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निश्चिंतपुर चाय बागान के मालिक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी पीएफ के पैसे नहीं जमा कराने वाले चाय बागान मालिकों के खिला

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 09:12 PM (IST)
निश्चिंतपुर चाय बागान के मालिक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर
निश्चिंतपुर चाय बागान के मालिक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: पीएफ के पैसे नहीं जमा कराने वाले चाय बागान मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई। रीजनल ईपीएफ कार्यालय सिलीगुड़ी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए निश्चिंतपुर चाय बागान के मालिक व मैनेजर के खिलाफ माटीगाड़ा थाना में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करा दी है। सिलीगुड़ी रीजनल ईपीएफ कार्यालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार चाय बागान प्रबंधन ने पिछले डेढ़ साल से पीएफ की राशि जमा नहीं कराई थी। जबकि कर्मचारियों से उनका अंशदान काट लिया जाता था। जून 2018 से लेकर दिसंबर 2019 तक कुल 63 लाख 51 हजार 802 रुपए पीएफ व पेंशन की राशि जमा नहीं की गई है। जिसमें 30 लाख 48 हजार 865 रुपये कर्मचारी द्वारा अंशदान शामिल है। ईपीएफ कार्यालय ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बागान प्रबंधन को कई बार नोटिस जारी किया था। उसके बाद भी बागान मालिकों ने पीएफ के पैसे जमा करने की कोई पहल नहीं की। उसके बाद शुक्रवार को निश्चिंतपुर चाय बागान के निदेशक गोविंद गर्ग व सौरव गर्ग तथा बागान प्रबंधक नवीन बसु के खिलाफ माटीगाड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

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मिली जानकारी के अनुसार इस चाय बागान में लगभग 600 ऐसे श्रमिक हैं जिनका पीएफ कटता है। सिलीगुड़ी ईपीएफओ के रीजनल कमिश्नर मनोज कुमार ने बताया कि कर्मचारी के पीएफ का अंशदान काट लेने के बाद भी जमा नहीं करना एक अपराध है। श्रमिक मेहनत की कमाई से पीएफ में अपना अंशदान देता है। इसके बाद भी प्रबंधन द्वारा पीएस की राशि जमा नहीं करना गंभीर अपराध है। उन्होंने बताया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। कुमार ने बताया कि ईपीएफओ सिलीगुड़ी रीजनल ऑफिस के अंतर्गत हिल्स तथा तराई क्षेत्र के कुल 337 चाय बागान आते हैं। जिनमें 325 चाय बागान चालू हालत में हैं तथा 12 चाय बागान बंद है। इन चाय बागानों में लगभग 60 हज़ार बागान श्रमिकों का पीएफ कटता है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को पीएफ का लाभ मिल सके इसके लिए ईपीएफओ की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है। इसके सकारत्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है वर्ष 2016 में मात्र सात प्रतिशत पीएफ जमा होता था। वर्तमान में 61प्रतिशत बागान श्रमिकों के पीएफ जमा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीएफ अकाउंट को आधार से लिंक करने की जब प्रक्रिया शुरू हुई तो इसमें काफी असमानताएं देखी गई। आधार में दर्ज जन्म तिथि पीएफ अकाउंट में दर्ज जन्म तिथि से नहीं मिलने के कारण लिंक ही नहीं होता था। इसके लिए यूडीएआई से संपर्क कर आधार में सुधार कराया गया। इसके बाद काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो गया।


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