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कोरोना काल में ना बड़ा आयोजन और ना ही भव्य पंडाल

-क्लबों ने छोटे स्तर पर की दुर्गा पूजा की तैयारी -चंदा कलेक्शन का काम भी करीब-करीब बंद -

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 06:57 PM (IST)
कोरोना काल में ना बड़ा आयोजन और ना ही भव्य पंडाल
कोरोना काल में ना बड़ा आयोजन और ना ही भव्य पंडाल

-क्लबों ने छोटे स्तर पर की दुर्गा पूजा की तैयारी

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-चंदा कलेक्शन का काम भी करीब-करीब बंद

-सरकारी गाइड लाइन का पूरी तरह से होगा पालन

स्नेहलता शर्मा, सिलीगुड़ी: प्रतिवर्ष शहर में धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है। लेकिन कोरोना काल ने पूर्व के त्योहारों की तरह ही दुर्गा पूजा के आयोजन पर भी ग्रहण लगा दिया है। इसबीच,राज्य सरकार ने पूजा के आयोजन के लिए आवश्यक गाइड लाइन जारी कर दी है। इससे इतना तो तय है कि पूजा का आयोजन तो होगा,लेकिन रौनक काफी फीकी होगी। जबकि सिलीगुड़ी शहर में में महीनों पहले ही पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। आनंद और उमंग का वातावरण चारों ओर दिखने लगता है । रथ उत्सव के बाद पूजा की तैयारिया शुरू हो जाती है। किंतु इस वर्ष ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। पूजा को लेकर किसी प्रकार की रौननक नहीं दिख रही है। हांलाकि पहले पूजा आयोजन को लेकर पूजा कमेटियां जिस असमंजस की स्थिति में थी,वह अब नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा के आयोजन को लेकर सरकारी गाइड लाइन जारी करने के साथ ही सभी पूजा कमेटियों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। इससे अब पूजा का मूड बनने लगा है। इससे यह तय हो गया है कि पूजा तो अवश्य होगी किंतु प्रति वर्ष की भाति किसी विशेष प्रकार का आयोजन नहीं किया जाएगा न किसी थीम को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाया जाएगा ।

जेटीएस क्लब हाकिमपाड़ा की ओर से हर साल एक विशेष थीम पर पंडाल बनता है। यह थीम एक महत्वपूर्ण संदेश शहर वासियों को देने का काम करता है। इस पूजा कमेटी की ओर से बताया गया है कि इस बार किसी प्रकार का बड़ा आयोजन नहीं किया जाएगा। छोटे आकार में ही पूजा की जाएगी। सबसे बड़ी बात आíथक व्यवस्था को भी देखना होगा। इस समय दो वक्त की रोटी के लिए लोग जूझ रहे हैं। बाजार तो खुला है किंतु आय ना के बराबर है। ऐसे में चंदा कहा से संग्रह हो पाएगा। लोगों की समस्या को देखते हुए छोटे आकार में ही पूजा की जाएगी। किसी प्रकार की जगमगाती रोशनी की व्यवस्था नहीं होगी।

इसी कड़ी में जातीय शक्ति संघ व पाठागार की ओर से चंपासारी में बड़े पूजा का आयोजन होता है। इस वर्ष कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा। क्लब सचिव अभिजीत कर्मकार ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी का असर सबकी जिंदगी पर बुरी तरह से पड़ा है और दुर्गा पूजा तक बीमारी के खत्म होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। पारंपरिक पूजा ही की जाएगी। इसके साथ ही अगर चंदा एकत्रित हो पाया तो उसका उपयोग जरूरतमंदों की सहायता हेतु करेंगे।

सुब्रत संघ,देशबंधुपाड़ा मे भी पूजा को लेकर किसी प्रकार की रौनक नजर नहीं आ रही है। पूजा कमेटी के पूर्व सचिव पार्थ साहा ने बताया कि जैसा आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है,वैसा नहीं होगा। बहुत ही साधारण तरीके से पूजा की जाएगी। इस समय आíथक संकट का दौर चल रहा है। वहीं कोरोना महामारी के चलते भीड़ भाड़ नहीं करनी है। इन सबको ध्यान में रखकर ही छोटे रूप में पूजा का आयोजन किया जाएगा ।

संघश्री क्लब में भी पूजा बड़े रूप में आयोजित नहीं की जाएगी। छोटे रूप में ही पूजा का आयोजन किया जाएगा। खनिक संघ क्लब के सदस्य सुदीप कुंडू ने बताया कि अभी तक पूजा को लेकर किसी प्रकार की मीटिंग नहीं हुई है। फिलहाल पूजा कैसी होगी इसको लेकर असमंजस की स्थिति है। इससे जाहिर है कि शहर वासियों को घूमने फिरने और एक दूसरे से मिलने का जो आनंद दुर्गा पूजा के समय प्राप्त होता था वह आनंद कोरोना काल में शायद ही इस वर्ष प्राप्त हो पाएगा ।


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