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अजय एडवर्ड ने बंसल चाय बगान श्रमिकों पर अत्‍याचार के विरुद्ध अपना खून निकालकर बागान में छींटा, अनित थापा से की अपील

अजय एडवर्ड ने भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा एवं जीटीए चीफ अनीत थापा से अपील की है कि बागान के मालिक ने तो श्रमिकोंं की समस्या को नहीं समझा परन्तु आपकी छाती में गोरखाा का दिल धड़कता है। जीटीए रिलीफ फंड में संग्रहित दो करोड़ श्रमिकों में बांट दें।

By JagranEdited By: Sumita JaiswalPublished: Thu, 29 Sep 2022 05:39 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 05:39 PM (IST)
अजय एडवर्ड अपना खून चाय बगान में छींटते हुए। जागरण फोटो।

दार्जिलिंग, जागरण संवाददाता। चाय बागान श्रमिकों पर हो रहे अन्याय के विरूद्ध हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड ने पूर्व घोषणानुसार आज गुरुवार (29 सितंबर) को अपना खून निकालकर चाय के गाछ में डाला है। दरअसल, आज सुबह बंसल कंपनी प्रबंधन अपने अधीनस्‍थ चाय बगानों को छोड़कर रातों-रात भाग गई। कहा जा रहा है कि श्रमिकों को पूजा में बोनस देने की बात आई तो प्रबंधन ने उन्‍हें अपने हाल पर छोड़कर अपना पल्‍ला झाड़ लियाा,जबकि पूरे साल इन बगानों से प्रबंधन ने करोड़ों रुपये की कमाई की है। अब श्रमिकों के सामने दुर्गा पूजा के दौरान बड़ी समस्‍या खड़ी हो गई है। अजय एडवर्ड ने पहले ही चाय बगान श्रमिकों को इस साल पूजा का 20 प्रतिशत बोनस एक साथ नहीं देने का कड़ा विरोध किया था। उन्‍होंने  पूर्व में ही शांतिपूर्वक विरोध जताने और श्रमिक पर हो रहे अन्याय का संदेश लोगो तक पहुंचाने के लिए अपना खून चाय बागान के गांव में छींटने की बात कही थी।

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चाय बगान श्रमिकों को न्‍याय के लिए खूब बहाते रहने का एलान

आज अजय एडवर्ड ने इस बीच बंसल ग्रुप के 10 चाय बागान के प्रबंधक के बागान छोड़कर भागने की खबर के बाद हैप्पी वैली चाय बगान में अपने शरीर से 50 एमएल खून निकाल कर चाय के गाछ में छींटा।  उन्होंने कहा कि यह खून छींटने का काम आज से शुरू हुआ है। हाम्रो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व भी अपना खून निकाल कर रोज चाय के गांव में छींटेंगे और हम तब तक यह विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे जबतक चाय बगान श्रमिकों को न्‍याय नहीं मिल जाता।  

अनित थापा से दो करोड़ रुपये बंसल चाय बगान श्रमिकों में वितरण की अपील  

उन्होंने भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा एवं जीटीए चीफ अनीत थापा से अपील की है  कि बागान के मालिक ने तो श्रमिक के समस्या को नहीं समझा, परन्तु आप तो गोरखा हैंं, आपकी छाती में गोरखाा का दिल धड़कता है।  कहा कि करोना संक्रमण काल में जीटीए रिलीफ फंड में 2 करोड़ 12लाख रूपया संग्रह हुआ था और उस समय आपने स्वयं इसमें जीटीए फंड मिलाकर श्रमिकों में वितरण करने का वचन दिया था। अब यह रुपये बंसल ग्रुप के श्रमिकों के बीच वितरण कर दीजिये। श्रमिक के घर में भी पूजा की रौनक आने दीजिये । यदि आप यह ₹ वितरण करते हैं तो मैं अपने परिवार के तरफ से पांच लाख रूपया उसमें मिला दूंगा । ज्ञात रहे कुछ दिन पहले से ही अजय एडवर्ड के रेस्टोरेंट ग्लेनरीज़ में दार्जिलिंग चाय की बिक्री श्रमिकों के आवाज़ को बुलंद करने के लिए बंद कर दी है,  जिससे लोगों तक यह संदेश दिया जा सके कि चाय श्रमिकों के साथ कितना अन्याय और अत्याचार हो रहा है ।


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