काíतक माह में करना चाहिए यह 10 काम
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी शरद पूíणमा के बाद से काíतक का महीना लग जाएगा। सभी माह में काíत
जागरण संवाददाता ,सिलीगुड़ी : शरद पूíणमा के बाद से काíतक का महीना लग जाएगा। सभी माह में काíतक माह को सर्वश्रेष्ठ माह माना गया है। यह माह पाप का नाश करते व्यक्ति के सभी संकट दूर कर देता है और धन, सुख, समृद्धि, शाति एवं निरोग प्रदान करता है। आओ जानते हैं कि इस माह में कौन से प्रमुख 10 कार्य करना चाहिए।
नदी स्नान : काíतक के पूरे माह में पवित्र नदी में स्नान करने का प्रचलन और महत्व रहा है। इस मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं। मदनपारिजात के अनुसार काíतक मास में इंद्गियों पर संयम रखकर चाद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूर्व ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान नित्य करना चाहिए।
व्रत :इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। काíतकी पूíणमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूíणमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। दीनदान : इस माह में दीपदान का बहुत ही महत्व है। नदी, तालाब आदि जगहों पर दीपदान करने से सभी तरह के संकट समाप्त होते हैं और जातक कर्ज से भी मुक्ति पा जाता है। भूमि पर शयन : इस माह में भूमि पर सोने से मन में सावकिता का भाव निíमत होकर सभी तरह के रोग और विकारों का समाधान होता है। तुलसी पूजा : इस माह में तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस काíतक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है। दलहन खाना मना है: काíतक महीने में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राईं आदि नहीं खाना चाहिए। लहसुन, प्याज और मासाहर का सेवन न करें। तेल लगाना मना है : इस माह में नरक चतुर्दशी (काíतक कृष्ण चतुर्दशी) को छोड़कर अन्य दिनों में तेल लगाना वíजत माना गया है। इंद्गिय संयम : काíतक मास में इंद्गिय संयम में खासकर ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है। इसका पालन नहीं करने पर अशुभ फल की प्राप्ति होती है। इंद्गिय संयम में अन्य बातें जैसे कम बोले, किसी की निंदा या विवाद न करें, मन पर संयम रखें, खाने के प्रति आसक्ति ना रखें, ना अधिक सोएं और ना जागें आदि। दान : इस माह में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। पूजा : इस माह में तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का अवश्य पूजन करना चाहिए।