गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन को असंवैधानिक करार देने वाले मन घीसिंग के बयान पर गोजमुमो ने करारा पलटवार किया है। ज्ञात हो कि बीते रविवार को दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड पर गोरामुमो द्वारा सुभाष घीसिंग की पुण्य तिथि पर आयोजित विशाल जनसभा के दौरान पार्टी सुप्रीमो ने जीटीए प्रशासन को असंवैधानिक बताते हुए एक बार फिर पहाड़ के अशांत होने की आशंका व्यक्त की थी। गोरामुमो प्रमुख के बयान पर पलटवार करते हुए गोजमुमो युवा मोर्चा प्रवक्ता अरुण क्षेत्री ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा मन घीसिंग उस पार्टी के ही नेता हैं जिसका पहाड़ पर 21 वर्ष तक शासन रहा था। जिसके शासन के विरोध करने वालों का दमन करते हुए तथा उनकी आवाज को कुचलने के लिए हत्या जैसे आपराधिक कृत्य का सहारा लिया जाता था। ऐसे में घीसिंग द्वारा शांति की बातें करना और केंद्र तथा राजय सरकार के साथ वार्ता तथा सहमति समझौते से तैयार हुए जीटीए प्रशासन को असंवैधानिक कहना उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को साफ झलकाता है। उल्टा क्षेत्री ने घीसिंग के बयानों को ही पहाड़ पर अशांति फैलाने वाला बताते हुए मुख्यमंत्री से अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेने की मांग की। उन्होने जीटीए के पांच वर्ष के शासन काल के बाद ही राज्य सरकार द्वारा संविधान के मुताबिक जीटीए बोर्ड के गठन की बात कही। गोजयुमो प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में पहाड़ का जीटीए शासन शक्ति शाली दल गोजमुमो के सक्षम नेतृत्व में है जिसके प्रमुख विनय तामांग हैं। मोर्चा नेता ने घीसिंग से उनके बयानों पर सफाई देने की नसीहत दी है।

क्षेत्री ने घीसिंग के पहाड़ वासियों को भुक्तभोगी बनाने तथा लोकतंत्र की हत्या वाले बयान के जवाब में कहा कि अगर पहाड़ पर लोकतंत्र न होता तो शायद गोरामुमो इतनी बड़ी जनसभा का आयोजन न कर पाती। उन्होने यह भी बताया कि अगर गोजमुमो नीत जीटीए प्रशासन राजनीति से प्रेरित होकर कार्य कर रहा होता तो शिक्षकों को बिना किसी रोकटोक या आपत्ति के सहमति पत्र न देता। गोजयुमो प्रवक्ता ने घीसिंग से झूठ तथा जनाधार बढ़ाने में गलत बयानबाजी का सहारा न लेने का सुझाव दिया।

युवा मोर्चा प्रवक्ता ने घीसिंग की जनसभा में उमड़ी भीड़ के जवाब में आगामी फरवरी माह में गोरामुमो सभा से तीन गुना बड़ी युवाओं की जनसभा का आयोजन करने की घोषणा तक कर डाली। क्षेत्री ने गोरामुमो प्रमुख से प्रश्न पूछा कि अगर जीटीए प्रशासन असंवैधानिक है तो घीसिंग ने किस कारण से हिल एरिया डेवलेपमेंट समिति को ग्रहण किया है वो भी स्पष्ट करें। युवा मोर्चा नेता ने घीसिंग अगर छठी अनुसूची की मांग पर गंभीर हैं तो बिना भय और राजनीति के अपनी मांग पर आवाज बुलंद करें।

हालांकि दोनों पार्टियों के बीच की नूरा कुश्ती को देखा जाए तो यह कोई नई बात नहीं है। दोनों ही दल पहाड़वासियों के हित में अग्रणी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती हैं और दोनों ही दलों को राज्य सरकार का प्रश्रय हासिल है। जिसके चलते जिला प्रशासन और पुलिस दोनों ही कहीं न कहीं गोजमुमो और गोरामुमो के साथ ही दिखते हैं। ऐसे में इस नई सियासी झड़प के कोई खास मायने निकालना जल्दबाजी होगा।


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