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दिल्ली बैठक से जाप, गोरखालीग किए गए दरकिनार

शनिवार को कालिम्पोंग में हुई जीएमसीसी के बैठक में जाप के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे, लेकिन पर दिल्ली बैठक की कोई चर्चा नहीं हुई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 14 Aug 2017 12:48 PM (IST)Updated: Mon, 14 Aug 2017 12:48 PM (IST)
दिल्ली बैठक से जाप, गोरखालीग किए गए दरकिनार
दिल्ली बैठक से जाप, गोरखालीग किए गए दरकिनार

कालिम्पोंग,[जागरण संवाददाता] । आन्दोलन में हमेशा एकसाथ में होने वाले जाप (जन आन्दोलन पार्टी) को दिल्ली की महत्वपूर्ण बैठक से दरकिनार कर दिया गया। यही नहीं गोरखा लीग को भी बैठक से अलग रखने पर पार्टी ने एतराज जताया है। दोनों ही दल जीएमसीसी के इस रवैये से नाखुश हैं। इसका आंदोलन पर भी असर पड़ सकता है।

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जाप अध्यक्ष हर्क बहादुर छेत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि उनकी पार्टी जीएमसीसी (गोरखालैंड मूवमेंट कोआर्डीनेशन कमेटी) से लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगेगी। शनिवार को कालिम्पोंग में हुई जीएमसीसी के बैठक में जाप के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे, लेकिन पर दिल्ली बैठक की कोई चर्चा नहीं हुई। जीएमसीसी के संयोजक कल्याण देवान को जाप के प्रतिनिधि टासी शेर्पा ने फोन कर दिल्ली बैठक में न बुलाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि जीएमसीसी को वह प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। संयोजक कल्याण देवान से इस तरह का जवाब से जाप जीएमसीसी से असन्तुष्ट है। यदि जीएमसीसी में जाप की उपयोगिता नहीं है तो हमें पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए। 

पत्रकार सम्मेलन में डा. छेत्री ने कहा की हम साथ में काम कर रहे हैं। इसके बाद भी उनके साथ भेदभाव हो रहा है। दिल्ली की बैठक में न ले जाने के कारण पर जाप अनभिज्ञता जता रहा है। उन्होने कहा कि बाद में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। हाल के घटनाकरम को लेकर डा. छेत्री ने जीएमसीसी को शुभकामना देते हुए जनता के आकांक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि जाप अकेली है। अखिल भारतीय गोरखालीग को भी बैठक से किनारे कर दिया गया। एक तरफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सामूहिक नेतृत्व की बात कर रहा है और दूसरी ओर उच्चस्तरीय बैठक की भनक तक नहीं दे रहे हैं। 

गोरखा लीग के महासचिव प्रताप खाती ने कहा कि ये गोरखालैंड राज्य को पाने के लिए शुभ संकेत नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक में जीएमसीसी से जुड़े चार दल गोजमुमो, क्रामाकपा, गोरानिमो एवं गोरामुमो ने ही सहभागिता की। जाप व गोरखा लीग, कांग्रेस, भागोप सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण बैठक में नहीं ले जाया गया। इससे अब जीएमसीसी के अंदर विवाद शुरू होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।


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