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कोरोना संकट के बीच भी शुरू नहीं हुई सीटी स्कैन की सुविधा

-पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर भी उपलब्ध नहीं -रोगियों और उनके परिजनों को हो रही है

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 06:20 AM (IST)
कोरोना संकट के बीच भी शुरू नहीं हुई सीटी स्कैन की सुविधा

-पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर भी उपलब्ध नहीं

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-रोगियों और उनके परिजनों को हो रही है परेशानी

-निजी लैब वाले भर रहे हैं अपनी झोली

-बस साफ-सफाई पर ही है विशेष जोर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के महामारी का रूप ले लिया है। इस राज्य में भी कोरोना वायरस के 50 मामले आ चुके हैं। इससे अछूता सिलीगुड़ी भी नहीं है। जहां पिछले दिनों उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित महिला की मौत हो चुकी है, वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित चार अन्य मरीज भर्ती है। ऐसी स्थिति में मेडिकल अस्पताल के स्वास्थ्य परिसेवा पर नजर डाली जाए, तो चौकानें वाले मामले सामने आएंगे। मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में जहां वेंटिलेटर की कमी है, वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में तीन साल से ज्यादा समय से खराब सीटी स्कैन मशीन की न तो मरम्मत कराई जा सकी और ना ही इसके जगह पर दूसरी मशीन की व्यवस्था की गई है। कोरोना वायरस महामारी के बीच भी सीटी स्कैन की सुविधा शुरू करने के प्रति मेडिकल अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है। सिटी स्कैन की सुविधा नहीं होने से मरीजों को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि एनबीएमसीएच में सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में तीन से चार हजार रुपये देकर सिटी स्कैन कराना पड़ रहा है। बताया गया कि एनबीएमसीएच में सीटी स्कैन कराने के लिए प्रत्येक दिन 35 से 50 मरीज आते हैं। खासकर दुर्घटनाओं में घायल व न्यूरो संबंधी समस्याओं वाले मरीजों का हर हाल में सीटी स्कैन कराना पड़ता है। सीटी स्कैन कराने वाले मरीजों को एनबीएमसीएच से सिलीगुड़ी जिला अस्पताल के सीटी स्कैन सेंटर में रेफर कर दिया जाता है। जिला अस्पताल में आने पर मरीजों के एक-एक सप्ताह बाद का समय मिलता है। ऐसे में विवश होकर मरीजों को निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में कराना पड़ता है। दूसरी ओर इन तमाम समस्याओं के बीच अच्छी खबर यह है कि यहां साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर एक तरह से कहें तो बस साफ-सफाई पर ही विशेष ध्यान है। इस बारे में एनबीएमसीएच की अधीक्षक डॉ कौशिश समद्दार से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकरी।


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