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फर्जी जांच रिपोर्ट के बाद अब लेबोरेट्री ही फर्जी

-सरकारी डॉक्टर के हस्ताक्षर का हुआ उपयोग -मामला सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कं

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 10:15 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 10:15 PM (IST)
फर्जी जांच रिपोर्ट के बाद अब लेबोरेट्री ही फर्जी

-सरकारी डॉक्टर के हस्ताक्षर का हुआ उपयोग

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-मामला सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप

-पुलिस कमिश्नर से कड़ी कार्रवाई की हुई मांग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी के दौर में जहां एक ओर लोग बीमारी से त्रस्त हैं, वहीं एक-एक कर निम्न स्तर के निजी अस्पतालों की लूट तथा फर्जी लैबों की धोखाधड़ी के मामले ने लोगों को सकते में डाल दिया है। सिलीगुड़ी शहर में एक लेबोरेट्री के पूर्व कर्मचारी द्वारा फर्जी कोरोना आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट तैयार करने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि शहर में एक फर्जी लेबोरेट्री का मामला सामने आया है। सबसे आश्चर्यजनक यह है कि लेबोरेट्री की जांच रिपोर्ट में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के एक कंसल्टेंट डॉक्टर व एक तकनीशियन का फर्जी तरीके से हस्ताक्षर किया हुआ है। इस फर्जीवाड़े के सामने आते ही मेडिकल कॉलेज में हड़कंप है।उक्त डॉक्टर व तकनीशियन ने एसोसिएशन ऑफ लेबोरेटरी कंसल्टेंट्स ऑफ नॉर्थ बंगाल (एलकॉन ) को इसकी जानकारी देते हुए इस मामले में संबंधित लेबोरेट्री के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में मामले की गंभीरता देखते हुए एल्कॉन की ओर से गुरुवार को सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा को ज्ञापन देते हुए संबंधित लेबोरेट्री के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी शहर के बायोलैब नामक लेबोरेट्री के इस तरह का गैर कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त होने की बात कही गई है। एल्कॉन के सचिव व उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पैथोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कल्याण खान ने कहा कि एल्कॉन के दो सदस्यों द्वारा शिकायत मिली कि उक्त लेबोरेट्री द्वारा बिना उनसे पूछे फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट में उनका नाम दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का क्रिया कलाप पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस महामारी के दौर में जरूरतमंदों की मजबूरी का गलत तरीके से फायदा लेने के चक्कर में कुछ लोग अनैतिक कार्य कर रहे हैं।

होम कलेक्शन के नाम पर जालसाजी

इस तरह की जालसाजी घर से सैंपल संग्रह करने तथा घर पर जांच रिपोर्ट देने के नाम पर हो रही है। उन्होंने कहा कि फर्जी जांच रिपोर्ट देना यानी मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ करना है। डॉ खान ने कहा कि इस तरह के गैरकानूनी तथा अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासनिक सतर्कता बढ़ानी होगी। फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार करने तथा गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों के लिए दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए एल्कॉन तथा अन्य चिकित्सा संगठनों की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने भी इस मामले में हर जरूरी कार्रवाई करने का भरोसा दिया।


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