Move to Jagran APP

कचिया हथौड़ी छोड़कर घास फूल के खेमे में कमल

-इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की है संभावना -चुनाव मैदान में हैं सिर्फ तीन ही उम्मीदवार -विक

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:47 PM (IST)
कचिया हथौड़ी छोड़कर घास फूल के खेमे में कमल
कचिया हथौड़ी छोड़कर घास फूल के खेमे में कमल

-इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की है संभावना

loksabha election banner

-चुनाव मैदान में हैं सिर्फ तीन ही उम्मीदवार -विकास तो हुआ लेकिन मूलभूत सुविधाओं का भारी आभाव

-साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान

-महानंदा नदी किनारे अतिक्रमण पर नहीं है किसी का ध्यान वार्ड परिक्रमा

वार्ड नंबर:10

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: राज्य में नगर निगम चुनाव तिथि में बदलाव के बाद भले ही चुनावी सरगर्मी में कुछ हद तक कमी आती दिख रही हो, लेकिन उम्मीदवारों के लिए कुछ दिनों की और मोहलत मिल जाना संजीवनी का काम कर रहा है। प्रत्याशी बिना किसी बड़ी रैली व भीड़-भाड़ के मतदाताओं तक पहुंच रहे हैं तथा अपने लिए वोट मांग रहे हैं। सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 10 की बात करें तो पिछले दो दशकों से इस पर सीपीएम का कब्जा रहा है। कमल अग्रवाल यहा से लगातार पार्षद चुने जाते रहे हैं, लेकिन बदलते समीकरण के बीच इस बार उन्होंने खुद पार्टी बदल लिया है। अबकी बार वह तृणमूल काग्रेस के बैनर तले वार्ड नंबर 10 में उम्मीदवार हैं और वे अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। उनके खिलाफ बीजेपी ने युवा चेहरा प्रसन्नजीत पॉल को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि माकपा ने सूरज कुंडू को टिकट दिया है। इस वार्ड में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। मजे की बात यह है कि इस वार्ड में सिर्फ तीन प्रत्याशी ही हैं। निर्दलीय के तौर पर कोई नहीं है। देखा जाए तो हर पार्टी का मुकाबला इस बार तृणमूल कांग्रेस से ही हो रहा है। हालांकि इस बार तृणमूल प्रत्याशी कमल अग्रवाल को जबरदस्त चुनौती का सामना भी करना पड़ रहा है। चुनाव में बाजी किसके हाथ आती है, यह तो चुनाव बाद ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल प्रत्याशी मतदाताओं के दरवाजों तक जरूर पहुंच रहे हैं और उनका आशिर्वाद ले रहे हैं। वार्ड नंबर 10 की बात करें तो इसका एक हिस्सा हिलकार्ट रोड से लगता है तो दूसरा हिस्सा चर्च रोड, तीसरा हिस्सा सेवक रोड से तथा चौथा हिस्सा महानंदा नदी के क्षेत्र से लगता है। इस वार्ड में सड़कों की हालत बेहतर हैं। साफ- सफाई को लेकर ज्यादा शिकायत नहीं है, लेकिन जाम व फुटपाथ का संकट हमेशा से सिर दर्द देते रहे हैं। हिलकार्ट रोड व सेवक रोड के फुटपाथ न के बराबर रह गए हैं। इस वार्ड का महानंदा नदी से लगा हिस्सा पूर्णता बस्ती इलाका है। यहां आम तौर पर मध्यम वर्गीय लोग रहते हैं। यहा के लोग सरकारी सुविधाओं को लेकर लोग समय- समय पर अपनी बात करते रहे हैं। इस वार्ड में महानंदा नदी से लगे हिस्से में नदी की जमीन का अतिक्रमण किया जाना एक सतत प्रक्रिया बन चुकी है और इस तरफ कभी किसी का ध्यान नहीं रहा है। यह बात अलग है कि महानंदा नदी क्षेत्र केअतिक्रमण की कहानी सिर्फ वार्ड नंबर 10 में ही नहीं है, बल्कि नदी से लगे जो भी वार्ड हैं वहां- वहां नदी की जमीन का अतिक्रमण शिद्दत से किया जाता रहा है। इस वार्ड में लोकप्रिय सूर्यसेन पार्क भी है, जहा बड़ी संख्या में लोग सुबह मॉर्निंग वॉक करते हैं तथा दिन भर बच्चे इस पार्क में जमा होकर अपना मनोरंजन करते हैं। फिलहाल कोरोना की पाबंदी के चलते भीड़ भाड़ को देखते हुए यह पार्क बंद है। यह पार्क सिलीगुड़ी के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां आने वाले लोगों की शिकायत रही हैं कि पार्क में कई चीजों की कमी खलती है। एक बार कोई चीज टूट गई या खराब हो गई तो उसे ठीक होने में महीनों लग जाते है। जबकि पार्क में जाने वालों से बकायदा प्रवेश शुल्क भी लिया जाता है। जाम की समस्या का कोई समाधान नहीं

वार्ड में हिलकार्ट रोड, चर्च रोड तथा सेवक रोड से लगे हिस्से में जाम की समस्या हर रोज की कहानी है। इस वार्ड में सड़कें भी औसतन संकीर्ण हैं, जहां से एक बार में दो बड़े वाहन नहीं गुजर सकते हैं। हालत यह है कि स्कूल वाहन वार्ड के हर हिस्से में नहीं जा सकते। ऐसे में लोगों को अपने बच्चों को छोड़ने के लिए मुख्य सड़कों तक ही आना होता है। वार्ड की सड़कें कहीं-कहीं नीचे की तरफ ढुलती हुए चली जाती हैं तो कहीं कहीं यह चढ़ाई की ओर बढ़ने का एहसास कराती हैं। दरअसल शहर के मुख्य सड़कों से लगे हिस्से उंचाई पर हैं तो नदी से लगे क्षेत्र निचले हिस्से में हैं। ऐसे में बारिश के समय जल निकासी को लेकर भी समस्या दिखती है। इस वार्ड में देखा जाए तो एक तरफ बस्ती क्षेत्र है तो दूसरी ओर व्यवसायिक क्षेत्र है। हिलकार्ट रोड व सेवक रोड से लगने वाले क्षेत्र पूर्ण रूप से व्यवसायिक हैं तो वही महानंदा नदी के किनारे के लगे हिस्से बस्ती क्षेत्र में आते हैं। व्यवसायियों की अपनी जरूरत है तो बस्तवासियों की अपनी मांगे हैं। यहां से चुने जाने वाले पार्षद को हमेशा तालमेल बिठाकर चलना होता है। पिछला चुनाव परिणाम

पिछले चुनाव की बात करें तो कमल अग्रवाल को यहा से 1544 वोट मिले थे, जबकि तृणमूल काग्रेस की रूचि अग्रवाल को 576 व बीजेपी के संजीव अग्रवाल को 553 तथा काग्रेस के विवेकानंद सिंह को मात्र 31 वोट मिले थे। इस बार वार्ड में कुल 3746 मतदाता हैं, जिसमें 1884 पुरूष तथा 1862 महिला मतदाता शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.