गलत इंजेक्शन लगने से 12 रोगी की हालत अचानक बिगड़ी
कालिम्पोंग जिला अस्पताल में मंगलवार सुबह उस समय अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। जब पुरूष वार्ड में गलत इंजेक्शन लग जाने से 12 रोगी की हालत अचानक बिगड़ी गई।
कालिम्पोंग, संवादसूत्र। कालिम्पोंग जिला अस्पताल में मंगलवार सुबह उस समय अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। जब पुरूष वार्ड में गलत इंजेक्शन लग जाने से 12 रोगी की हालत अचानक बिगड़ी गई। जिसमें एक की हालत चिंताजनक बताई गई है। इस स्थित में अस्पताल में स्थिति को संभाला। वही अस्पताल प्रबंधन ने किसी प्रकार की लापरवाही होने की घटना को अस्वीकार किया है।
सूत्रों के अनुसार इस दिन प्रतिदिन की तरह अस्पताल में सुबह के समय भर्ती रोगियों को इंजेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन देखते-देखते हुए मेल वार्ड में भर्ती 12 रोगियों की हालत गंभीर होने लगी। रोगी कांपने लगे। इसे देखकर अस्पताल प्रबंधन सकते में आ गई। जब तक इंजेक्शन ने अपना प्रभाव छोड़ दिया था। इनमें से ज्यादातर रोगियों को आक्सीजन देने की स्थिति आ गई।
वही वार्ड के 10 नंबर बेड पर 37 वर्षीय बिरू तामांग की स्थिति इतनी खराब हो गई, कि उन्हें फौरन एचडीयू में भर्ती करना पड़ा। इससे पहले बिरू गत शनिवार को बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती हुआ था। सोमवार रात तक उसकी हालत सामान्य थी। वही एसडीयू में भर्ती होने के बाद डाक्टर ने उसके लिवर व किडनी खराब होने की बात कहीं।
इस बारे में बिरू तामांग की पत्नी धनमाया छेत्री ने कहा कि गत शनिवार को बुखार के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। कल तक वे ठीक थे, पर इस दिन अचानक उनके स्थिति खराब होने के कारण उनको एचडीयू में भर्ती किया गया है। कल तक डॉक्टरों ने कुछ नही कहा पर आज उनकों पीलिया होने जिससे लीवर एवम गुर्दा खराब होने की बात कह रहे है। लेकिन अस्पताल के लापरवाही के कारण उनकी ऐसी स्थिति हुई है।
उन्होंने कहा कि इस दिन डाले गए इंजेक्शन के कारण ही उनके शरीर का अंग खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि जैसे भी हो उनके पति को पहले जैसे अवस्था मे लाया जाए। दूसरी और गुम्बाहट्टा निवासी श्रद्धा थापा ने कल रात अपने पिता प्रकाश थापा को सामान्य अवस्था में ही अस्पताल में छोड़कर गई थी पर आज सुबह अस्पताल पहुचंने पर उनके होश उड़ गया, क्योंकि पिता काफी गंभीर अवस्था में थे।
श्रद्धा ने कहा कि कल तक पिता को कम बुखार आ रहा था पर आज इंजेक्शन के बाद बुखार सातवें आसमान पर चढ़ गया। वही इस्टमेन रोड निवासी 70 वर्षीय भरत राई के घटना भी ऐसा ही है। इस्पोनोलाइटिस बीमार होकर थेरपी चल रहे राई को सुबह इन्जेक्सन लगाने के बाद से वे बोल नही पा रहे है। अस्पताल से ऐसे भूल होने पर हम कैसे अस्पताल पर विश्वास रख सखे। भरत राई के बेटे सन्तोष ने कहा कि अस्पताल के साथ बीमारी यहां पर ठीक होने का भरोसा होता है, लेकिन अब यहां पर आकर कैसे विश्वास करें। वही उक्त घटना के बाद अस्पताल प्रशासन के भी होश उड़े हुए है। पुलिस मामले की छानबीन कर रहे है। वही कालिम्पोंग के थाना प्रभारी के नेतृत्व पुलिस का एक दल अस्पताल में मौके पर पहुंचा है।
वही कालिम्पोंग जिला स्वास्थ्य अधिकारी निरूपम विश्वास ने उक्त घटना अस्पताल के लापरवाही होने की बात को अस्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि बुखार आने के बाद इंजेक्शन दिया गया। जिसके बाद और बुखार आने एवं ड्रग्स के रिएक्शन होने का अफवाह फैलाया गया। उन्होंने आगे कहा कि वही इंजेक्शन पिछले पाँच दिनों से सभी वार्ड में चल रहा है पर आज मेल वार्ड में मात्र घटना हुआ, जबकि फिमेल वार्ड, सर्जिकल वार्ड के बीमार रोगियों को कुछ नही हुआ है। उन्होंने घटना के छानबीन करने के लिए मेडिकल टीम करने की बात कहीं। वही अस्पताल के लापरवाही के कारण बिरू के किड्नी एवं लिवर खराब होने के परिवार पक्ष के आरोप अस्पताल प्रशासन ने नकार दिया है।
उन्होंने कहा कि वे बीमार है। पहले से उनका किड्नी खराब था, जांडिस भी था जिसके बाद उनका अवस्था खराब होने के बाद वेन्टीलेशन पर दिया गया है। उनका इलाज के लिए स्पेशल मेडिकल टीम का गठन किया गया है।