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West Bengal: बिनोद चौधरी की 'मेकिंग इट बिग' विमोचित

West Bengal बिनोद चौधरी द्वारा लिखित आत्मकथा पुस्तक मेकिंग इट बिग का रविवार शाम यहां सिलीगुड़ी के निकट न्यू चमटा स्थित मेफेयर टी रिसाॅर्ट में समारोहपूर्वक विमोचन हुआ। इस अवसर पर बिनोद चौधरी खुद भी मौजूद रहे और अपने जीवन संघर्षों व सफलताओं के अनुभव को सबसे साझा किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 09:13 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 09:13 PM (IST)
West Bengal: बिनोद चौधरी की 'मेकिंग इट बिग' विमोचित
बिनोद चौधरी की 'मेकिंग इट बिग' विमोचित। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। West Bengal: नेपाल के पहले व एकमात्र अरबपति, बहुराष्ट्रीय समूह 'चौधरी ग्रुप काॅर्प ग्लोबल' के चेयरमैन बिनोद चौधरी द्वारा लिखित आत्मकथा पुस्तक 'मेकिंग इट बिग' का रविवार शाम यहां सिलीगुड़ी के निकट न्यू चमटा स्थित मेफेयर टी रिसाॅर्ट में समारोहपूर्वक विमोचन हुआ। इस अवसर पर बिनोद चौधरी खुद भी मौजूद रहे और अपने जीवन, संघर्षों व सफलताओं के अनुभव को सबसे साझा किया। उल्लेखनीय है कि बिनोद चौधरी का 'चौधरी ग्रुप काॅर्प ग्लोबल' अपनी 122 कंपनियों और 'वाई-वाई' नूडल्स समेत 26 विश्वप्रसिद्ध ब्रांड के साथ विश्व के पांच महादेशों के सैकड़ों देशों में फैला हुआ है। फास्ट मूविंग कंज्यूमर गूड्स (एफएमसीजी) के उत्पादन व विपणन में उनका ग्रुप विश्वप्रसिद्ध एक बड़ा नाम है। अपनी इन सारी सफलताओं व अपनी जीवन यात्रा को उन्होंने अपनी उक्त आत्मकथा 'मेकिंग इट बिग' में कलमबंद किया है।

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अंग्रेजी में लिखित इस पुस्तक का हिंदी, नेपाली व अन्य कई भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। अमेरिका व इंग्लैंड समेत विश्व के लगभग सभी बड़े देशों के बड़े शहरों में उनकी पुस्तक विमोचित हो चुकी है। अपनी इस पुस्तक के यहां विमोचन उपलक्ष्य में बिनोद चौधरी ने सफलता के कई मूलमंत्र दिए। उन्होंने कहा कि सफल होना है, बड़ा बनना है, तो सपना देखना शुरू करें और हां बड़ा सपना देखें। एक सबसे अहम बात यह कि एक ही सपना रोज-रोज देखें, रोज-रोज सपने न बदलें। उस एक सपने को ही पूरे आत्मविश्वास व पूरी दृढ़ता के साथ पूरा करने में पूरी लगन-मेहनत व जी-जान से जुटे रहें। सफलता के लिए जुनून का होना बहुत जरूरी है। अपनी इस पुस्तक को उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता लुंकरन दास चौधरी को समर्पित किया है। इस बाबत उन्होंने एक संदेश भी लिखा है कि 'आपको कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ेगा'... मेरे पिता ने मुझे बताया था। पिता की सलाहों का यही वह एक टुकड़ा है जिसे मैं कभी स्वीकार नहीं कर सका। मैं जीवन से सब कुछ चाहता हूं, मगर एक चीज की कीमत पर दूसरी चीज नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि सफलता का एक सबसे गूढ़ रहस्य यह है कि आपको खुद पर भरोसा होना चाहिए। इसके साथ ही हम सभी के जीवन में एक आध्यात्मिक गुरु होना चाहिए। क्योंकि, व्यवसायिकता जहां हमें ऊंचाई पर ले जाती है, वहीं, आध्यात्मिकता हमें नीचे की ओर रखती है यानी नियंत्रित रखती है।

नेपाल व पूर्वोत्तर भारत में अपने सबसे बड़े ब्रांड 'वाई-वाई' नूडल्स के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी पूर्व प्रतिष्ठित कंपनी से प्रतिस्पर्धा के लिए स्थापित नहीं किया बल्कि यहां की जरूरत के तहत किया। विदेशों में जाते-आते विशेष कर जापान व थाइलैंड की यात्राओं के दौरान यह ख्याल आया। तब, 1972 में स्थापित थाइलैंड की प्रतिष्ठित नूडल्स कंपनी संग तकनीकी साझेदारी कर 1984 हमने काठमांडू में 'वाई-वाई' नूडल्स फैक्ट्री कायम की और हमारे नूडल्स यहां सबके लोकप्रिय हो गए। यह बस होते-होते हो गया। वह भी खास कर उत्तर बंगाल व पूर्वोत्तर भारत ने हमारे 'वाई-वाई' नूडल्स को बहुत प्यार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग व उत्तर बंगाल उनके दिल में बसता है। 


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