दागी अधिकारियों और नेताओं की सूची बना रही है टीम पीके
-सत्ता व विपक्ष दोनों की पार्टियों जुटी इस काम में -सभी प्रकार के सिंडिकेट और सरकारी
-उत्तर बंगाल दौरे के समय अभिषेक को सौंपने की तैयारी
-जमीन की हेराफेरी और सिंडीकेट वालों का नाम शामिल
-भाजपा भी अलग से तैयार कर रही है लिस्ट
-आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग को देंगे
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सरकारी जमीन की लूट करने, आदिवासियों की जमीन का बंदरबांट करने, सिंडीकेट राज को प्रोत्साहन देने और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों तथा जीएसटी लूट सिंडीकेट गिरोह से जुड़े लोगों की सूची बनायी जा रही है। मजे की बात है यह सूची भाजपा और और तृणमूल दोनों ही पार्टियों की ओर से बनाई जा रही है। तृणमूल कांग्रेस की सरकार इसी सूची के अधार पर कार्रवाई करेगी। यह बताने की कोशिश होगी कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को छोड़ती नहीं है। वह जनता के साथ है। दूसरी ओर भाजपा जो सूची बना रही है उसे चुनावी आचारसंहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग को भेजेगी। चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की जाएगी। यह भी दर्शाया जाएगा कि तृणमूल सरकार के सत्ता में रहते काफी भ्रष्टाचार हुआ है। कितना और कैसे लूट-खसोट की गयी है।
तृणमूल की ओर से यह सूची पीके की टीम बना रही है। यह सूची युवा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे को दौरान सौंपने की बात सामने आ रही है। सरकारी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार के मामले को लेकर महकमा के कई पंचायतों से आने वाले तृणमूल नेताओं द्वारा भी उठाया जा रहा है। जमीन की हेराफेरी के मामले में कई बीएलआरओ के पूर्व तृणमूल नेता और वर्तमान में भाजपा नेता मुकुल राय और कई माकपा नेताओं के करीबी होने की बात सामने आ रही है। चंपासारी अंचल के एक तृणमूल नेता ने इस संबंध में पार्टी के सभी वरीय नेताओं और अधिकारियों से पहले ही इसकी शिकायत की है। जो तथ्य सामने आ रहे है कि उसके अनुसार जीएल 48 खतियान नंबर 170 ट्राइवल जमीन को कैसे 211 नंबर खतियान में स्थानांतरित करते हुए इसका नामजारी किया गया। जिसका नंबर 6006 है। अवैध तरीके से किए गये कार्य के कारण राज्य सरकार को 6 लाख रुपये से भी अधिक के राजस्व का चूना लगाया गया है। उसके बाद भी अबतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है। कहा गया है कि भूमि राजस्व विभाग में सभी कार्यो की जांच कराने पर बड़ी मात्रा में सरकारी जमीन की लूट का खुलासा हो पाएगा। इसी प्रकार कई सरकार विरोधी ताकतों के साथ कुछ अधिकारी मिलकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश में है। वे सरकार को बदनाम करने के लिए जनता के सामने बड़े-बड़े नेताओं का नाम तक लेकर वसूली कर रहे है। इसे भाजपा विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने में लगी है। देखना है कि यह सूची विधानसभा चुनाव पूर्व क्या गुल खिलाती है।