घर से टकराया गैस सिलेंडर लदा ट्रक,तीन की बची जान
-आईजी ऑफिर के पास ही हुआ हादसा - घर का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त जागरण संवा
-आईजी ऑफिर के पास ही हुआ हादसा
- घर का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रात के समय गैस सिलेंडर से लदा एक ट्रक अनियंत्रित होकर एक घर से टकरा गया। घर मे सो रहे तीन लोगों की जान बाल-बाल बच गई। शनिवार की सुबह पुलिस ने क्रेन के माध्यम से ट्रक को निकाला। घर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। उत्तर बंगाल के पुलिस आईजी कार्यालय के पीछे यह घटना प्रशासन के लिए एक दस्तक के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। बीते शुक्रवार की देर रात यह घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के 42 नंबर वार्ड के पासवान बस्ती मे घटी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के किनारे स्थित उत्तर बंगाल आईजी ऑफिस के बगल से एक बाइपास रोड अंदर ही अंदर चेकपोस्ट पार कर सालूगाड़ा प्यारे द ढाबा के पास से राष्ट्रीय राजमार्ग को मिलती है। इस बाइपास रोड से लग कर कई बस्तियां बस गई है। इन बस्तियों की सड़के काफी संकरी है। जिस रास्ते से होकर एक कार का गुजरना दूभर है, उसी रास्ते से रोजाना गैस सिलेंडर से लदे ट्रकों का आना-जाना है। जाने-अनजाने रोजाना ही खतरे को आमंत्रित किया जा रहा है। शुक्रवार की देर रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। रोजाना की तरह स्थानीय निवासी सुमन रसायली गैस सिलेंडर से लदे ट्रक को लेकर घर जा रहे थे। घर से दस कदम पहले ट्रक के दाहिने हिस्से का अगला चक्का नाले के ऊपर वाले स्लैब पर चढ़ गया। स्लैब टूटने की वजह से पूरी गाड़ी घर के अगले हिस्से से लग कर अटक गई। घर के पास पीलर ने ट्रक का पूरी तरह से पलटने से बचा लिया। ट्रक के टकराने से घर का अगला भाग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। शनिवार की सुबह भक्ति नगर थाना पुलिस से क्रेन से ट्रक को खींच कर निकाला। चालक ने परिवार को क्षतिपूíत देना स्वीकार किया है। पीड़ित परिवार की ओर से राजीव पासवान ने बताया की सर से एक बड़ा हादसा टल गया। कमरे मे माता-पिता और मामा सोये हुए थे। थोड़ा सा भी इधर-उधर होने से कमरे की दीवार गिर जाती। सुबह पुलिस ने क्रेन से ट्रक हटवाया। ट्रक चालक सुमन रसायली ने बताया की वह कलिम्पोंग डिपो की इंडियन ऑइल का ट्रक चलाते है। वह रोजाना उसी रास्ते से ट्रक लेकर आते-जाते है। शुक्रवार की रात को यह हादसा हुआ। इतनी संकरी सड़क मे गैस सिलिंडर से लदे एक ट्रक का आना-जाना ही खतरे को आमंत्रित करना है।