सुबह से खुश मिजाज शहर के लोगों की पल भर में ही उड़ गई नींद
-एक दिन में कोरोना के दो मामले सामने आने से खलबली -डर के मारे धमाधम बंद हुई हिलकाट
-एक दिन में कोरोना के दो मामले सामने आने से खलबली
-डर के मारे धमाधम बंद हुई हिलकार्ट रोड की खुली दुकानें
-घर से बेवजह निकले लोग भी चुटकी में हवा
-दोनों इलाकों में आला अधिकारियों का लगा जमावड़ा
-बेरिकेंटिंग कर सड़क बंद,पुलिस की तैनाती
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :सिलीगुड़ी शहर में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है। आज सोमवार से ही कई छूट के साथ लॉकडाउन 4 शुरू होने के बाद सिलीगुड़ी शहर में स्थिति स्वभाविक होने लगी थी। अचानक जैसे ही दो कोरोना मरीजों के मिलने की खबर आई तो जैसे सबकी नींद उड़ गई। छह नंबर वार्ड के नजदीक हिलकार्ट रोड पर जो दुकानें खुली थी,धमाधम बंद हो गई। बाबूपाड़ा में भी यही स्थिति देखी गई। सड़क पर जो लोग निकले थे,गायब हो गए। जो दो कोरोना मरीज मिले हैं उनमें से एक शहर के बाबूपाड़ा दो दूसरा छह नंबर वार्ड के गांजा गली का रहने वाला है। गांजा गली में मिला मरीज पेशे से फल विक्रेता बताया गया है। इन दोनों मरीजों को सोमवार दोपहर माटीगाड़ा के निकट हिमाचल विहार स्थित कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस तरह से 17 दिन बाद कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीजों की भर्ती होने के बाद यहां के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कíमयों समेत दाíजलिंग जिला स्वास्थ्य विभाग की चिंता फिर से बढ़ गई है। सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके के वार्ड नंबर 6 तथा वार्ड नंबर 27 अंतर्गत एक दिन में दो मामले सामने आए तथा दोनों मरीजों को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया है। स्वास्थ विभाग सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 अस्पताल में एक मई को अंतिम मरीज को भर्ती किया गया था, जो उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर थे। 17 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आने से डॉक्टरों,स्वास्थ्य कíमयों व दार्जिलिंग जिला स्वास्थ्य विभाग के लोग राहत की सास ले रहे थे। यहां पहले से संक्रमित जिन छह मरीजों का इलाज चल रहा है उन्हें जल्द ही कोविड-19 अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कोविड-19 अस्पताल कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से मुक्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा नही हो सका। सोमवार को अचानक दो नए मामले आ जाने से स्थिति बदल गई। इससे पहले यहा पर जिन छह मरीजों का इलाज चल रहा था यहा पर इनमें कोई भी मरीज सिलीगुड़ी का नहीं था। सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित इन दोनों मरीजों को मिलाकर कोविड-19 अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 8 हो गई है। वहीं कवाखाली स्थित सेवर क्यूट रेस्पिरेट्री इनफेक्शन यानी फर्स्ट स्टेज कोविड-19 अस्पताल में कोरोनावायरस के संभावित 11 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना वायरस के 3 संभावित मरीज भर्ती हैं।
इस बीच,कोविड-19 के इन दो नए मामलों के सामने आने के बाद से लोगों में खौफ व दहशत का माहौल पैदा हो गया है। शासन-प्रशासन भी पूरी तरह हरकत में है। उपरोक्त दोनों जगहों पर विशेष सावधानी के उपाय बरते जा रहे हैं। दोनों संबंधित इलाके में बेरिकेटिंग कर दी गई है। वहा, लोगों की आवाजाही पर रोक भी लगा दी गई है। जल्द ही दोनों इलाके को सील कर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा। प्रशासन की ओर से आम लोगों से सतर्क रहने, लॉकडाउन नियमों का पूरा पालन करने, अति आवश्यक जरूरत के बिना घर से बाहर न निकलने, मास्क लगा कर ही घर से बाहर निकलने, सार्वजनिक जगहों पर एक-दूसरे के बीच कम से कम एक मीटर की सुरक्षित शारीरिक दूरी बना कर रखने की भी अपील की गई है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में मची खलबली
-फल विक्रेता के कईयों की संपर्क में आने की संभावना
-पूरे फल मंडी के कारोबारियों में भय का माहौल
-संभावित लोगों की पहचान का काम होगा शुरू
एक फल विक्रेता के कोरोना संक्रमित होने की खबर ने सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट को भी झकझोर दिया है। यहां व्यापारी से लेकर मजदूर और रोजाना फल मंडी जाने-आने वालों मे भय व्याप्त हो गया है। यह फल विक्रेता जिनके संपर्क में आया था,उसके पहचान का काम शुरू होगा।
सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कच्चे माल के लिए उत्तर बंगाल की सबसे बड़ी मंडी है। यहां रोजाना देश के विभिन्न हिस्सों से फल-सब्जी, मछली आदि से लदी गड़ियां पहुंचती हैं। वहीं उत्तर बंगाल सहित पड़ोसी राज्य सिक्किम, असम और पड़ोसी देश नेपाल और भूटान के लिए कच्चा माल लेकर गड़ियां रवाना भी होती है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में रोजाना हजारो की संख्या मे चालक, खलासी के साथ पैकार व्यापारियों का आना जाना होता है। कोरोना के इस दौर में भी मंडी में आने वाले लोगों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है। फल, सब्जी और मछली आदि लोगों के दैनिक जीवन यापन के लिए आवश्यक है। आवश्यक वस्तुओं के व्यापार पर रोक लगाना भी संभव नहीं है। फलस्वरूप देश के विभिन्न हिस्सों से आने-जाने वाले ट्रको के साथ चालक, खलासी और व्यापारियों का आना-जाना स्वाभाविक है। गाड़ियों के साथ चालक, खलासी और व्यापारियों की आवाजाही पर पाबंदी भले ही मुश्किल हो लेकिन कोरोना से बचने के अन्य मानक जैसे शारीरिक दूरी, मास्क, ग्लोव्स और सैनिटाइजर का प्रयोग संभव है। लेकिन इस मंडी मे प्रशासन की आखो के सामने शारीरिक दूरी व अन्य मानको की धज्जियां उड़ती रही है। कोरोना के इस आतंकित दौर मे भी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट राम है। मंडी मे आने-जाने वाली गाड़ियों के सैनिटाइजेशन के साथ चालक, खलासी और व्यापारियों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग तक की व्यवस्था नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित फल कारोबारी का स्वाभाविक रूप से सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट मे आना-जाना रहा होगा। इसके अतिरिक्त फल बेचने के क्रम मे यह कितने ग्राहकों के संपर्क मे आया होगा। प्राथमिक जाच मे सामने आए तथ्यों के अनुसार कोरोना संक्रमित इस व्यापारी की मां पड़ोसी राज्य बिहार से लौटी था। रेगुलेटेड मार्केट मे आतंक बढ़ गया है। इस संबंध मे सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के फल-सब्जी मंडी व्यापारी संगठन के सचिव शिव कुमार ने बताया कि समस्या गंभीर है। वे सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी प्रबंधन से विचार-विमर्श करेंगे। वहीं इस मसले पर बात करने के लिए सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी के चेयरमैन सह दाíजलिंग जिला शासक और सचिव से संपर्क करने की कोशिश गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।