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रेलवे का टर्मिनल किराया बढ़ने के उत्तर बंगाल के व्यापारियों में रोष

अचानक रेलवे का टर्मिनल किराया बढ़ा दिये जाने से देश भर के साथ ही उत्तर बंगाल के कारोबारियों में भी काफी रोष देखा जा रहा है। इनका कहना है कि इससे महंगाई और बढ़ेगी।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 11:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 11:05 AM (IST)
रेलवे का टर्मिनल किराया बढ़ने के उत्तर बंगाल के व्यापारियों में रोष
रेलवे का टर्मिनल किराया बढ़ने के उत्तर बंगाल के व्यापारियों में रोष
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अचानक रेलवे का टर्मिनल किराया बढ़ा दिये जाने से देश भर के साथ ही उत्तर बंगाल के कारोबारियों में भी काफी रोष देखा जा रहा है। टर्मिनल से इन और आउट होनेवाले माल के बाबत कारोबारियों से 40 रुपये प्रति टन किराया वसूला जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार रेलवे टर्मिनल में माल इन होने पर भी 20 रुपये प्रति टन और आउट होने पर भी 20 रुपये प्रति टन यानी कुल 40 रुपये प्रति टन अतिरिक्त किराया अब कारोबारियों को रेलवे को देना होगा।
अगर किसी कारोबारी का कोई माल रेल से न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) या अन्य किसी स्टेशन में आया है तो उस कारोबारी को टर्मिनल में माल रखने और वहां से बाहर करने पर 40 रुपये प्रति टन के हिसाब से अतिरिक्त किराया रेलवे को देना पड़ेगा।टर्मिनल किराया अचानक बढ़ाए जाने से कारोबारियों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।लोगों ने भी सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि आखिर रेलवे अचानक इस तरह से किराया कैसे वसूल कर सकती है। बजट से पहले कारोबारियों पर इस तरह अतिरिक्त बोझ सरकार नहीं लाद सकती। अगर सरकार टर्मिनल के नाम पर यह अतिरिक्त किराया रद नहीं करती है तो आम लोगों को महंगाई की मार पड़ेगी। सरकार को यह टर्मिनल किराया लागू करने से पहले सर्वे करने की जरुरत थी।
इस मामले में नॉर्थ बंगाल मर्चेंट्स एसोसिएशन महासचिव संजय टिबड़ेवाल का कहना है कि टर्मिनल किराये के नाम पर रेलवे जो वसूली करने जा रही है, यह एक तरह से दादागिरी टैक्स है। इसे लागू करने से पहले केंद्र सरकार को इसके हर पहलू पर सोच-विचार करना चाहिए था। 
अब इस टर्मिनल किराये से हर सामान के कीमत में आग लग जाएगी और आम जनता खास तौर पर मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोगों की कमर ही टूट जाएगी। उन्होंने कहा कि नॉर्थ बंगाल मर्चेंट्स एसोसिएशन ने जोरदार तरीके से विरोध जताया है। इस किराये को रद करने के लिए संगठन की ओर से रेल मंत्री पियूष गोयल को जल्द ही एक चिट्ठी भी भेजी जाएगी। इसके बावजूद इसे रद नहीं किया गया या इसमें कमी नहीं की गई तो संगठन की ओर से आंदोलन किया जाएगा। 

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