राज्य के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में सहयोग नहीं कर रही है केंद्र सरकार
-राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने लगाया आरोप - स्पेशल ट्रेनों में स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय पर्याप्त न
-राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने लगाया आरोप
- स्पेशल ट्रेनों में स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय पर्याप्त नहीं
-कहा हालात काफी खराब, संक्रमित हो रहे हैं मजदूर जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा है कि, लॉकडाउन के बीच, केंद्र सरकार हमारे राज्य के फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को पश्चिम बंगाल में घर लौटने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि, ट्रेन से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में, केंद्र सरकार द्वारा यह कहा गया था कि वह ट्रेन का 85 प्रतिशत किराया खुद वहन करेगी जबकि 15 प्रतिशत किराया का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा। उसके लिए राज्य सरकार तैयार भी थी। पर, केंद्र सरकार ने वादे को पूरा नहीं किया और उलटे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले श्रमिकों से अतिरिक्त वृद्धि युक्त किराया वसूला। मंत्री गौतम देव ने एक वीडियो वार्ता जारी कर यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा गया है कि सारा किराया राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और कहीं से भी पश्चिम बंगाल के लिए चलने वाले प्रवासी मजदूरों से मूल स्टेशन पर किराया न लिया जाए। उसका भुगतान पश्चिम बंगाल राज्य सरकार करेगी। इसके बावजूद रेलवे द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री गौतम देव ने यह भी कहा कि ट्रेनों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय नहीं अपनाया जा रहा है जिसके चलते मजदूर संक्रमित हो कर लौट रहे हैं। ऐसे हालात चिंतनीय हैं। इस पर रेलवे को गंभीर होना चाहिए। मंत्री ने आम जनता के अवलोकन के लिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को लिखे गए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के पत्र को भी जारी किया है। उस पत्र में लिखा गया है <ष्ठक्चरु-क्तञ्जस्>मैं इसकी पुष्टि करना चाहता हूं कि, देश के विभिन्न हिस्सों में अटके पड़े पश्चिम बंगाल के प्रवासियों की राज्य वापसी हेतु पश्चिम बंगाल के लिए विशेष रेलगाड़ियों के परिचालन की पूरी लागत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
तदनुसार, संबंधित रेलवे अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा सकते हैं कि, मूल स्टेशन पर पश्चिम बंगाल के लिए नियत इन श्रमिक विशेष ट्रेनों में सवार होने वालों से किसी भी कीमत का दावा नहीं किया जा सकता है।
ट्रेनों को तदनुसार पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा की गई आवश्यकता के अनुसार चलाया जा सकता है।ज्ज