दक्षिण दिनाजपुर की एक पंचायत में 3500 बांग्लादेशियों को दे दिया भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र
वोट की राजनीति देश को किधर ले जाएगी, इसकी चिंता किसी को नहीं। प. बंगाल के द. दिनाजपुर जिले की एक पंचायत में प्रधान ने 3500 बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया है।
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- डाकबंगला निवासी सुमन बर्मन के आरटीआइ से हुआ खुलासा
- पंचायत सचिव ने स्वीकारी प्रधान की गलती
- गृह मंत्रालय ही दे सकता भारतीय नागरिकता : ज्वाइंट बीडीओ
बालुरघाट [संवादसूत्र]। एनआरसी का मुद्दा इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में दक्षिण दिनाजपुर जिले में तृणमूल परिचालित बोर्ड की प्रधान जयंती प्रधान ने बालुरघाट पांच नंबर भाटपाड़ा ग्राम पंचायत इलाके में साढ़े तीन हजार बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण-पत्र दे दिया है। इसका खुलासा बालुरघाट के डाकबंगला के निवासी सुमन बर्मन के आरटीआइ से हुआ है। पंचायत सचिव गौड़चंद्र दत्त ने भी प्रधान की इस भूल को स्वीकारा है।
भाटपाड़ा ग्राम पंचायत के प्रधान जयंती प्रधान ने बताया कि यह पद्धति पहले से जारी है, जितना मैं जानती हूं। बाद में मुझे पता चला कि गलती हुई है। आरटीआइ के बाद ही मुझे अपनी भूल का एहसास हुआ तो मैंने इसमें सुधार किया है।
सुमन बर्मन ने भारतीय नागरिकता के प्रमाण-पत्र को लेकर साथ ही 27 लोगों के नाम व स्थान की सूची देकर आरटीआइ के माध्यम से जानकारी मांगी थी। दो माह के बाद इस जवाब आया। जवाब के बाद पंचायत इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। वैसे सबसे पहले पंचायत प्रधान ने अपनी भूल स्वीकार कर ली। इस संबंध में बालुरघाट के ज्वाइंट बीडीओ ने बताया कि भारतीय नागरिकता का प्रमाण-पत्र केवल गृह मंत्रालय से जारी किया जा सकता है। पंचायत प्रधान की अज्ञानता के कारण ऐसा हुआ होगा। स्थानीय लोगों ने इसे लेकर काफी शिकायत की है।
आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिकों को धड़ल्ले से भारतीय नागरिकता का प्रमाण-पत्र बांटा जा रहा है। पहले भी इस तरह के काम हुए हैं।
आरटीआइ एक्टिविस्ट सुमन बर्मन ने बताया कि बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण-पत्र देकर मतदाता सूची में लाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि इसकी पूरी तरह जांच की जाए और कड़ी कार्रवाई हो।
बालुरघाट की बीडीओ सुस्मिता सुब्बा ने बताया कि भूल किसी से भी हो सकती है। पंचायत प्रधान ने अपनी भूल को संशोधित किया है।