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कोरोना के लक्षण छुपा रहे हैं लोग, खुद कर रहे इलाज

-दवा दुकानों में बुखार की दवा लेने वालों की संख्या बढ़ी -झोला छाप डॉक्टरों से भी साध रह

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 06:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 06:33 PM (IST)
कोरोना के लक्षण छुपा रहे हैं लोग, खुद कर रहे इलाज

-दवा दुकानों में बुखार की दवा लेने वालों की संख्या बढ़ी

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-झोला छाप डॉक्टरों से भी साध रहे हैं संपर्क

-समय पर इलाज नहीं तो बिगड़ेगी मरीज की स्थिति

-निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य ने भी जताई चिंता जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी : शहर और आसपास के इलाके में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हर दिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। राज्य सरकार लॉकडाउन आदि के माध्यम से इस बीमारी पर काबू पाना चाहती है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या है आमलोगों में जागरूकता की कमी। ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं है जो कोरोना के लक्षण को छुपा रहे हैं और स्वयं अपनी बीमारी का इलाज कर रहे हैं। दवा दुकानों से बुखार और खांसी की दवा लेकर समझते हैं कि ठीक हो जाएंगे। कहा जा जाता है कि डॉक्टर और वैद्य से कुछ नहीं छिपाना चाहिए, लेकिन लोग इसे मान नहीं रहे हैं। ऐसे में उनकी सेहत पर ये काफी भारी पड़ रहा है। बाद में जब कोरोना जाच में वे पॉजिटिव आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। लोगों को इस समय कोरोना लक्षण को लेकर सजग और सतर्क रहने की जरूरत है।

मिली जानकारी के अनुसार अधिकाश लोग सर्दी, जुकाम, खासी, बुखार छिपाकर उसका इलाज झोलाछाप से करा रहे हैं। गाव-गाव घूम रहे झोलाछाप कहीं खुद ही कोरोना के कैरियर न बन जाएं, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। मर्ज को छिपाने के कारण लोग अपनी मौत को दावत दे रहे हैं। इन दिनों कोविड अस्पताल में जो मरीज आ रहे हैं उनसे ये पता चल रहा है कि सर्दी जुकाम होने पर पहले से ही चुपके-चुपके मेडिकल स्टोर से दवा खाते रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई झोलाछाप डॉक्टर हैं। लोग सर्दी-जुकाम होने पर पहले मेडिकल स्टोर से दवा लेते हैं। उसके बाद जब आराम नहीं होता है तो अपने करीब के झोलाछाप डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंच जाते हैं। झोलाछाप डॉक्टर बुखार के मरीजों का तापमान नापने के लिए मुंह में थर्मामीटर डालते हैं, फिर उसे निकाल सामान्य तरीके से धोकर कर रख लेते हैं। अन्य स्थान पर पहुंच यही थर्मामीटर दूसरे मरीज के मुंह में डाल देते हैं। पूर्व के मरीज का लार दूसरे मरीज के मुंह में चला जाता है। अब इनमें से एक भी मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव निकला तो पूरी चेन बनने का खतरा हो सकता है। इतना ही नही झोलाछाप डॉक्टर ऐसे मरीजों को महंगी दवा देकर जेब भर रहे हैं। इस मामले में सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के स्वास्थ्य विभाग के सदस्य शकर घोष का कहना है कि ऐसा हो रहा है इससे इंकार नही किया जा सकता। इससे बचने का एक ही तरीका है किस्वास्थ्य जाच में तेजी आए। इंतजामों को दुरुस्त करना होगा। उन्होंने इस प्रकार की प्रविृत्ति पर चिंता जताई है।

इस मामले में जलपाईगुड़ी के भाजपा सासद सह चिकित्सक डॉ जयंत राय ने कहा कि नगर निगम का एक बड़ा हिस्सा उनके लोकसभा क्षेत्र में है। यहा जन जागरूकता के साथ पर्याप्त मात्रा में चिकित्सा का अभाव है।

कोरोना काल में बरतें ये सावधानी

-मर्ज को छिपाने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करें। उनकी सलाह पर ही दवा लें।

-कोई भी आपके घर आए तो पहले उसके हाथ को सैनिटाइज करें फिर उससे मिलें।

-थर्मामीटर मुंह में डालना जरूरी हो तो उसे अपने सामने ठीक से धुलवाएं।

-दवा किसके द्वारा और कितनी सफाई से दी जा रही है, इसका विशेष ख्याल रखें।


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