अब योग दिवस पर पत्र को लेकर राज्यपाल व सरकार में विवाद
राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के साथ ममता सरकार का टकराव एक बार फिर उजागर हुआ है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के साथ ममता सरकार का टकराव एक बार फिर उजागर हुआ है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर राज्यपाल द्वारा सीधे विश्वविद्यालय के कुलपतियों को लिखे पत्र को लेकर टकराव है। कुलाधिपति की हैसियत से राज्यपाल सीधे विश्वविद्यालय के कुलपतियों को किसी विषय पर पत्र लिख ही सकते हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इससे सहमत नहीं है। उन्होंने राज्यपाल द्वारा सीधे विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र लिखने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
चटर्जी ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्यपाल को सोचना चाहिए कि सीधे कुलपतियों को पत्र लिखने का अधिकार उनके संवैधानिक दायरे में आता है या नहीं। किसी भी मुद्दे पर सरकार को अंधकार में रखकर राज्यपाल कोई कदम नहीं उठा सकते है। अब तक तो यही होता रहा है कि राज्यपाल को विश्वविद्यालय या कुलपतियों के बारे में कुछ कहना होता था तो वह शिक्षा विभाग को भी सूचित करते थे लेकिन इस बार उन्होंने सरकार को अंधकार में रखकर सीधे कुलपतियों को पत्र लिखा है, जो उचित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी राज्यपाल के साथ ममता सरकार का टकराव उजागर हो चुका है। कानून व्यवस्था से लेकर कई मुद्दों पर राज्यपाल सरकार के रवैए असहमति जता चुके हैं। पिछले साल उत्तर 24 परगना के बादुडिय़ा में ङ्क्षहसा होने पर राज्यपाल ने जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर इस बारे में जानने की कोशिश की तो वह भड़क गई थीं। ममता ने सीधे राज्यपाल पर धमकी देने का आरोप मढ दिया और कहा कि वह इस तरह उनसे जवाब तलब नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री और राज्यपाल में कुछ दिनों तक टकराव की स्थिति रही लेकिन बाद में ममता ने एक विशेष मौके पर राजभवन जाकर उन्हें राखी बांधकर आपसी मतभेद को दूर किया। इधर पंचायत चुनाव में ङ्क्षहसा और भाजपा समर्थकों पर हमले के बाद सरकार के साथ राज्यपाल का टकराव फिर सतह पर आ गया है।