Move to Jagran APP

विशेष आर्थिक पैकेज से कारोबारियों को भारी निराशा

-बीस लाख करोड़ से नहीं हुआ कोई लाभ -फोसिन ने केंद्रीय वित्तमंत्री को लिखी चिट्ठी

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 06:27 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 06:27 PM (IST)
विशेष आर्थिक पैकेज से कारोबारियों को भारी निराशा
विशेष आर्थिक पैकेज से कारोबारियों को भारी निराशा

-बीस लाख करोड़ से नहीं हुआ कोई लाभ

loksabha election banner

-फोसिन ने केंद्रीय वित्तमंत्री को लिखी चिट्ठी

-अलग से विशेष पहल करने की मांग जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने पूरे देश को जकड़ में ले लिया है। देश में हर दिन ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। जबकि कुछ छूट के साथ लॉकडाउन फोर भी देश में जारी है। स्वभाविक रूप से कामकाज भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में सबकी निगाहें केंद्र सरकार द्वारा हाल में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आíथक पैकेज पर थी। लगातार कई दिनों तक केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टरों के लिए आíथक पैकेज की घोषणा की है। लेकिन इससे सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल के कारोबारी बेहद निराश हैं। इन लोगों को लगता है कि आíथक पैकेज में कारोबारियों की उपेक्षा की गई है। उन्हें कुछ भी नहीं मिला। जबकि दुकानदार,छोटे कारोबारी, होलसेलर तथा सेमी होलसेलर कारोबारियों को ही आíथक पैकेज का सबसे ज्यादा इंतजार था। फेडरेशन ऑफ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री,नॉर्थ बंगाल फोसिन ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल के कारोबारियों के साथ-साथ देश के अन्य भागों के कारोबारियों के लिए अलग से पैकेज की माग की गई है। फोसिन के महासचिव विश्वजीत दास ने यह चिट्ठी वित्त मंत्री को लिखी है। विश्वजीत दास ने बताया है कि देश की आíथक स्थिति को ठीक करने के लिए काफी दिनों से आíथक पैकेज का इंतजार सभी लोग कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीस लाख करोड़ रुपये के आíथक पैकेज देने का ऐलान किया था। बाद में वित्तमंत्री ने पैकेज की घोषणा भी की। लेकिन कारोबारियों को कुछ भी हाथ नहीं लगा है। कारोबारियों की जो समस्या पहले थी वही समस्या भी है। अब जब लॉक डाउन खत्म होगा तब कारोबारियों की समस्या और भी अधिक बढ़ेगी। असली समस्या दुकानें खुलने के बाद

वित्तमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि लॉकडान के बाद कारोबारियों की समस्या बढ़ने वाली है। दुकान खोलने के बाद उन्हें अपने कर्मचारियों को तन्ख्वाह देनी होगी। जीएसटी,इनकम टैक्स तथा अन्य सरकारी टैक्स देने पड़ेंगे। बैंक लोन की ईएमआई भी देनी होगी। जबकि इनकम नहीं के बराबर हो रहा है। ऐसे भी कारोबारियों को अपने कारोबार में 70 से 90 दिन की क्रेडिट देनी होती है। लॉकडाउन के बाद दुकानें खुलती है तो ऐसा नहीं है कि कारोबारियों के पास तत्काल पैसे आने लगेंगे। पहले कारोबार शुरू होगा फिर 70 से 90 दिन के बाद ही पैसे आने की संभावना है। ऐसे में कारोबारी भला कैसे काम करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि कोरोन संकट की इस घड़ी में कारोबारियों की भूमिका भी कम नहीं रही। सिलीगुड़ी के साथ पूरे उत्तर बंगाल में कहीं भी खाने पीने तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होने दी गई। केंद्र सरकार को तो कारोबारियों की मदद करनी चाहिए थी। उल्टे हम कारोबारियों की उपेक्षा की गई। नाम का 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज है। कारोबारियों को कुछ भी नहीं मिला। इस पत्र की कॉपी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ-साथ दाíजलिंग के सासद राजू बिष्ट को भी दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.