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दक्षिण में तूफान से उत्तर बंगाल के बाजार से आम और लीची हवा

-मछली और सब्जियों की आवक पर भी पड़ेगा प्रभाव -भारी घाटे की आशंका से कारोबारियो

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 06:30 PM (IST)
दक्षिण में तूफान से उत्तर बंगाल के बाजार से आम और लीची हवा
दक्षिण में तूफान से उत्तर बंगाल के बाजार से आम और लीची हवा

-मछली और सब्जियों की आवक पर भी पड़ेगा प्रभाव

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-भारी घाटे की आशंका से कारोबारियों और किसानों के हलक सूखे

-कीमतों में भी भारी उछाल की संभावना

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट

-सिलीगुड़ी के साथ अन्य स्थानों पर आपूर्ति प्रभावित

-दक्षिण बंगाल में तूफान से फसल को भारी नुकसान

-सैकड़ों एकड़ जमीन पर आम और लीची बागान तबाह जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दक्षिण बंगाल को तबाह कर चुके चक्रवाती तूफान एम्फन ने उत्तर बंगाल को भी प्रभावित करने की तैयारी कर ली है। यह प्रभाव व्यापारिक दृष्टिकोण से होगा।

एम्फन की वजह से उत्तर बंगाल मे फल और सब्जी का व्यापार प्रभावित होने की अटकले लगाई जा रही है। एक दो दिनों बाद ही आवक कम होने से फल,सब्जी और मछली के बाजार से हवा होने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो इसकी कीमतों में उछाल होगी। बंगाल की खाड़ी से उठने वाले एम्फन चक्रवाती तूफान ने दक्षिण बंगाल को काफी प्रभावित किया है। 86 लोगो की मौत भी हुई है। तूफान के तीन दिन बाद भी दक्षिण बंगाल की स्थिति सामान्य नहीं हुई है। बल्कि अभी भी सड़कों पर पेड़, बिजली के खंभे आदि पड़े हुए हैं। बिजली-पानी की व्यवस्था सुचारु नहीं हुई है। इलाके के लोग विभिन्न तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं। एम्फन की तेज हवाओं की वजह से बागानी कृषि को काफी नुकसान हुआ है। आम और लीची के बागान पूरी तरह से धाराशाई हो गए हैं। तेज हवा के झोंके से आम और लीची पेड़ से गिरकर नष्ट हो चुके हैं। वर्ष भर बगीचे की देखरेख कर इस सीजन मे उपार्जन को टकटकी लगाए किसानों की उम्मीद पर एम्फन ने पानी फेर दिया है। एक ही रात मे बगीचे से आम और लीची एम्फन की भेंट चढ़ने से किसाफं के साथ व्यापारियों का हलक भी सुख गया है। आम और लीची का यही सीजन है। ईद और जमाई षष्ठी से अगले 2 महीने तक आम का सीजन रहता है। शुरुआत में हिमसागर, लखन भोग, उसके बाद लंगड़ा, बनारसी, दसहरी, सिंदूरिया, बम्बईया और कलकतिया के साथ सीजन समाप्त हो जाता है। आम का सीजन शुरू होने के साथ ही लीची की भी बारी आ जाती है। मई और जून मिलाकर करीब एक महीना लीची की बहार रहती है। लेकिन इस बार दक्षिण बंगाल के सभी आम और लीची का बगीचा एम्फन की भेंट चढ़ गया है। वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट मे दक्षिण बंगाल से सब्जी, कोलकाता से होकर बहने वाली गंगा से मछली, खासकर हिलसा और बर्दमान जिले से आलू मंगाया जाता है। एम्फन की वजह से दक्षिण बंगाल मे यातायात व्यवस्था काफी प्रभावित होने से सब्जी, मछली आदि गाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हो रही है। ईद और जमाई षष्ठी के बाद मछली और फल की कीमत वैसे ही आसमान पर रहती है। एम्फन के बाद दक्षिण बंगाल से आम और लीची नदारद है। बल्कि मछली भी नहीं के बराबर आ रही है। ऐसे मे आम, लीची और मछली की कीमत मे बेतहाशा वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कच्चे माल की सबसे बड़ी थोक मंडी है। एम्फन की वजह से सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में आम, लीची, सब्जी और मछली की आवक प्रभावित हो रही है। फलस्वरूप सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट पर निर्भर सिलीगुड़ी व आसपास के खुदरा बाजार सहित उत्तर बंगाल, पहाड़, सिक्किम, असम के साथ पड़ोसी देश नेपाल और भूटान के बाजार भी काफी हद तक प्रभावित होने की संभावना है।

क्या कहते हैं थोक कारोबारी

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के थोक फल कारोबारी चन्दन कुमार सिंह, पलाश चक्रवर्ती व अन्य ने बताया कि एम्फन कि वजह से दक्षिण बंगाल का आम और लीची का बगीचा पूरी तरह से नाश हो गया है। पेड़ और बिजली के खंभे से यातायात प्रभावित है। दक्षिण बंगाल के आम कि आवक ठप है। सब्जी के आढ़तिया प्रकाश सिंह ने बताया कि बेलडागा, बहरमपुर, हावड़ा और मालदा से हरी सब्जी कि आवक होती है। एम्फन कि वजह से दक्षिण बंगाल मे सब्जी कि खेती भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। यातायात ठप होने से स्थिति और भी नाजुक हो चली है। आलू-प्याज व्यापारी अभय ओझा ने बताया कि सिर्फ वर्दमान से आलू कि आवक होती है। लेकिन एम्फन से आलू-प्याज के बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। वहीं सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट मछली मंडी के व्यापारी रंजीत सिंह ने बताया कि एम्फन की वजह से दक्षिण बंगाल से मछलियों कि आवक प्रभावित हुई है। वैसे कोई खास असर नहीं पड़ेगा। आम और लीची की आवक कहां-कहां से

सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में कोलकाता, नदिया, कृष्ण नगर, राणा घाट, बसीर हाट, बेलडागा, बहरमपुर, हावड़ा के अलावा मालदा, किशनगंज, नवगछिया, दरभंगा, मधुबनी, बनारस और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाको से आम की आवक होती है। वही कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल, बिहार के किशनगंज, नौगछिया और मुजफ्फरपुर से लीची की आवक होती है।


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