पेशन नीति तथ संबंधित दिक्कतों को दूर करने के लिए विशेष इंतजाम
इन विषयों को लेकर आने वाले समय में पूर्व सैनिकों के परिजनों से गोरखा हिल्स रिकार्ड कार्यालय घूम तथा जिला सैनिक बोर्ड के प्रतिनिधियों से शिकायत दर्ज करवाने की जानकारी दी गई।
कालिम्पोंग, संवादसूत्र। पूर्व सैनिकों तथा उनकी समस्याओं की तरफ प्रशासन का ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से रविवार को ब्लैक कैट डिवीजन के तत्वावधान में रविवार को सेना द्वारा पूर्व सैनिकों तथा उनकी वीरांगनाओं के लिए चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।
रैली में करीब 500 पूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों ने भाग लिया। सेना द्वारा आयोजन का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में सेवा प्रदान कर रहे तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के बीच आपसी संबंध मजबूत करने और पूर्व सैनिकों की समस्या सुनने को बताया। ऐसे कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों ने सभी की समस्याएं बेहतर तरीके से सुनने और उनके समाधान के लिए कार्य करने में आसानी होने की बात कही।
कार्यक्रम के दौरान वीरांगनाओं, वीर नारियों, वीर माताओं तथा द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले दिग्गजों तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। रैली का शुभारंभ मेजर जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, सेवा मैडल, विशिष्ट सेवा मैडल तथा ब्लैक कैट डिवीजन द्वारा किया गया।
इस दौरान सभी सैनिकों की समस्या समाधान तथा सुविधा विस्तार देते हुए परिवारों की समस्या का समाधान किया गया। रैली में विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य जांच, दवाएं, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पूर्व सैनिक अंशदायक स्वास्थ्य योजना, इसीएचएस तथा कैंटीन सीएसडी व्यवस्था की जानकारी दी गई और सेवा उपलब्ध करवाई गई। कार्यक्रम के दौरान दूर दराज के स्थानों से आए पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों को वर्तमान पेंशन नीति के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों तथा केंद्रीयकृत पेंशन प्रोसेसिंग कार्यालय की स्थापना के विषय में जानकारी दी गई और समस्या समाधान के कार्रवाई की गई।
इन विषयों को लेकर आने वाले समय में पूर्व सैनिकों के परिजनों से गोरखा हिल्स रिकार्ड कार्यालय घूम तथा जिला सैनिक बोर्ड के प्रतिनिधियों से शिकायत दर्ज करवाने की जानकारी दी गई। रैली में शामिल होने के लिए वरिष्ठ सैन्य कर्मी तथा शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस दौरान पूर्व सैनिकों की समस्या सुनने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी की समस्या सुनने के साथ ही समाधान का भी भरोसा दिया।