पार्क का सौंदर्यीरण शुरू,लाखों रुपये की हेराफेरी की भी होगी जांच
-16 तारीख को सिलीगुड़ी आएंगे मंत्री रवींद्रनाथ घोष -अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत
-16 तारीख को सिलीगुड़ी आएंगे मंत्री रवींद्रनाथ घोष
-अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत
-पर्यटन मंत्रालय में भी सुगबुगाहट शुरू जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पार्क के सौंदर्यीकरण के नाम पर लाखों रुपये की उगाही के खिलाफ दैनिक जागरण की मुहिम ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पहले जिस पार्क का सौंदर्यीकरण नहीें हो रहा था,उसका सौदर्यीकरण शुरू हो गया। हां लाखों रुपये की हेराफेरी की जो जांच होनी चाहिए वह अभी शुरू नहीं हुआ है। ऐसे उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष ने जांच कराने की बात कही है। राज्य पर्यटन मंत्रालय ने भी पार्क के अधिग्रहण की संभावनाओं पर विचार करने का भरोसा दिया है।
इसबीच, शुक्रवार को पार्क की साफ-सफाई शुरू करा दी गई। बंद पड़ा पानी का फव्वारा तो पहले ही चालू हो गया था। यहां बता दें कि सिलीगुड़ी शहर के उत्तर दिशा का प्रवेश व निकास द्वार सेवक रोड स्थित चेकपोस्ट पर भक्ति नगर थाना के ठीक सामने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 व राज्य सड़क के बीच एक पार्क स्थित है। इस पार्क की अपनी एक अलग महत्ता है। इसी का फायदा उठाकर पार्क के चारों तरफ कई होर्डिग लगाकर कुछ लोग हर साल लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं,लेकिन सरकारी विभागों को कुछ नहीं मिल रहा है। सिलीगुड़ी नगर निगम डिस्प्ले टैक्स के रूप में बस चंद रुपये लेकर ही खुश है।
इस पार्क में लोहे के मोटे-मोटे पोल लगाकर होर्डिग डिस्प्ले हुअ है। जबकि पार्क में सौंदर्यीकरण के नाम पर कुछ पेड़-पौधे व एक फव्वारा ही लगा है। जिसकी देख रेख नहीं होती थी। पार्क में कचरे का अंबार लगा हुआ था। विज्ञापन वाले होर्डिग की देखरेख होती है,क्योंकि उससे मोटी रकम मिलती है। जबकि पार्क की उपेक्षा की जाती थी। दैनिक जागरण ने जब इस मामले का पड़ताल किया तो कई खुलासे हुए। दरअसल इस पार्क को ना तो नगर निगम और ना ही एसजेडीए ने विकसित किया है। इस पार्क को विज्ञापन करने वाली एक कंपनी ने विकसित किया है। सिलीगुड़ी की उस कंपनी का नाम पीएस इंटरप्राइजेज है। पार्क के उद्घाटन संबंधी जो पट्टिका लगी है उसमें उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय के साथ पीएस इंटरप्राइजेज का भी नाम है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार होर्डिग लगाने के बदले डेढ़ रुपये से भी कम प्रति वर्ग फीट के हिसाब से सिलीगुड़ी नगर निगम को राजस्व मिलता है। निगम व सरकार को धोखा देकर लाखों की उगाही का काला-कारोबार दैनिक जागरण में उजागर होने के बाद शुक्रवार को पार्क में जमे वर्षो के कचरे की साफ-सफाई शुरू हुई। दैनिक जागरण की मुहिम से पार्क में विज्ञापन लगाकर लाखों की उगाही करने वाले पीएस इंटरप्राइजेज के होश तो ठिकाने लगे ही,साथ ही राज्य सरकार भी हरकत में है।
इस पार्क के जरिए सलाना लाखों की उगाही करने वाले पीएस इंटरप्राइजेज के मालिक प्रदीप्त दत्ता से संपर्क करने पर उन्होंने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। पार्क में विज्ञापन के जरिए होने वाली कमाई और राजस्व का अनुपात बताने से उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि यह यह आंकड़ा दैनिक जागरण को बताने की जरूरत नहीं है। वहीं दूसरी ओर अभी हाल में ही कोलकाता से इलाज कराकर लौटे उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्र नाथ घोष ने मामले की जांच की बात कही है। पार्क को सिलीगुड़ी नगर निगम ने बनवाया था। विज्ञापन बोर्ड के लिए नगर निगम को कितनी कमाई हो रही है,इसकी जानकारी नहीं है। यह पार्क फिलहाल पर्यटन मंत्रालय के अधीन नहीं है। यह पार्क किस सड़क के कितने हिस्से पर है, पहले यह देखना होगा। मेरे पास जो जानकारी है,उसके अनुसार पार्क राज्य सड़क की जमीन है। पूरी जानकारी लेने के साथ संबंधित विभाग से विचार-विमर्श के बाद ही वे इस पार्क को पर्यटन मंत्रालय के अधीन करने की सोचेंगे। -गौतम देव,पर्यटन मंत्री
पार्क के सौंदर्यीकरण के नाम पर चलने वाले काले कारोबार की जानकारी मिली है। तबीयत ठीक नहीें थी,इसलिए जांच में देरी हुई है। इस महीने की 16 तारीख को सिलीगुड़ी आ रहे हैं। वह पूरे मामले की जांच कराएंगे। जांच कराने के बाद दोषियों के खिलाफ अवश्य कानूनी कार्रवाई करेगें।
-रवींद्रनाथ घोष,उत्तर बंगाल विकास मंत्री