सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी, मंत्री से नहीं करेंगे बैठक
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी उत्तर बंग सफाई कर्मचारी समिति के बैनर तले 17 फरवरी से अपनी बेमिया
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंग सफाई कर्मचारी समिति के बैनर तले 17 फरवरी से अपनी बेमियादी हड़ताल लगातार जारी है। लगातार तीसरे दिन सड़कों पर कचरा पसरे होने से नगर निगम नरक निगम में तब्दील हो गया है। इसके तहत इस दिन सफाईकर्मियों ने शहर में कहीं भी सड़कों, नालियों व हाईड्रेन आदि यानी शहर की सफाई का कार्य नहीं कर रहे है। इसके चलते जगह-जगह कूड़े-कचरे पड़े रहे। वार्ड 19 में तो स्वयं को-ऑडिनेटर स्वयं सफाई के लिए सड़क पर उतरी है। सुबह 10 बजे से सभी सफाईकर्मी बाघाजतिन पार्क में जमा हो रहे है। समिति के अध्यक्ष किरण राउत ने कहा कि पर्यटन मंत्री गौतम देव के साथ बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्हें बैठक के लिए एडीएम के माध्यम से पत्र प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का जो समाधान निकाल पाएगा उसी के साथ वे बैठकर समस्या का समाधान निकालना चाहते है। सिलीगुड़ी नगर निगम हमारी मांगों पर कुछ भी नहीं कह रहा है। हमारे आंदोलन के पहले 9 फरवरी को अशोक नारायण भट्टाचार्य ने सरकार को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि कल तक हमसब वेतन में 20 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे थे। उस मांग को नहीं मानी गयी तो अब जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी उसपर कोई विचार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सफाई कर्मियों को नियमित व स्थायीकरण, समान कार्य के साथ समान वेतन, कम से कम 18000 रुपये महीना वेतन दी जाए, काम नहीं वेतन नहीं सिस्टम बंद हो, इसके अलावा जो अन्य सुविधाओं में उन्हें सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करायी जाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम में वर्तमान में 2571 सफाई कर्मी कार्यरत हैं। इसमें केवल मात्र 371 ही स्थायी हैं। उन्होंने कहा कि शहर ग्रीन सीटी क्लीन सीटी का नारे के साथ काम कर रही है लेकिन जो शहर को क्लीन करने में लगा है उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी को भी 8 जनवरी को मांगपत्र सौंपा था उसपर भी कोई काम नहीं हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि सत्ता पक्ष की मंशा इसको लेकर क्या है। सफाईकर्मी इस बार किसी के झांसे में नहीं आने वाले है। उनकी मांगे पूरी नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े बड़े बिल्डिंग और अन्य कार्यो के लिए निगम के पास पैसा है परंतु सफाईकर्मियों के लिए पैसा नहीं ऐसा नहीं चलने वाला है।