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जब पास ही नहीं होगा बिल्डिंग प्लान तो कैसे बनेगा मकान

-महकमा परिषद इलाके में प्लान पास करने का काम ठप - 200 करोड़ रुपये से अधिक की हाउसिंग

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:00 PM (IST)
जब पास ही नहीं होगा बिल्डिंग प्लान तो कैसे बनेगा मकान
जब पास ही नहीं होगा बिल्डिंग प्लान तो कैसे बनेगा मकान

-महकमा परिषद इलाके में प्लान पास करने का काम ठप

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- 200 करोड़ रुपये से अधिक की हाउसिंग परियोजनाएं अटकी

-आमलोगों को भी घर बनाने में हो रही है परेशानी

-राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

विपिन राय,सिलीगुड़ी:एक और जहा सिलीगुड़ी नगर निगम 2 कट्ठा जमीन पर मकान बनाने के लिए किसी तरह का नक्शा पास करने की अनिवार्यता खत्म कर रही है वहीं दूसरी ओर सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके में मकान बनाना ही इन दिनों मुश्किल हो रहा है। आरोप है कि पिछले कई महीने से सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके में प्लान पास कराने का काम बंद है। जबकि मजे की बात यह है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के साथ-साथ सिलीगुड़ी महकमा परिषद पर भी वाम मोर्चा का ही कब्जा है। एक समय पूरे राज्य में जहा तृणमूल काग्रेस एक पर एक नगर निकायों पर कब्जा कर रही थी तो सिलीगुड़ी नगर निगम और महकमा परिषद चुनाव में वाममोर्चा ने बाजी मारी थी। हालाकि सिलीगुड़ी नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने को है और इस साल अप्रैल या मई में चुनाव संभव है। चुनाव से पहले कल शुक्रवार को ही सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा माकपा विधायक अशोक भट्टाचार्य ने निगम इलाके में 2 कट्ठा जमीन पर प्लान पास कराने की अनिवार्यता को खत्म करने की घोषणा की है। जबकि कोलकाता में पहले ही तृणमूल काग्रेस बोर्ड इस योजना को लागू कर चुकी है। दूसरी ओर सिलीगुड़ी महकमा परिषद इलाके में बिल्डिंग प्लान पास नहीं होने के कारण आम लोग घर नहीं बना पा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार करीब दो सौ से भी अधिक प्लान माटीगाड़ा बीडीओ कार्यालय में अनुमोदन के लिए जमा है। आरोप है कि महकमा परिषद द्वारा प्लानों को पास नहीं किया जा रहा है। सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि महकमा परिषद इलाके के कई बिल्डर भी प्लान पास नहीं होने के कारण परेशान हैं। एक अनुमान के मुताबिक दो सौ करोड़ रुपये से भी अधिक की बिल्डिंग परियोजना प्लान पास नहीं होने के कारण अटकी है। इससे न केवल सिलीगुड़ी की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार, बालू-गिट्टी सप्लायर यहा तक कि निर्माण श्रमिकों के सामने परेशानी आ गई है। जबकि घर बनाने के इच्छुक आम लोगों ने तत्काल इस समस्या के समाधान की माग की है। वहीं बिल्डरों तथा हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने वाली कंपनियों ने इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। इन लोगों ने तत्काल राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी में परिषद के सभी ग्राम पंचायतों में मकान बनाने के लिए प्लान पास कराना अनिवार्य है। फासीदेवा,जोटियाखाली,ढकनीकाटा, देवीडांगा, माटीगाड़ा,चंपासारी आदि पंचायत इलाके में पिछले कुछ वषरें के दौरान आबादी बड़ी ही तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा सालबाड़ी एवं पंचनई इलाके में भी नई बस्तिया बसी है। जिस प्रकार से आबादी बढ़ी है उसी तरह से इन इलाकों में घरों का निर्माण शुरू हुआ है। हाउसिंग परियोजनाएं भी बननी शुरू हुई है। एक पर एक कई बड़ी हाउसिंग परियोजनाएं अब तक बन चुकी है तो कुछ का निर्माण कार्य हो रहा है। जबकि वह हाउसिंग परियोजना अटकी पड़ी है जिसका बिल्डिंग प्लान अभी तक सिलीगुड़ी महकमा परिषद से पास नहीं हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 200 करोड़ रुपए की हाउसिंग परियोजनाएं सिलीगुड़ी महकमा परिषद से प्लान पास नहीं होने के कारण अटकी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले हाउसिंग प्लान माटीगाड़ा बीडीओ कार्यालय में जमा कराने की जरूरत है। वहीं से आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्लान को पास कराने के लिए सिलीगुड़ी महकमा परिषद कार्यालय भेज दिया जाता है। इसके लिए बिल्डिंग सेल अलग से है। जहा प्लान पास करने का काम होता है। सूत्रों के अनुसार बीडीओ कार्यालय और महकमा परिषद में वेटिंग चार्ज को लेकर तनातनी के कारण प्लान पास होने में देरी हो रही है। आरोप तो यह भी है कि 6 महीने से बहुत कम प्लानों को पास किया जा रहा है। बीडीओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार तीन करीब ढाई सौ से भी अधिक बिल्डिंग प्लान कार्यालय में पड़ा हुआ है। इसकी एक सूची भी बीडीओ कार्यालय के बाहर लगा दी गई है।

