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प. बंगाल: अंगदान को चिकित्सकों के अनुरोध को परिजनों ने किया स्वीकार

एक बार फिर सड़क दुर्घटना में ब्रेन डेड के बाद एक 18 साल की युवती के परिजनों ने उसके सभी अंगों को दान करने का निर्णय लिया है। मृतका का नाम मनीषा रॉय है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 11:04 AM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 11:04 AM (IST)
प. बंगाल: अंगदान को चिकित्सकों के अनुरोध को परिजनों ने किया स्वीकार
प. बंगाल: अंगदान को चिकित्सकों के अनुरोध को परिजनों ने किया स्वीकार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। मरने के बाद भी दूसरों को जिंदगी देने के पुण्य कर्म अंगदान के प्रति महानगर में जागरूकता तेजी से बढ़ी है। एक बार फिर सड़क दुर्घटना में ब्रेन डेड के बाद एक 18 साल की युवती के परिजनों ने उसके सभी अंगों को दान करने का निर्णय लिया है। मृतका का नाम मनीषा रॉय है।

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बीते 11 अगस्त को देर रात दो बजे के करीब वह अपने मित्र अभिषेक रॉय (21) के साथ बाइक पर बैठकर जा रही थी, तभी कोलकाता के मानिकतला थाना अंतर्गत ईएम बाईपास के पास उनकी बाइक का नियंत्रण खो गया और दोनों सड़क पर दूर तक छिटकते चले गए। वहीं अभिषेक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर हालत में मनीषा को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहा उसका इलाज चल रहा था। लेकिन मंगलवार की देर रात उसने दम तोड़ दिया। बेटी की मौत के बाद परिजनों ने उसके अंगों को दान करने का निर्णय लिया है।

दरअसल, मनीषा की मौत के बाद अपोलो अस्पताल के चिकित्सकों ने उसके पिता अशोक रॉय से उसके अंगों को दान करने का अनुरोध किया था। डॉक्टरों के अनुरोध को उन्होंने स्वीकार किया और बेटी के सभी अंगों को दान करने का निर्णय लिया है।

अशोक रॉय ने बताया कि अंगदान और प्रत्यारोपण से पहले कई दौर की परीक्षाएं होती हैं जो चल रही है। बुधवार देर शाम मृतका के अंगों को निकालकर प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसका हृदय, लीवर, किडनी, कॉर्निया और त्वचा को दान करने का निर्णय लिया गया है। इससे कम से कम छह लोगों को नई जिंदगी मिल सकती है।

अपोलो अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि सब कुछ सामान्य रहने पर बुधवार शाम अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक किडनी और हार्ट निजी अस्पताल में भर्ती दो मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे, जबकि बाकी अंगों को सरकारी अस्पताल में ही रखा जाएगा। उसके अंगों को निकालकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। 


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