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माता सीता का अपमान बर्दाश्त नहीं

-तृणमूल सांसद पर बरसे बजरंग दल नेता -विवादित बयान देने के लिए मांगा इस्तीफा जागरण संवाददाता सि

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:18 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:18 PM (IST)
माता सीता का अपमान बर्दाश्त नहीं
माता सीता का अपमान बर्दाश्त नहीं

-तृणमूल सांसद पर बरसे बजरंग दल नेता

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-विवादित बयान देने के लिए मांगा इस्तीफा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : एक ओर पूरे विश्व में जहा मर्यादा पुरुषोत्तम राम-सीता के प्रति सम्मान व श्रीराम मंदिर निर्माण का जोश खरोश देखा जा रहा है वहीं ममता बनर्जी के खासमखास सासद को इतनी भी लाज नहीं आई कि वह बकवास कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने का सही समय आ गया है। यह कहना है बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी का। उनके साथ मौजूद थे विश्व हिंदू परिषद के उत्तर बंगाल प्रात संयोजक लक्ष्मण बंसल और प्रात संगठन मंत्री अनूप मंडल । उन्होंने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि यह राजनीतिक हालात का फायदा उठाने की कोशिश की है। सासद कल्याण बनर्जी ने माता जानकी के बारे में कुछ इस तरह कहा कि 'यह तो अच्छा हुआ कि राम की पत्नी सीता को रावण ने अगुवा किया, अगर कहीं उसके चेलों ने अपहरण किया होता तो सीता की क्या हालत होती'। उनके इस विवादित बयान के बाद विश्व में हिंदुओं के आस्था को ठेस पहुंची है। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। विहिप नेताओं का कहना है कि आखिरकार ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तुरन्त सजा क्यों नहीं तय की जाती। अगर ऐसा व्यक्ति सासद है तो उसे जीवन में विशेष रूप से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हुए और भी ज्यादा मर्यादित होना चाहिए। अगर वह अमर्यादित होता तो उसके लिए सजा और भी ज्यादा तथा और भी सख्त होनी चाहिए। क्योंकि जीवन में मर्यादा विशेष रूप से लोकतात्रिक मूल्यों की रक्षा करना एक सासद का सबसे बड़ा धर्म होना चाहिए । यह कलियुग है, रिश्ते-नाते सब बेकार हो रहे हैं। मर्यादाएं भंग हो रही हैं, रिश्तों की अहमियत समाप्त हो रही है। बेटी पैदा होते ही असुरक्षित है। छोटी बच्चियों से बलात्कार, बूढ़ी औरतों से रेप, क्या नहीं हो रहा परन्तु कोई भगवान की जिसमें सबको आस्था हो सब आदर्श मान कर पूजा करते हैं। उसे बदनाम करना, उसके खिलाफ टिप्पणी कर अभद्र भाषा प्रयोग करना और वह भी वह व्यक्ति जो लोगों द्वारा चुना गया हो। लोगों के हितों को क्या देखेगा। मुझे तो लगता है वो तो अपने घर की बहू-बेटियों को भी बदनाम कर सकता है, जो सीता मा को बदनाम कर सकता है। ऐसे व्यक्ति पर एक्शन या सोशल बायकाट बनता है और उसे अपने पद से इस्तीफा तो जरूर देना चाहिए।


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