प्लान पास कराने के इंतजार में बैठे शभू कुमार मित्तल का कहना है कि प्लान पास करने का काम बंद होने के कारण काफी समस्या हो रही है। वह अपनी परियोजना शुरू नहीं कर पा रहे हैं। बिल्डरों की तो छोड़ दें आम लोग भी जो जीवन भर की कमाई जमा कर घर बनाना चाहते हैं वह भी प्लान पास होने की उम्मीद में बैठे हुए हैं। सरकार को इस दिशा में तत्काल कोई न कोई कदम उठाना चाहिए। एक अन्य बिल्डर तथा कंफेडरेशन ऑफ रियत एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया क्रेडाई नॉर्थ बंगाल के पूर्व चेयरमैन संदीप गोयल ने भी कुछ इसी तरह की बातें कही। उन्होंने कहा कि नक्शा पास नहीं होने के कारण कई परियोजनाएं अटकी हुई है। महकमा परिषद या फिर सरकार को इस दिशा में तत्काल पहल करनी चाहिए। इस मामले में जब क्रेडाई के सचिव विजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 6 महीने से भी अधिक समय से बिल्डिंग प्लान पास करने का काम बंद है। जिसकी वजह से तमाम परियोजनाएं अटकी हुई है। किस कारण से बिल्डिंग प्लान पास नहीं हो रहा है इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। वह स्वयं भी कई बार बीडीओ कार्यालय से संपर्क कर चुके हैं। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। क्या कहते हैं महकमा परिषद के सभाधिपति

इस मामले में जब सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार से बात की गई तो उन्होंने प्लान पास होना पूरी तरह से बंद होने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि बिल्डिंग प्लान पास नहीं हो रहा है। दस्तावेजों की कमी के कारण प्लानों को पास करने में परेशानी होती है। आवश्यकतानुसार प्लान पास किए जा रहे हैं। जो भी प्लान बीडीओ कार्यालय से आता है,उसको पास कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। पिछले महीने ही बोर्ड बैठक में काफी प्लान पास किए गए हैं।

वेटिंग चार्ज पर जंग का है मामला

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दरअसल यह पूरा मामला वेटिंग चार्ज में हिस्सेदारी को लेकर है। यदि किसी प्लान को पार्स करने में 15 हजार रुपये की वेटिंग चार्ज लगती है तो इसमें दस हजार बीडीओ कार्यालय तो पांच हजार महकमा परिषद को मिलता है। आरोप है कि महकमा परिषद से अधिक वेटिंग चार्ज की मांग की जा रही है। हांलाकि सभाधिपति तापस सरकार ने ऐसे आरोपों से इंकार किया है।


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