Tea Gardens Of Dajirling: दाजिर्लिंग के तीन चाय बागान पांच साल तक के लिए बंद
Tea Gardens Of Dajirling पहाड़ के तीन चाय बागानों डोटेरिया कालेज घाटी और पेशोक को लगभग पांच साल तक के लिए बंद कर दिया गया है।
दार्जिलिंग,जागरण संवाददाता। Tea Gardens Of Dajirling: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विनय गुट व दार्जिलिंग तराई- डुवार्स प्लांटेशन यूनियन ने बताया कि पहाड़ के तीन चाय बागानों डोटेरिया, कालेज घाटी और पेशोक को लगभग पांच साल तक के लिए बंद कर दिया गया है। बंद की आधिकारिक तौर पर घोषणा चाय बागान के मालिक से मिली सूचना के आधार पर की गई है। हालांकि राज्य सरकार ने कुछ वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय इन बागानों में कार्यरत श्रमिकों को ध्यान में रखकर लिया है।
गौरतलब रहे कि बुधवार को इन चाय बागानों में तालाबंदी की आधिकारिक घोषणा की गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2018 मई से इस साल अक्टूबर 2019 तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इन चाय बागानों के हर श्रमिक को प्रति माह 1,500 रुपये की राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।
लेबर यूनिक की अध्यक्ष पदाधिकारी करुणा गुरुंग ने बताया कि श्रमिक अपने मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पीएफ खाता संख्या और बैंक खाता संख्या की छाया प्रति श्रम कार्यालय में जमा कर दें। सोमवार से राशि के वितरण के लिए इन कागजों की जांच शुरू की जाएगी। इसके लिए फार्म भी दिए जाएंगे, जिनके पास है फार्म है वे उसने अपने पास रखें रहें।
सेवानिवृत्त और काम करने के लिए बाहर गए जिन श्रमिकों ने अपने पीएफ की सभी राशि निकाल ली है, इस वित्तीय सहायता को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। केवल वे जो वर्तमान में काम कर रहे हैं वहीं इसके लिए वैद्य माने जाएंगे। इन तीनों बागानों में क्रमश: 1354, 642 और 570 लेबर हैं। ट्रेड यूनियन ने यह भी कहा कि वे राज्य के साथ बंद चाय बागानों के मुद्दे को उठाया था कई बार तब कहीं जाकर सरकार ने यह निर्णय लिया।
रविवार को एक सार्वजनिक बैठक की जाएगी। जिसमें श्रमिकों को सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से अवगत कराया जाएगा। सोमवार को वे लोगों को बनाने के लिए पेशोक में बैठक करेंगे। हम यह नहीं कह सकते कि सरकार वित्तीय सहायता कब तक प्रदान कर देगी। इन बंद चाय बागानों को कोई भी कंपनी खरीदना चाहेगी, या फिर इन्हें को-ऑपरेटिव में चलाया जाएगा। वे ऐसा कर सकते हैं।
करुगा गुरुंग ने यह भी कहा कि श्रमिकों को चाहिए पूजा बोनस भी प्राप्त करें, जिसके लिए उन्होंने ज्ञापन भी प्रस्तुत किया है सरकार को। बहुत सारे इच्छुक खरीदार थे, इससे पहले लेकिन लॉकआउट घोषित नहीं होने के कारण वे इसे नहीं खरीद सकते थे।