मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- तृणमूल के लिए काम करनेवाले बेरोजगारों को देंगे नौकरी Kolkata News
बेरोजगार घूम रहे युवक-युवतियों के लिए तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नौकरी की व्यवस्था करेंगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बेरोजगार घूम रहे युवक-युवतियों के लिए तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नौकरी की व्यवस्था करेंगी। उत्तर 24 परगना के बीजपुर में आयोजित सभा में सीएम ने स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस के लिए अच्छा काम करनेवाले बेरोजगार युवकों के लिए वह रोजगार की व्यवस्था करेंगी। मंच से ही उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसे युवाओं के बायोडाटा जमा करने का निर्देश दिया।
माना जा रहा है कि नौकरी के प्रलोभन के जरिए ममता पार्टी को मजबूत करना चाहती हैं ताकि 2021 में चुनाव आसानी से जीती जा सके। ममता बनर्जी ने कहा बाकौल सीएम, मैं चाहती हूं कि बेकार घूम रहे युवा मेरे पास आएं। इन सबके लिए मैं नौकरी की व्यवस्था करना चाहती हूं। मंच से अपने नेताओं को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि गरीब युवक-युवतियों से पार्टी का काम कराएं।
मुख्यमंत्री ने वादा किया कि उनमें से जिन्हें सख्त जरूरत होगी, उनके लिए कहीं न कहीं नौकरी की व्यवस्था वह जरूर करेंगी। मौके पर उन्होंने यह बताया कि वह हमेशा भी कहा कि इस दौरान यदि किसी की मौत होती है, वह उसके परिजनों के लिए नौकरी का इंतजाम करेंगी।
मौके पर उन्होंने स्पष्ट किया कि जो हर समय उनके लिए खड़े होते हैं, यदि किसी कारणवश उनकी मृत्यु भी होती है तो वह उनके परिजनों के लिए नौकरी की व्यवस्था करती हैं। इसके लिए उन्होंने कई उदाहरण भी दिए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि संदेशखाली में राजनीतिक ¨हसा का शिकार हुए भाजपा कर्मी के परिवार भी यदि चाहें तो उनके लिए भी वह नौकरियों का इंतजाम कर सकती हैं।
बैलेट पेपर की वापसी के लिए करेंगे आंदोलन
भारतीय चुनाव व्यवस्था में ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर की वापसी की मांग को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने और तेज कर दिया है। ममता बनर्जी ने बताया कि इस मांग के समर्थन में 21 जुलाई को तृणमूल की शहीद दिवस रैली से नए आंदोलन की शुरुआत होगी।
लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम से छेड़छाड़ करने का आरोप भाजपा पर लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए बैलेट पेपर की वापसी एकमात्र रास्ता है। उत्तर 24 परगना के बीजपुर में शुक्रवार को आयोजित सभा में उन्होंने आरोप लगाया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई थी, जिसकी वजह से वे (भाजपा) जीतने में सफल हो गए।
उन्होंने कहा कि देश में कई पोलिंग बूथों पर ईवीएम खराब होने के बाद उसे नई इवीएम से बिना किसी जांच पड़ताल के बदल दिया गया। क्या किसी ने यह जांचने की जहमत उठाई कि वे पहले से लोड थे या नहीं? उन्होंने कहा कि हमने नो आइ कार्ड, नो वोट आंदोलन चलाया था, जिसमें 21 जुलाई 1993 को हमारे 13 साथी शहीद हुए और 100 से ज्यादा घायल हुए। लेकिन हमने सफल हो कर ही दम लिया। उस आंदोलन के शहीदों की याद में हर साल 21 जुलाई को आयोजित होनेवाले शहीद दिवस सभा से हम फिर से नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप