विजया दशमी के अवसर पर सिलीगुड़ी में ढोल नगाड़ों के साथ दुर्गोत्सव का समापन, सिंदूरदान के साथ हुई मां दुर्गा की विदाई
विजया दशमी के अवसर पर मां दुर्गा को भावभीनी विदाई देने के साथ ही पिछले 1 सप्ताह से चले आ रहे दुर्गोत्सव का समापन हो गया । शुक्रवार सुबह से ही सिलीगुड़ी व उसके आस - पास के इलाकों में प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य शुरू हो गया।
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी। विजया दशमी के अवसर पर मां दुर्गा को भावभीनी विदाई देने के साथ ही पिछले 1 सप्ताह से चले आ रहे दुर्गोत्सव का समापन हो गया । शुक्रवार सुबह से ही सिलीगुड़ी व उसके आस - पास के इलाकों में प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य शुरू हो गया। इससे पहले पूजा मंडलों में महिलाओं द्वारा सिंदूर खेल का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं ने मां को सिंदूर लगाते हुए एक दूसरे को भी सिंदूर लगाया। इसी के साथ मां शारदा को धरती लोक से विदाई दी गई।
ढोल नगाड़ों के साथ मां को शहर के महानंदा सहित अन्य कई नदियों में विसर्जित किया गया। भक्तों ने मां को भावपूर्ण विदाई देते हुए फिर से अगले साल आने का निमंत्रण भी दिया। प्रतिमा विसर्जन को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शाम 4:00 बजे से ही सिलीगुड़ी शहर के महानंदा नदी इलाके में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ऐसा किया गया था। क्योंकि आमतौर पर विसर्जन के दिन महानंदा नदी के तट पर काफी भक्तों की भीड़ होती है, ऐसे में आम वाहनों को इजाजत देने से जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती।
इतना ही नहीं प्रतिमा विसर्जन देखने के लिए काफी संख्या में लोग महानंदा ब्रिज व हिलकार्ट रोड इलाके में जमा होते हैं तथा देर रात तक विसर्जन का साक्षी बनते हैं। यह भी एक कारण है जिससे वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक लगा दिया जाता है। शहर के सभी चौराहों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। बताते चलें कि प्रशासन की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग घाट निर्धारित किए गए हैं, ताकि एक ही घाट पर अधिक से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन ना हो, जिससे किसी भी तरह की अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो। पश्चिम बंगाल के प्रमुख उत्सव में से एक दुर्गोत्सव को लेकर एक सप्ताह से काफी धूम धाम का माहौल था। महा पंचमी से हर दिन लोगों ने पंडालों में पहुंचकर मां दुर्गा के दर्शन किए तथा उनसे आशीर्वाद लिए।
कोरोना के दौर होने के चलते कई सारी नियमों का भी पालन करना पड़ा ,लेकिन फिर भी लोगों ने काफी उत्साह का परिचय दिया। लोगों के लिए राहत की बात यह रही कि इस समय कोरोना के काफी कम मामले आ रहे हैं ,जिससे लोगों ने बिना किसी खास चिंता के पूजा मंडप का भ्रमण किया।
मां शारदे की विदाई के साथ ही अब जल्द ही जगधात्री पूजा का शुभारंभ हो जाएगा । इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं । इसी के साथ दीपावली व छठ पूजा तक उत्सव का माहौल रहेगा। लोगों ने कहा कि वह मां से प्रार्थना करते हैं कि वह जब अगली बार आए तो उम्मीद करते हैं कि कोरोना जैसी महामारी का किसी भी रूप में प्रभाव नहीं रहेगा और मां का स्वागत अगली बार और भी जोरदार तरीका से वह करेंगे।
सिंदूरदान के साथ हुई मां दुर्गा की विदाई
सिलीगुड़ी में सिंदूरदान के साथ मां दुर्गा को विदाई दी गई। इस अवसर को लेकर सुबह से ही पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। खासकर महिलाओ की भीड़ देखी गई।जो सिंदूरदान के साथ मां को विदाई देने पहुंची।अवसर को लेकर महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। उन्होंने देवी को सिंदूर लगाकर सुहाग दीर्घायु की कामना की। एक दूसरे को सिंदूर लगाकर पर्व की बधाई दी। ।
घरो में स्थापित देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन दिन के समय किया गया।इसी कड़ी के तहत नाचते गाते हुए श्रद्धालु स्थानीय महानंदा नदी के तट पर पहुंचे जहां पर पूरे विधि विधान के साथ देवी का विसर्जन किया गया। हालांकि अधिकतर पूजा कमेटियों के द्वारा सादगी के साथ पूजाओ का आयोजन किया गया था।इस बारे में महिलाओं का कहना है कि मां को सिंदूर लगाकर उन्होंने सुहाग दीर्घायु की कामना की ।
पान सुपारी मिठाई सहित अन्य सामग्री से माता का पूजन किया । काफी तादाद में महिलाएं भी विसर्जन में शामिल हुई। इस मौके पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। हर कोई देवी को अगले वर्ष जल्दी आने का न्योता देते हुए नजर आ रहा था।