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दार्जिलिंग में पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमला

गुरुवार को दार्जिलिंग में सुमेरु मंच पर सम्मेलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उनके साथियों पर जानलेवा हमला किया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 10:55 AM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 10:55 AM (IST)
दार्जिलिंग में पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमला
दार्जिलिंग में पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमला

सिलीगुड़ी, [जागरण संवाददाता]। पश्चिम बंगाल में चार दिवसीय हिल्स दौरे के दूसरे दिन पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य कार्यकर्ताओं को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। गुरुवार को दार्जिलिंग में सुमेरु मंच पर सम्मेलन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उनके साथियों पर जानलेवा हमला किया गया।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष समेत उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार, देव शाह और दार्जिलिंग युवा भाजपा अध्यक्ष प्रकाश पोखरेल ने घायलावस्था में थाने में पहुंच अपनी जान बचाई। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिलीप घोष से फोन पर बात की और मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

दार्जिलिंग में सुमेरु मंच पर दुख निवारण सम्मेलन आयोजित किया गया था। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष अपनी टीम के साथ पहुंचे। कार्यक्रम चल ही रहा था तभी बड़ी संख्या में लोग काला झंडा लेकर वहां पहुंचे और विरोध में दिलीप घोष गो बैक के नारे लगाने लगे। इस बीच विमल गुरुंग गुट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का समर्थन करते हुए हमलावरों का विरोध किया।

स्थिति तनावपूर्ण होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अपनी बात कहे बिना भवन से बाहर निकलने लगे तभी उन पर हमला कर दिया गया इसके बाद तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व उनकी टीम के सदस्यों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का प्रयास किया गया।

पुलिस बनी रही मूकदर्शक : 

दिलीप घोष ने कहा कि उन पर थाने के निकट हमला हुआ, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। हमला सुनियोजित ढंग से किया गया। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि गोजमुमो सुप्रीमो द्वारा किए जा रहे हिल्स में शांति बनाने के प्रयास को राज्य सरकार की शह पर अशांत करने की कोशिश की गई।

अब जो होगा उसके लिए राज्य सरकार होगी जिम्मेदार

गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग ने कहा कि इसका दंड विनय तामांग व अनित थापा को भुगतना पड़ेगा। हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ में अब जो कुछ भी होगा इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन माह के लंबे आंदोलन के बाद केंद्र ने अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन को लेकर 15 दिनों के अंदर त्रिपक्षीय वार्ता का मार्ग खोला है। जिससे भयभीत हो राज्य सरकार ने अपने गुर्गो के माध्यम से हमला कराया। जिसे बर्दाश्त नहंीं किया जाएगा।


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