West Bengal: भाजपा सांसद राजू बिष्ट बोले, गोरखा पूरी तरह सुरक्षित
Darjeeling BJP MP Raju Bisht. सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग की चिर परिचित समस्या का स्थाई समाधान केंद्र की सरकार और भारतीय जनता पार्टी निकालेगी।
सिलीगुड़ी, अशोक झा। Darjeeling BJP MP Raju Bisht. मोदी हैं तो मुमकिन है इस बात को देश का बच्चा-बच्चा समझने और जानने लगा है। मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में जिस प्रकार देश की प्रत्येक सीमाओं को पूरी तरह सुरक्षित किया जा रहा है, उसी तरह देेेश के कोने-कोने में बसे गोरखा भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। गोरखा को किसी प्रकार से डरने है जरूरत नहीं है। यह कहना है भाजपा व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट का। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे में गोरखा मेला और मिलन मोड़ में गोरखाओ द्वारा उठाए गए समस्या पर बोल रहे थे।
दैनिक जागरण से बात करते हुए सांसद ने कहा कि दार्जिलिंग की चिर परिचित समस्या का स्थाई समाधान केंद्र की सरकार और भारतीय जनता पार्टी निकालेगी। केंद्र की सरकार जिस प्रकार लगातार देश की प्रत्येक सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही हैं, उसी प्रकार देश के वीर गोरखा को किसी प्रकार का कोई परेशानी ना हो इसका भी ध्यान दे रही है। राजू बिष्ट गोरखा समुदाय द्वारा उनकी अस्मिता सुरक्षा की मांग पर उठाए गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे। बिष्ट ने कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नए संकल्प पत्र के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। 2019 में उनके द्वारा किए गए संकल्पों को वे जरूर पूरा करेंगे। इस संकल्प को पूरा करने में राज्य सरकार चाहे जितनी भी बाधाएं उत्पन्न करें वे जनता के हित में इन सभी कार्यों को पूरा करेंगे।
सीमा और घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने के लिए सरकार एक साथ कई मोर्चों पर काम कर रही है। मकसद है बॉर्डर को पूरी तरह सील करना। अभी तक बॉर्डर के अधिकांश हिस्से में जो कंटीली तार लगी है, उसे आसानी से काटा जा सकता है। कई जगह पर यह देखा गया है कि घुसपैठिये उस तार को काट कर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। लेकिन अब जो बाड़ या तार लगाई जा रही है, उसे काटना आसान नहीं है। खासतौर पर कोई भी घुसपैठिया सामान्य औजारों की मदद से उस तार को नहीं काट सकता। एक किलोमीटर में इस बाड़ को लगाने का खर्च 3.50 करोड़ रुपये आ रहा है। अभी तक बॉर्डर के ज्यादातर हिस्से में जो कंटीली तार लगी है, उसे घुसपैठिये नुकसान पहुंचा देते हैं। बॉर्डर पर घुसपैठ रोकने के लिए बाड़ लगाने के अलावा स्मार्ट फेंसिंग पर भी काम चल रहा है। इसके लिए इजरायली सिस्टम की मदद ली जा रही है।
तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह खुद इजरायल जाकर इस सिस्टम की खूबियां जानकर आए थे। उसके बाद असम के धुबरी जिले में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) लगाने की शुरुआत की गई। सीआईबीएमएस सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिकली क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्नोलॉजी के जरिए बॉर्डर की सुरक्षा को पुख्ता बनाता है। यह सिस्टम उन जगहों पर लगता है, जहां बाड़ आदि लगाना संभव नहीं होता। बांग्लादेश के साथ लगती 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंपी गई है। इस बॉर्डर पर कई इलाके ऐसे हैं, जहां भौगोलिक बाधाओं के कारण फेंसिंग (बाड़) लगाना संभव नहीं है। उत्तर बंगाल से सटे असम के धुबड़ी जिले का वह 61 किलोमीटर लंबा सीमा क्षेत्र, जहां से ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में प्रवेश करना आरंभ करती है। ब्रह्मपुत्र और उसकी कई सहायक नदियों का विषम परिक्षेत्र सीमा निगरानी को एक मुश्किल और चुनौती भरा कार्य बना देता है। विशेष रूप से बरसात के मौसम में बीएसएफ को घुसपैठ रोकने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मवेशी तस्करी रोकने में यह काफी सफल होगा।उन्होंने कहा कि
पशु तस्कर और दूसरे घुसपैठिये भी बरसात का इंतजार करते रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय ने तीन साल पहले इस तकनीक की मदद लेने का फैसला लिया था। इलेक्ट्रॉनिक क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्नोलॉजी पर काम करने वाला सीआईबीएमएस सिस्टम सेंसर प्रणाली और कैमरों की मदद से सर्विलांस करता है। इससे भी विरोधियों को परेशानी हो रही है। सांसद ने कहा कि राज्य सरकार अगर जमीन संबधित समस्या का समाधान कर दे तो दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र में इतने उधोग लगाए जाएंगे कि इस क्षेत्र के युवाओं को बेरोजगारी से मुक्ति मिलेगी।