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बड़ी ही तेजी से घूमने लगे हैं कुम्हारों के चाक

-चाइनीज झालर और बत्ती के क्रेज में आई कमी - मिट्टी के दीए और घड़े की बढ़ी काफी मांग

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:02 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:05 PM (IST)
बड़ी ही तेजी से घूमने लगे हैं कुम्हारों के चाक

-चाइनीज झालर और बत्ती के क्रेज में आई कमी

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- मिट्टी के दीए और घड़े की बढ़ी काफी मांग स्नेहलता शर्मा , सिलीगुड़ी : दीपावली पर्व के आते ही कुम्हारों के चाक तेजी से दौड़ने लगे हैं। आधुनितकता के इस दौर में भी मिट्टी के दीपक अपनी पहचान बनाए हुए हैं। जबकि इस समय बिजली की झालरों से शहर का बाजार सजा हुआ है, जिनकी बिक्री जोरों पर हैं। लेकिन चीन के साथ खराब रिश्ते के कारण पहले के मुकाबले अब इसके क्रेज में कमी आई है। ऐसे में शहरवासियों को मिट्टी के दीपक भी बेहद पसंद आ रहे हैं। एक से एक खूबसूरत दीपक बाजार मे उतारे गए हैं। जिनपर बहुत ही बारीकी के साथ कारीगरी की गई है। कुम्हारों के द्वारा दिन-रात एक करके दीपक बनाए जा रहे हैं। जिन्हें बेहद पंसद किया जा रहा है। इस बारे में कुम्हार रंजन पाल ने बताया कि इस समय इन दीपकों की बेहद मांग है। परिवार के अन्य सदस्य भी इस कार्य में जुटे हुए हैं,ताकि समय पर कार्य पूरा हो सके। थोक के भाव में दीपक खरीदे जाएं तो बेहद सस्ती कीमत पर उपलब्ध है। तीन सौ रुपये में एक हजार दीपक उपलब्ध है। वहीं बड़े दीपक की कीमत एक सौ बीस रुपये हैं। हांलाकि शहर में दर्जन के हिसाब से इन दीपकों की कीमत आसमान छूती है। इस समय त्योहारी मौसम चल रहा है। कार्तिक महीने में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। नदी, तालाब और मंदिरों में दीपक जलाए जाते हैं। छठ पर्व के अवसर पर भी घाट पर दीपक जलाए जाते हैं। इस महीने में मिट्टी के दीपकों की मांग बढ़ने लगती है। किस चीज की बढ़ी मांग

मिट्टी की सुराही

युवा पीढ़ी फिर से मिट्टी के बर्तनों की ओर लौटने लगी हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी के बर्तन में रखा पानी और पकाया गया भोजन बेहद लाभदायक है। ऐसे में मिट्टी की सुराही का जमाना फिर से लौट आया है। गर्मियों के मौसम में मिट्टी की सुराही में रखे पानी को तरजीह दी जाने लगी है।

मिट्टी की कढ़ाई

मिट्टी से बनी कढ़ाई की भी खूब मांग बढ़ी है। ये कढ़ाई पसंद की जाने लगी है। ऐसा माना जाता है कि मिट्टी की कढ़ाई में बना खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

वींड चेम

ऐसा माना जाता है कि वींड चेम से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पहले जहां मेटल के वींड चेम पसंद किए जाते थे अब वहीं मिट्टी के वींड चेम पसंद किए जाने लगे हैं। इनकी खूब मांग बढ़ी है।

मिट्टी के घड़े

मिट्टी के घड़ों की भी मांग बढ़ी है। घड़ों का उपयोग पानी रखने के लिए किया जाता है अब वहीं इसका उपयोग घर की सजावट में भी होने लगा है। खासकर घर का कोना इन घड़ों से सजने लगा है। कीमत

मिट्टी के दीपक : 300 में एक हजार

मिट्टी की सुराही: 100 से 140 रुपये

मिट्टी की कढ़ाई : 30 से 70 रुपये

मिट्टी का घड़ा: 120 से 200 रुपये


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