जड़ी-बूटी से असाध्य रोगों को मिटा रहे मिरिक के धनबहादुर राई, उपचार को कई राज्यों से आते लोग
मिरिक महकमा के तराई स्थित कटहरे गांव निवासी धन बहादुर राई जंगल से विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पतियां खोज कर उसे कूट-पीसकर दवा तैयार करते हैं। लोगो की हड्डी की बीमारी टाॅॅॅॅॅन्सिल पैरालाइसिस गाउट पाइल्स जैसी दुरुह बीमारी को ठीक कर चुके हैं।
मिरिक (दार्जिलिंग), दीप मिलन प्रधान। 'प्रकृति के पास हमारी हर बीमारी का इलाज है। प्राकृतिक जड़ी बूटी से उपचार करने से कोइ भी पुराना रोग बिल्कुल ठीक हो सकता है। यदि जड़ी-बूटी से निर्मित औषधि का प्रयोग पद्धति के साथ किया जा सके।' ऐसा मानना है मिरिक महकमा के तराई स्थित कटहरे गांव निवासी धन बहादुर राई का। उन्होंने कहा कि वह गारंटी से लोगों का प्राकृतिक रुप से उपचार करते आ रहे हैं। 63 बर्षीय धनबहादुर राई साल 1996 से लोगों का जड़ी-बूटी से इलाज कर रहे हैं। वे जंगल से विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पतियां खोज कर उसे कूट-पीसकर दवा तैयार करते हैं। लोगो की हड्डी की बीमारी, टाॅॅॅॅॅन्सिल, पैरालाइसिस, गाउट, पाइल्स जैसी घातक बीमारी को ठीक कर चुके हैं।
कहींं भी बुलाए जाने पर तुरंत पहुंचते हैं धन बहादुर
धन बहादुर राई कहते हैं कि जंगल में ऐसी बहुत सारी औषधीय वनस्पति हैं, जिससे इन सभी रोग का उपचार सिरे से किया जा सकता है। लेकिन अब तक सही ढंग से इन औषधीय वनस्पतियों की खोज न होने से नई पीढ़ी इन औषधीय गुण से परिपूर्ण प्राकृतिक खजाने से अनजान हैं। धनबहादुर राई कहते हैं कि, इतने सालो में तकरीबन दो हजार से ज्यादा लोगों का इलाज किया है। घर में ही औषधि तैयार करके धन बहादुर घर में या फिर कहीं बुलाए जाने पर तुरंत ही पहुंच कर उपचार करते हैं, सबसे बड़ी बात तो यह है कि उनकी दवा से ठीक हुए लोगों ने उन्हें खुशी के बदले विभिन्न उपहार और पुरस्कार से भी नवाजा है।
कई राज्यों से लोग यहां आते इलाज कराने
धनबहादुर राई के घर में दार्जिलिंग कर्सियांग ,मिरिक, सिक्किम , बिहार असम ,कोलकाता, नेपाल से भी उपचार हेतु लोग पहुंच रहे हैं। राई रोगी का उपचार से पहले सभी प्रकार की जांच व जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त लिखित कोई भी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति मिरिक के कटहरे बस्ती में आकर उनसे सम्पर्क कर सकता है। उन्होंने दावा किया कि रोगी को सही उपचार और सन्तुष्टि मिलेेेेगी।