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रेलवे की अच्छी पहल, जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन पर बन रहा है स्तनपान कक्ष

छोटे बच्चों को लेकर ट्रेन में सफर करने वाली महिलाओं के लिए रेलवे ने अच्छी पहल की है। जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन पर स्तनपान कक्ष बनवाया जा रहा है। जानिए स्तनपान कराने के क्या फायदे हैं।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 11:22 AM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 11:22 AM (IST)
रेलवे की अच्छी पहल, जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन पर बन रहा है स्तनपान कक्ष
जलपाईगुड़ी [जागरण संवाददाता]। जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर रेलवे की ओर से ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान) रूम बनवाया जा रहा है। उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे ने पहली बार स्टेशन में यह पहल की है। अलीपुरद्वार रेल मंडल प्रबंधक चंद्रवीर रमन ने कहा कि अलीपुरद्वार डिवीजन के जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन में पहला स्तनपान कक्ष बनाया जा रहा है। एक महीने के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे शिशुओं को लेकर यात्रा करनेवाली माताओं को काफी सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि जलपाईगुड़ी रोड स्टेशन में निर्माणाधीन प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी व वीआइपी वेटिंग रूम के पास ब्रेस्ट फीडिंग रूम का निर्माण किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कई माताओं को दूधमुंहे शिशुओं को लेकर ट्रेन में सफर करते देखा जाता है। अभी तक स्टेशन परिसर में खुले में ही बैठकर उनको अपने बच्चों को स्तनपान कराना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को लोकलाज व अन्य समस्याएं भी होती हैं। इस समस्या के समाधान के लिए उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे ने ब्रेस्ट फीडिंग रूम का निर्माण कराने की पहल की है।  
स्तनपान के फायदे
स्तनदूध आपके शिशु के लिए सर्वोत्तम है, और स्तनपान से न केवल शिशु को पोषण मिलता है, ​बल्कि यह और कई तरीकों से शिशु के लिए फायदेमंद है। स्तनदूध आपके शिशु को वह सब प्रदान करता है, जिसकी जरूरत उसे बढ़ने के लिए होती है। साथ ही, आपके लिए भी इसके बहुत से फायदे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) शिशु को जन्म के पहले छह महीने तक केवल स्तनपान कराने की सलाह देते है। 
लगभग छह महीने पर ठोस आहार शुरू करने के बाद भी आप शिशु को स्तनपान कराना जारी रख सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय शिशु को दो साल का होने तक स्तनपान जारी रखने की सलाह देते हैं। स्तनों के दूध में मौजूद पोषक तत्व उसे लाभ पहुंचाते रहेंगे।
स्तनपान शिशु के लिए किस तरह फायदेमंद है
स्तनदूध शिशुओं के लिए प्रकृति का सबसे बेहतरीन आहार है। स्तनदूध के संघटक आदर्श रूप से आपके शिशु की आंतों के लिए अनुकूल हैं। इसलिए यह आसानी से पच जाता है। स्तनपान शिशु को अपने शरीर का तापमान सामान्य रखने में मदद करता है। उसे गर्माहट प्रदान करने के अलावा, त्वचा से त्वचा का स्पर्श आपके और शिशु के बीच के भावनात्मक बंधन को और मजबूत बनाता है। स्तनदूध शिशु को इनफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इसमे रोगप्रतिकारक (एंटीबॉडीज) होते हैं, जो शिशु की जठरांत्रशोथ (गैस्ट्रोएंटेराइटिस), सर्दी-जुकाम, छाती में इन्फेक्शन और कान के संक्रमण आदि से रक्षा करते हैं। आपके स्तनदूध में पहले से मौजूद रोगप्रतिकारकों के साथ-साथ, आपका शरीर किसी इन्फेक्शन के संपर्क में आते ही उसका नया रोगप्रतिकारक भी बना लेता है। जब आपके शिशु को सर्दी-जुकाम होता है तो जुकाम का विषाणु शिशु से आप तक भी पहुंच जाएगा। ऐसे में आपकी प्रतिरक्षण प्रणाली काम करनी शुरू करती है और विषाणु से लड़ने के लिए रोगप्रतिकारक बनाती है। ये रोगप्रतिकारक आपके दूध में जाते हैं और अगली बार जब आप शिशु को स्तनपान करवाती हैं तो ये शिशु के शरीर में पहुंचकर संक्रमण से लड़ने में शिशु की मदद करते हैं।
स्तनदूध को समय-पूर्व जन्मे शिशुओं और कम वजनवाले शिशुओं के लिए महत्वपूर्ण पाया गया है। फार्मूला दूध की तुलना में शिशु के लिए स्तनदूध को पचाना आसान होता है। स्तमा विकसित होने का खतरा कम हो सकता है। शिशु को कम से कम छह महीनों तक स्तनपान करवाने से उसे बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया से सुरक्षा मिल सकती है।
थोड़ा बड़ा होने पर जब कभी शिशु बीमार हो और कुछ खा न पा रहा हो तो ऐसे में अगर वह स्तनपान कर रहा हो तो उसे काफी आराम मिल सकता है। स्तनदूध उसे जल्दी ठीक होने में भी मदद कर सकता है। टीकाकरण करवाने से पहले या इसके तुरंत बाद शिशु को स्तनपान करवाने से उसे शांत करने में मदद मिल सकती है। यह आपके शिशु को अलग-अलग स्वाद के लिए तैयार करता है। आपके खाने के अनुसार आपके स्तनदूध का स्वाद बदल सकता है मगर फार्मूला दूध में ऐसा नहीं होता। इसलिए आपका शिशु जब ठोस आहार खाना शुरू करेगा, तब उसे नए स्वाद से शायद इतनी दिक्कत नहीं होगी। यह उसके दीर्घकालीन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। स्तनपान करने वाले शिशुओं के सामान्य से अधिक मोटा होने या वयस्क होने पर मधुमेह होने की संभावना कम होती है।
स्तनपान करवाना आपके लिए किस तरह लाभकारी है
स्तनपान कराने से आपके गर्भाशय को सिकुड़ कर वापस गर्भावस्था से पहले की स्थिति में आने में मदद मिलती है। स्तनपान करवाने से थोड़े समय के लिए डिंबोत्सर्जन रुक सकता है, इसलिए कुछ और समय तक आप माहवारी से बची रह सकती हैं। यह आपके और आपके शिशु के बीच के संबंध को और मजबूत करता है और प्रसवोत्तर अवसाद से बचने में मदद कर सकता है।

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