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चुनाव प्रचार : दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलों

-वोट देने और दिलवाने के लिए किया जा रहा आग्रह मोबाइल का हो रहा जमकर इस्तेमाल -फै

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 05:41 PM (IST)
चुनाव प्रचार : दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते चलों

-वोट देने और दिलवाने के लिए किया जा रहा आग्रह, मोबाइल का हो रहा जमकर इस्तेमाल

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-फैलाया जा रहा अफवाह गुप्त कैमरा से होगा मतदाताओं पर निगरानी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का चुनाव उत्तर बंगाल में मतदाताओं को रिझाने के लिए इन दिनों मोबाइल का सहारा लिया जा रहा है। उत्तर बंगाल में कुल आठ लोकसभा क्षेत्र के 54 विधानसभा क्षेत्र में होना है। 10 अप्रैल को उत्तर बंगाल में चौथे चरण के चुनाव में मतदाता अपने वोट डालेंगे। इस चुनाव में सबसे बड़ी बात जो सामने आ रही है वह है दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते चलो। यह हाल हिल्स, तराई और डुवार्स के साथ बांग्लादेश नेपाल और भुटान सीमावर्ती क्षेत्र में देखे जा रहे है। वोटर के पास जो भी दल के प्रत्याशी जा रहे है उसे वे आपके साथ ही का वादा दोहरा रहे है। चुनावी गणित में अपनी जीत के लिए प्रत्याशी अब ज्यादातर मतदाताओं से मोबाइल से ही वोट मांग रहे है। इसमें न जो जान की जोखिम है और शारीरिक मेहनत। गांव में ऐसा ही कोई परिवार होगा जिसके पास मोबाइल नहीं है। कुछ दलों के समर्थकों द्वारा तो यहां तक कहा जा रहा है कि यह भी अफवाह फैलाया जा रहा है कि मतदान केंद्रों में ऐसा गुप्त कैमरा लगा होगा जिससे पता चल जाएगा कि वोट किसे मिल रहा है। इस प्रकार के अफवाह से ग्रामीण पशोपेश में है और इसकी शिकायत अपने नेताओं तक पहुंचा रहे है। इतना ही नहीं नेताओं ने सभी बुथ स्तर के नेताओं को स्पष्ट कहा है कि अगर उनके बुथ में वोट कम मिले तो उन्हें आने वाले दिनों में पार्षद या पंचायत में उन्हें टिकट नहीं मिलने वाला है। इसके बाद भी पार्टी के अंदर भीतरघात का खेल तेज हो गया है। जो अपने पार्षद को ही हराना चाहते है वे अपने वार्ड में उन्हें पराजित कराकर उनका टिकट कटवाने की कोशिश में लगे है। इतना ही नहीं बिहार के तर्ज पर यहां भी जात पात की राजनीति हावी हो गयी है। यहां जिस जाति में जिसका दबदबा है उसके साथ बैठक कर उसने वोट बटोरने की कोशिश की जा रही है।

इसका सीधा फायदा प्रत्याशी उठा रहे है। वीडियो कॉल के माध्यम से तो प्रत्याशी उसके पास नहीं जाकर भी आमने-सामने बात कर रहे है। कई प्रत्याशियों और नेताओं से बात करने पर पता चला कि वोटरों से वार्डो में चुनाव प्रचार हाइटेक हो गया है। कोई मतदाता अगर आनाकानी करता है तो पास बैठे नेताओं से उनकी सीधी बातें करवा दी जा रही है। वोट मागने तथा मतदाताओं से समर्थन मागने के तरीके बदल गए हैं। यह पढ़कर पाठकों को आश्चर्य भी लगे कि बंगाल में मतदाताओं से मोबाइल के माध्यम से वोट मांग रहा है। बंगाल के मतदाताओं के रिश्तेदार जो बंगाल के बाहर है उसे भी अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए आग्रह किया जा रहा है। साधारण उम्मीदवार जहा गली-गली नाप रहे हैं, वहीं संपन्न प्रत्याशी मोबाइल के माध्यम से मतदाताओं से समर्थन माग रहे हैं। मतदाताओं पर अपना प्रभाव कायम करने के लिए इलाके के बड़े नामचीन लोगों का साथ लिया जा रहा है। प्रत्याशी व्हाट्सअप गु्रप बनाकर अपनी गतिविधियों को बता रहे हैं। मतदाताओं पर प्रभाव डालने के लिए मोहल्ले की बड़ी हस्तियों को शामिल किया जा रहा है। दो मई को चुनाव का परिणाम आना है। प्रत्याशी बनने के साथ ही गांव के एक-एक गलियों को प्रत्याशियों ने नाप लिया है। प्रत्याशियों की ओर से अभी से मतदाता पर्ची तैयार किया जा रहा है। गांव में प्रत्याशी खुद पर्ची को बाटने को कह रहे है तो कई जगह उनके समर्थक। प्रत्याशियों के पक्ष में उनके पार्टी के नेताओं द्वारा भी समर्थन जुटाए जा रहे हैं। प्रत्याशियों की ओर से लुभावने वायदे भी किए जा रहे हैं। दलगत आधार पर चुनाव होने से एक-एक वार्ड में विचारधारा की लड़ाई हावी हो रही है। बाहर के आए प्रत्याशी खुद का क्षेत्र से कनेक्शन जोड़कर लोगों के बीच जा रहे है।


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