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मॉर्डन कृषि फार्म योजना के तहत स्मार्ट गांव बनाने पर हुई चर्चा

भारतीय किसानों की पकड़ व्यवसाय व औद्योगिक विश्व में भी पहुंच सकती है।

By Edited By: Published: Sun, 06 May 2018 05:43 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 04:31 PM (IST)
मॉर्डन कृषि फार्म योजना के तहत स्मार्ट गांव बनाने पर हुई चर्चा

जागरण संवाददाता,कर्सियाग: इवरेन एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जनसाधारण सचेतना मंच (एनजीओ ) कर्सियाग के तत्वावधान व गोजमुमो कर्सियाग महकमा कमेटी के सहयोग से पार्कलोकेशन स्थित सार्वजनिक भवन में रविवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

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इसमें कृषि,बागवानी समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। एग्रो इंडिया के मैनेजिंग डारेक्टर तन्मय दे ने मार्डन कृषि फार्म परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र को विकसित कर स्मार्ट गाव बनाने के संबंध में आवश्यक जानकारियां दी। परियोजना के तहत कृषकों के आमदनी में बढ़ोतरी, उनकी जीवन शैली बदलने, उत्पादित सामानों का मूल्य अधिक दिलाने को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें बताई गई। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत किसानों को आधुनिक तकनीक द्वारा कृषि क्षेत्र में सुदृढ़ बनाने का कार्य किया जा रहा है। कंपनी व मुख्यमंत्री का यही सपना है किसानों को बाजार से उचित मूल्य मिले। इस सपने को साकार करने के लिए किसानों का साथ मिलना भी जरूरी है। सरकार के सहयोग से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। वर्तमान समय में उक्त कंपनी राज्य के 14 जिलों में काम कर रही है। कार्यशाला में मौजूद प्रमुख अतिथि व विधायक डा. रोहित शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र के उत्पादकों को सहायता पहुंचाने के लक्ष्य से आयोजित यह कार्यशाला सराहनीय है। इस कंपनी द्वारा किसानों के लिये ठोस कदम उठाया जाएगा।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां के करीब 75 फीसदी लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। इसके बावजूद किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। किसानों को सटीक मजदूरी भी नहीं मिल पाता है। उक्त समस्याओं को लेकर कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यो को बताना भी जरूरी है। आयोजक के तौर पर सामाजिक कार्यकर्ता बलराम छेत्री ने बताया कि इस परियोजना में हजारों किसानों,सेल्फ-हेल्प ग्रुप के महिलाओं, बेरोजगार युवाओं, गैरराजनैतिक संस्थाओं आदि को समावेश कर उनलोगों के सपने को साकार करने पर कार्य किया जाएगा। इसके जरिए भारत विश्व का सबसे बड़ा फूड फैक्ट्री बन सकता है।

इस परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र भी आर्थिक दृष्टिकोण से काफी विकसित हो सकता है। भारतीय किसानों की पकड़ व्यवसाय व औद्योगिक विश्व में भी पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि इस कंपनी से जुड़ने वाले कृषकों को फार्मिंग क्षेत्र को विकसित कर स्वयं के ब्राड में अमूल,लिज्जत पापड पताजलि ग्रुप,भारतीय देशी कंपनी आदि जैसी कंपनियों से संबंधित सामग्री बनाने की विधि भी बताई जाएगी।


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