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One Nation One Ration Card Scheme: बंगाल का 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना से भी इन्कार

One Nation One Ration Card Scheme. ममता सरकार एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना से बाहर होने पर विचार कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 06:19 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:19 PM (IST)
One Nation One Ration Card Scheme: बंगाल का 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना से भी इन्कार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। One Nation One Ration Card Scheme. केंद्र सरकार की योजनाओं व कानून को लागू करने को लेकर बंगाल की ममता सरकार ने हमेशा ही विरोधी रुख अपनाया है। स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी, खाद्य सुरक्षा, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से लेकर सीएए, एनपीआर और जनगणना समेत कई चीजों को मानने व लागू करने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साफ इन्कार कर चुकी हैं। अब इस फेहरिस्त में 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना का नाम भी शामिल होने जा रहा है। ममता सरकार कई केंद्रीय योजनाओं का नाम बदलकर बंगाल में चला रही है। खाद्य सुरक्षा को खाद्य साथी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को ग्रामीण बांग्ला सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना को बांग्लार गृह योजना नाम दिया गया है।

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राज्य सरकार 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना से बाहर होने पर विचार कर रही है। इस योजना के तहत देश के किसी भी हिस्से में राशन की दुकानों से रियायती अनाज खरीदा जा सकता है। किसी व्यक्ति के दूसरी जगह जाने की स्थिति में इस प्रणाली से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी गरीब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ से वंचित न रह पाए। बंगाल के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा-'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना के बाबत हमें केंद्र सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है। इस मामले में केंद्र के साथ जुड़ने का सवाल ही नहीं है।'

केंद्र के साथ 'मत भिन्नता' का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा-'बंगाल सरकार डिजिटल राशन कार्ड जारी करने के लिए पहले ही लगभग 200 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। हमें यह राशि वापस कौन देगा? हम इसे (एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड) क्रियान्वित नहीं करेंगे। इसके अलावा एक बड़ी राशि है, जो हमें केंद्र सरकार से मिलनी है। यह छह हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।'

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