सिटी ऑटो बंद होने के पक्ष में आम जनता
'सिटी ऑटो हटाओ, सिलीगुड़ी बचाओ!' -सोशल मीडिया पर लोगों ने निकाली अपने दिल की भ्
'सिटी ऑटो हटाओ, सिलीगुड़ी बचाओ!'
-सोशल मीडिया पर लोगों ने निकाली अपने दिल की भड़ास
-चालकों की मनमानी और दुर्व्यवहार एवं प्रदूषण को ले जताया रोष
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
अदालती आदेश के आलोक में शहर में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सिटी ऑटो परिचालन बंद करने की प्रशासन की घोषणा से भले ही सिटी ऑटो ऑपरेटरों में रोष है किंतु आम लोगों में बहुत प्रसन्नता है। इसे, सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर सिटी ऑटो से संबंधित खबरों में सहज ही देखा जा सकता है। सिटी ऑटो बंद की कार्यवाही के विरुद्ध सोमवार को ही आधे दिन के लिए हुई शहर में सिटी ऑटो की हड़ताल की सोशल मीडिया पर जारी खबरों में जो आम जनों की प्रतिक्रियाएं हैं उनमें अधिकांश सिटी ऑटो परिचालन के विरुद्ध हैं।
किसी की प्रतिक्रिया है कि 'सिटी ऑटो बंद होना चाहिए' तो किसी की प्रतिक्रिया है कि 'शहर में प्रदूषण के कारक अवैध सिटी ऑटो अविलंब बंद होने चाहिएं'। शहर में सिटी ऑटो बंद की प्रशासन की घोषणा व कार्यवाही की किसी ने सराहना की है तो किसी ने कहा है कि 'आइ सपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन' (मैं प्रशासन का समर्थन करता हूं)। बहुतों ने शहर में प्रदूषण के लिए सिटी ऑटो को ही मुख्य कारक करार दिया है। इसके अलावा किसी ने सिटी ऑटो चालकों द्वारा ठूंस-ठूंस कर यात्री बैठाने पर रोष जताया है तो किसी ने मनमाना किराये वसूलने पर तो किसी ने यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार पर, तो किसी ने तय मार्ग के उल्लंघन (रूट न मानने) पर तो जहां-तहां सवारी सवार करने व जहां-तहां उतार देने और शाम के बाद दोगुना-तीगुना किराये वसूलने की मनमानी प्रवृत्ति पर। एक ने तो यहां तक प्रतिक्रिया जताई है कि 'सिटी ऑटो हटाओ, सिलीगुड़ी बचाओ!' वहीं एक ने यह तक कहा कि 'सिटी ऑटो चाई ना' (सिटी ऑटो नहीं चाहिए) व 'बंधो कोरतेई होबे' (बंद करना ही होगा)। कुल मिलाकर सिटी ऑटो परिचालन के विरुद्ध ही बहुमत है।
वैसे, कुछ-कुछ लोगों ने संवेदना भी व्यक्त की है किंतु वे भी सिटी परिचालन नियंत्रण के ही पक्ष में हैं। किसी का कहना है कि सिटी ऑटो बंद हो, लेकिन इससे जुड़े लोगों के वैकल्पिक रोजगार की भी व्यवस्था हो तो किसी का कहना है कि सिटी ऑटो ही शहर में जाम के मुख्य कारक हैं। इसलिए शहर के मुख्य मार्गो पर इनका परिचालन बंद हो व कम भीड़-भाड़ वाले मार्गो पर ही सिटी ऑटो चले। वहीं कुछेक ने केवल पुराने सिटी ऑटो बंद करने की बात कही है, तो कुछ ने सिटी ऑटो को महत्वपूर्ण एवं शहर की आवश्यकता भी बताया है।
उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी महकमा शासक सिराज दानेशयार इस संबंध में पहले ही कह चुके हैं कि अब शहर में वैसे सिटी ऑटो नहीं चल पाएंगे जो 10 से 15 साल पुराने हो गए हैं। शहर में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में पुराने ऑटो के परिचालन को बंद करने के अदालती निर्देश के आलोक में ही इस दिशा में कार्यवाही की जाएगी। वैसे विकल्प के रूप में 'गतिधारा' प्रकल्प के तहत नए पूरी तरह फिट व पर्यावरण के अनुकूल वाहन चलवाए जाएंगे। उस पर अमल शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।