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बजट पर विपक्ष लाल,भाजपा ने की सराहना,विशेषज्ञों में कुछ खुश तो कुछ नाराज

-नए आयकर दर का स्वागत के साथ विरोध भी -विवाद से विश्वास योजना का सबने किया स्वागत -उत्तर बं

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 09:19 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 09:19 PM (IST)
बजट पर विपक्ष लाल,भाजपा ने की सराहना,विशेषज्ञों में कुछ खुश तो कुछ नाराज

-नए आयकर दर का स्वागत के साथ विरोध भी

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-विवाद से विश्वास योजना का सबने किया स्वागत

-उत्तर बंगाल की उपेक्षा पर भड़के मंत्री गौतम देव जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : केंद्रीय आम बजट पर सिलीगुड़ी में मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश किया। आम बजट पर विपक्षी पार्टी के नेताओं ने जहां कड़ी प्रतिक्रिया दी हैं, वहीं भाजपा नेताओं ने इसे हितकारी बजट करार दिया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट पर नेताओं ने कुछ इस प्रकार प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा कारोबारी जगत और आमलोगों में भी बजट को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। विशेषज्ञों की भी मिलीजुल्ी प्रतिक्रिया रही। विशेषज्ञों में कुछ खुश दिखे तो कुछ नाराज।

इस बजट में नया कुछ नहीं है। पूरी तरह से दिशाहीन बजट है। करदाताओं के लिए दो तरह की कर व्यवस्था की घोषणा की गई है। जिसमें एक तरफ राहत देने की बात कही जा रही है, तो दूसरी तरफ पिछले दरवाजे ज्यादा ज्यादा टैक्स वसूलने का रास्ता तैयार किया गया है। पिछले छह वर्षो में उत्तर बंगाल के लिए कोई नई ट्रेन नहीं दी है। बजट से सिर्फ निराशा है।

- गौतम देव, पर्यटन मंत्री बजट से साफ जाहिर होता है कि यह कार्पोरेट घरानों के लिए है। बजट में सिर्फ सपने दिखाए गये हैं। यह वास्तविकता से काफी दूर है। रेल देश की लाभकारी संपत्ति थी। जबकि अब रेल को निजी हाथों में देकर देश को दिवालिया करने की कगार पर सरकार ले जाना चाह रही है। देश की संपत्ति पूंजीपतियों के हाथों में सरकार बेचना चाह रही है।

- शंकर मालाकार, विधायक सह दार्जिलिंग जिला कांग्रेस अध्यक्ष

इस बजट से समाज के आम लोगों का कोई भला होने वाला नहीं है। यह लोगों के पॉकेट पर भारी पड़ने वाला बजट है। बजट पूरी तरह से महत्वहीन व दिशाहीन है। गिरती अर्थव्यस्था को किस तरह से बचाया जाए, इसकी कोई परिकल्पना नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था और खराब होगी।

-अशोक भट्टाचार्य, माकपा विधायक सह मेयर,सिलीगुड़ी नगर निगम वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट पूरी तरह से देश को नई दिशा दिखाने वाला बजट है। पांच लाख रुपये के आय वालों को आयकर के दायरे से बाहर कर सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत दी है। वहीं पांच लाख से साढ़े सात लाख रुपये तक आय वालों को 20 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत टैक्स देना है। इससे भी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि समेत सभी सेक्टर का विशेष ध्यान रखा गया है।

- प्रवीण अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष

आयकर छूट की जो सीमा बढ़ाई गई है वह एक अच्छा कदम है। लेकिन इसका उतना लाभ नहीं होगा, जितना कि प्रचार किया जा रहा है। इसमें कई शर्तें जोड़ दी गई है। बिजनेस इनकम को इसमें शामिल नहीं किया गया है। लाभाश वितरण टैक्स को खत्म करना भी एक स्वागत योग्य कदम है। इससे कॉरपोरेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। विवाद से विश्वास योजना भी अच्छी योजना है। सरकार ने स्टार्टअप को कई फायदे पहुंचाने की घोषणा की है। इससे कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। टैक्स में सरलीकरण भी एक स्वागत योग्य कदम है। सरकार ने जो जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है, यह एक सपने जैसा है। आने वाले वर्ष में तो इतना जीडीपी होना संभव नहीं है।

-सीए संजय गोयल

बजट के बाद शेयर बाजार में जो गिरावट देखी गई है,वह बजट से बहुत ज्यादा उम्मीद के कारण है। अर्थव्यवस्था के सारे पहलुओं का ध्यान इस बजट में रखा गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अलावा कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित सभी क्षेत्रों को बजट से फायदा होगा। आयकर में जो छूट दी गई है, वह मध्यम वर्ग के लिए काफी राहत भरा कदम है। विवाद से विश्वास योजना भी अच्छी योजना है।

-प्रवीण अग्रवाल, आर्थिक सलाहकार

इस बजट में आयकर दर में बदलाव हुआ है। अगर हम नए दर से इनकम टैक्स देते हैं तो धारा 80 सी 24 एवं अन्य धाराओं में कर छूट का लाभ नहीं मिलेगा। तो फिर इस नए दर का क्या फायदा। पुराने दर से ही इनकम टैक्स भरना लाभदायक होगा। ऐसा पहली बार हुआ है कि आयकर के लिए एक साथ दो नई योजनाएं चलाई जा रही है। निवेश में कमी आएगी और इससे देश को नुकसान होगा। टैक्स ऑडिट की सीमा बढ़ाकर पाच करोड़ रुपए कर दी गई है। इससे छोटे व्यापारी लाभान्वित होंगे। डिविडेंड टैक्स को खत्म कर दिया गया है लेकिन इसका लाभ आम निवेशकों को नहीं मिलेगा। कंपनिया इसका लाभ लेगी। पहले जो कंपनी डिविडेंड देती थी वही टैक्स भी भरती थी। कुल मिलाकर यह बजट आख मिचौली से ज्यादा कुछ नहीं है।

- दिलीप अग्रवाल,अधिवक्ता


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