अनलॉक मतलब सब कुछ सामान्य समझने की भूल से बिगड़ी स्थिति
-शारीरिक दूरी नहीं बना रहे हैं लोग -मास्क को लेकर भी काफी लापरवाही -कोरोना संक्र
-शारीरिक दूरी नहीं बना रहे हैं लोग
-मास्क को लेकर भी काफी लापरवाही
-कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी
-सिर्फ नगर निगम क्षेत्र में 16 की मौत शिवानंद पांडेय, सिलीगुड़ी :
सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, इससे मंत्री से लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग तक की नींद हराम हो गई है। जहां सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में 20 मई से पहले कोरोना वायरस के 20 से 25 मामले सामने आए थे। उसके बाद मामले में बढ़ोत्तरी शुरू हुई। एक जून से अनलॉक के बाद तो कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी शुरू हो गई। अब तो कोरोना मरीजों की संख्या करीब पांच सौ पार हो गई है। इसके अलावा सिर्फ सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमित 16 मरीजों की मौत हो चुकी हैं।
अचानक कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के कारण क्या हो सकते हैं, इस पर स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन की ओर से मंथन जारी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के लिए लोग खुद जिम्मेदार है। स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी के गंभीर परिणाम सामने आ रहे है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने पूरे देश में 24 मार्च से लॉकडाउन कर दिया था। 31 मई तक लॉकडाउन में पूरा देश बंद था। जरूरी कार्य छोड़कर लोगों को घर निकलने पर पाबंदी थी। जरूरत की ही दुकानें खुलती थी। बाकी दुकानें बंद रहती थी। पिछले महीने एक जून से देश में अनलॉक की घोषणा कर दी गई। इसमें बाजार-हाट खुलने लगे। आठ जून से जब अनलॉक दो शुरू हुआ तो शॉपिंग मॉल भी खुल गए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अनलॉक को ही लोगों ने सब कुछ सामान्य मान लिया। स्वास्थ्य विभाग के गाइड-लाइन की अनदेखी की। लोग लापरवाही बरतने लगे। ये खुद ही भीड़ का हिस्सा बनने लगे हैं। एक बाइक पर तीन-तीन लोग बैठ कर बिना डर-भय के धड़ल्ले से जा रहे हैं।
कोरोना काल में घर से बाहर हर हाल में मास्क का उपयोग करना है। मास्क से हर समय नाक से मुंह तक ढका रहना चाहिए। हाथ को नाक-कान, मुंह तथा आंख के पास ले जाने से बचना चाहिए। जबकि लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान जहां 95 से सौ प्रतिशत लोग मास्क का उपयोग करने लगे थे, अनलॉक शुरू होने के साथ लोगों की लापरवाही भी बढ़ने लगी। अब सौ लोगों में 50 लोग ही मास्क का उपयोग करते हुए देखे जा सकते हैं।
एनबीएमसीएच पैथोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कल्याण खान का कहना है कि सबसे पहले लोगों को यह समझना होगा कि अनलॉक होने से ही सब कुछ सामान्य नहीं हो गया है। लॉकडाउन में जहां सबकुछ बंद था, वहीं अनलॉक में लोगों को राहत दी गई है। सब कुछ सामान्य नहीं किया गया है। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को हर हाल में शारीरिक दूरी बनाकर रहना होगा। घर से बाहर निकलने के बाद हर समय मास्क से मुंह तथा नाक ढका रहना चाहिए। किसी से बात भी कर रहे हैं, तो मास्क नहीं हटाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मास्क का लोग उपयोग करें, कहीं भी किसी भीड़ का हिस्सा ना बनें। इसके लिए खुद का विवेक होना चाहिए। यदि लोग ऐसा नहीं करते हैं तो स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस को कड़े कदम उठाते हुए बिना मास्क का घूम रहे लोगों पर कार्रवाई करते हुए दंड लगाना चाहिए।
सिलीगुड़ी में कोरोना वारयरस के मामले बढ़े हैं। बाहर से आने वाले लोग संक्रमित थे। यहां आने के बाद उनके संपर्क में जो लोग आए,वो संक्रमित हुए हैं। इसके अलावा लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है। संक्रमण होने से बचने के लिए कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी होनी जरूरी है। अगर लोग बाजार जा रहे हैं तो कोशिश रहनी चाहिए 30 मिनट के अंदर खरीदारी कर घर वापस चले जाएं। किसी भी हाल में हाथ की सफाई करना तथा मास्क का उपयोग करना लोग ना भूलें। जागरूकता ही कोरोना वायरस से बचा सकता है।
-डॉ सुशांत कुमार राय,ओएसडी