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ओली के विवादित बयान पर गोरखा समाज ने भी जताई आपत्ति

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के विवादित बयान पर यहा गोरखा समाज

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 06:18 AM (IST)
ओली के विवादित बयान पर गोरखा समाज ने भी जताई आपत्ति

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली के विवादित बयान पर यहा गोरखा समाज ने भी आपत्ति जताई है। उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को काठमाडु में पीएम आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ओली ने कहा था कि अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम स्थित थोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहा हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था, जबकि असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गाव है। ओली ने भारत पर सास्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है। नेपाल के पीएम के ऐसे बयान पर यहा गोरखा समाज के प्रबुद्ध जनों की प्रतिक्रिया पेश है। नेपाल के पीएम की मन:स्थिति ठीक नहीं है। वह चीन की शह पर ऊलजलूल हरकतें कर रहे हैं। ऐतिहासिक रूप में राम जन्मभूमि नेपाल में नहीं बल्कि भारत के अयोध्या में ही मानी जाती रही है। हा, सीता माता का जन्म स्थान जरूर नेपाल के जनकपुर में है। नेपाल के पीएम को अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। ऐसी ऊलजलूल बातें नहीं करनी चाहिए। भारत व नेपाल का रिश्ता हजारों साल पुराना है और इस रिश्ते में कोई दरार ना पड़ना ही दोनों पक्षों के हित में है।

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कृष्णा लामा

महासचिव

भानुभक्त समिति (सिलीगुड़ी)

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राम जी का जब जन्म हुआ था तब हम में से तो कोई था ही नहीं जो सही सही कुछ बता सके। मगर, ऐतिहासिक रूप से सब यही जानते हैं की राम जन्म भूमि भारत के अयोध्या में ही है। फिर, अचानक से ऐसी बात कहा से आ गई। यह कैसी बौखलाहट है? आज से पहले भी नेपाल में बहुत पीएम हुए हैं। खुद ओली भी कोई पहली बार पीएम नहीं हुए हैं। तो, आज से पहले इस तरह की बातें क्यों नहीं उठीं? जो आज उठ रही हैं। इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। भारत व नेपाल का संबंध युगों-युगों पुराना है। कोई विवाद खड़ा न कर भारत व नेपाल की सदियों पुरानी मैत्री को बरकरार रखना चाहिए।

सुरेन प्रधान

सचिव (सिलीगुड़ी डिवीजन)

भारतीय गोरखा भूतपूर्व सैनिक व अ‌र्द्धसैनिक संगठन


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