4.12 करोड़ रुपये के गबन मामले में सीबीआइ ने 12 जगहों पर की छापेमारी
यह छापेमारी कालीमाता कृषिपण्य विपणन नामक कंपनी के पांच निदेशकों, एक सीए तथा बैंक के आठ तत्कालिन अधिकारियों समेत 16 लोगों के आवास पर की गई।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान स्थित एक कंपनी द्वारा कोलकाता स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) को 4.12 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने शुक्रवार को कोलकाता, बर्द्धमान, दार्जिलिंग, कूचबिहार, हाजिपुर और सिक्किम के 12 ठिकानों पर छापेमारी की।
यह छापेमारी कालीमाता कृषिपण्य विपणन नामक कंपनी के पांच निदेशकों, एक सीए तथा बैंक के आठ तत्कालिन अधिकारियों समेत 16 लोगों के आवास पर की गई।
बताया गया है कि 2014 में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश के लिए उक्त कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये एसबीआइ के तत्कालीन अधिकारियों को घूस देकर 445 लाख रुपये ऋ ण लिया था और बाद में देने से इन्कार कर गए थे। इन सभी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
एमवीआइ के घर से 5.77 करोड़
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बर्द्धमान में तैनात एक रिश्वतखोर मोटर व्हीकल इस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है। उसका नाम विश्वजीत सरकार है। उसके साथ दो दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम कमल प्रसाद डे और शिशिर राय हैं। विश्वजीत की गिरफ्तारी के बाद उनके आवास की तलाशी ली गई, जहां से पांच करोड़ 77 लाख 72 हजार रुपये बरामद किए गए।
बताया गया है कि रामपुर के परिवहन व्यवसायी अकबर हुसैन ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि विश्वजीत व उनके उक्त दोनों सहयोगी उनकी गाडि़यां रोककर रंगदारी मांगते थे और नहीं देने पर चालान करने की धमकी देते थे। इतना ही नहीं कई गाडि़यों का चालान भी काटा गया। इसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एसीबी ने संभाला व पता चला कि उक्त दोनों दलालों की मदद से विश्वजीत वाहनों को रुकवाते थे और पद के रुतवे का धौंस देकर वसूली करते थे।
रुपये देने से इन्कार करने पर वाहनों के खिलाफ झूठा मामला बनाकर चालान भी काट देते थे। इसके बाद शुक्रवार सुबह एसीबी ने विश्वजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की व उसकी निशानदेही पर तलाशी अभियान चलाया जहां से उक्त रुपये जब्त हुए हैं।