सफलता के लिए आत्मविश्वास बेहर जरूरी : डॉ अनिल सिंह
-इलापाल चौधरी मेमोरियल स्कूल में संस्कारशाला कार्यक्रम आयोजित -अभिभावकों व शिक्षको
-इलापाल चौधरी मेमोरियल स्कूल में संस्कारशाला कार्यक्रम आयोजित -अभिभावकों व शिक्षकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण
-कई बच्चों ने भी रखी अपनी बात जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : किसी भी इंसान के अंदर आत्मविश्वास होना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास मजबूत है तो वह सफलता की ऊंचाइयों को छू लेता है। वहीं किसी के अंदर आत्मविश्वास की कमी है तो वह चाह कर भी आगे नहीं बढ़ पाता है।
अगर विद्यार्थियों की बात करें तो उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने में माता-पिता व शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। माता-पिता दूसरे बच्चे क्या कर रहे हैं, इसकी चिंता किए बगैर अपने बच्चे का हौसला बढ़ाएं तो यह उनके बच्चे के लिए बेहतर साबित होगा। अगर विद्यार्थी कमजोर भी है, तथा उसका आत्मविश्वास मजबूत है तो सफलता हासिल कर सकता है। वहीं अगर उनके अंदर आत्मविश्वास कमी है, तो वह सबकुछ जानते हुए भी समय आने पर भुल जाते हैं। एक तरह से कहा जाए तो आत्मविश्वास व सफलता एक दूसरे के पूरक हैं। विद्यार्थियों के अंदर आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम संस्कारशाला को संबोधित कर रहे थे। आत्मविश्वास के सशक्तीकरण पर आधारित इस कार्यक्रम में इलापाल चौधरी मेमोरियल (ट्राईबल) हिदी हाईस्कूल (उच्च माध्यमिक) के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने खुलकर अपने विचार प्रकट किए। आत्मविश्वास प्रत्येक व्यक्ति में होता है। किसी में कम होता है तो किसी में ज्यादा होता है। कहा जाए तो परिस्थति के अनुसार आत्मविश्वास कम व ज्यादा होता है। देखा जाता है कि कुछ बच्चों में आत्मविश्वास ज्यादा होता है। अपने कार्य भी काफी तेज करते हैं, लेकिन परिवार में कोई घटना घट जाती है, इसके बाद उनका आत्मविश्वास डगमगा जाता है। आत्मविश्वास से ही विद्यार्थी परीक्षा में सफलता अर्जित करते हैं। आत्मविश्वास व सफलता दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। जीवन में आत्मविश्वास होना जरूरी है।
डॉ अनिल सिंह, प्रधानाध्यापक बच्चों के अंदर सकारात्मक सोच होता है तो उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है। वहीं नकारात्मक सोच से आत्मविश्वास की कमी होती है। देखा जाता है कि परिवार में जब बच्चे छोटे होते हैं तो माता-पिता अपने बच्चे को कहते हैं यहां मत जाओ, यह कार्य मत करो जैसे तमाम नहीं करने के शब्द का प्रयोग करते हैं, जबकि वह दूसरे सकारात्मक भाव से भी समझा सकते हैं। नकारात्मक शब्द के सोच से ही बच्चों में आत्मविश्वास की कमी आती है। इसलिए बच्चों में सकारात्मक सोच ही भरना चाहिए। सकारात्मक सोच से आत्मविश्वास बढ़ता है। जब आत्मविश्वास का संचार होता है तो सफलता के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
मनोज सिंह, शिक्षक
सकारात्मक सोच आत्मविश्वास के लिए बहुत जरूरी है। सकारात्मक सोच से आत्मविश्वास के मजबूती का अंदाजा एक उदाहरण से लगाया जा सकता है। एक राजा का एक आंख व एक पैर नहीं था, इसको लेकर राजा काफी चिंतित रहता था, क्योंकि उसके पूर्वजों में सब लोग काफी ठीक थे। उसने सोचा के जब मेरे मरने के बाद तस्वीर बिना एक आंख व पैर की लगेगी तो आने वाले पीढ़ी को अच्छा नहीं लगेगा। उन्होंने अपने मंत्रियों से ऐसे कलाकार बुलाकर फोटो कराने के लिए कहा जो उसके अंदर की अच्छाई निकाल सके। मंत्रियों ने कई कलाकारों को बुलाया लेकिन एक कलाकार को छोड़ सबने इंकार कर दिया। एक कलाकार ने अपने अंदर सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास के बल पर राजा को घोड़े पर सवार होकर तीर से निशाना लगाने करी तस्वीर बनाकर दी। इसलिए आत्मविश्वास के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है।
दिनेश कुमार राम, शिक्षक आत्मविश्वास का मतलब स्वयं के अंदर विश्वास का होना है। बच्चों के अंदर आत्म विश्वास लाने की पूरी कोशिश की जाती है। बच्चों के बतलाया जाता है कि वह अपने अंदर आत्मविश्वास बनाए रखें। बच्चों को सबसे पहले अपने-आप को पहचानना होगा। आत्मविश्वास के बल पर बच्चे कठिन से कठिन कार्य सकते हैं, जबकि आत्मविश्वास की कमी से आसान से आसन कार्य नहीं कर पाएंगे। विद्यार्थी अगर परीक्षा देने जाते हैं, तो पूरी तरह से सकारात्मक सोच के साथ अपना सवाल हल करें, सफलता जरूरी मिलेगी। बच्चों के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाने में माता-पिता बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
काजल मंडल, शिक्षक
आत्मविश्वास किसी भी इंसान के लिए बहुत जरूरी होता है। आत्मविश्वास के बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। जब किसी में इसकी कमी होती है तो वह सबकुछ जानते हुए भी भुल जाता है। आत्मविश्वास की कमी से किसी के सामने बोलने में दिक्कत होती है। वहीं आत्मविश्वास के बल बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है।
मनीष उरांव, छात्र
आत्मविश्वास जीवन में बहुत जरूरी है। किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। देखा जाता है कि जब परीक्षार्थी परीक्षा देने के लिए बैठते हैं तो वे काफी नर्वस हो जाते हैं। इसका असर होता है कि जिस प्रश्न का उत्तर वे जानते हैं, उसे भी भुल जाते हैं। ऐसे में सफलता व असफलता की चिंता किए बगैर आत्मविश्वास के साथ कोई भी कार्य करना चाहिए।
-आकाश उरांव, छात्र आत्मविश्वास की मजबूती माता-पिता से मिलती है। आत्मविश्वास के बल पर कोई भी इंसान सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है। देखा जाता है कि अगर कोई दूसरा बच्चा अच्छे नंबर के साथ पास होता है तो माता-पिता अपने बच्चे का हौसला बढ़ाने की जगह उन्हें कोसने लगते हैं, इससे वे हीन-भावना से ग्रसित हो जाते है। उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी आने लगती है। माता-पिता व शिक्षकों को कमजोर विद्यार्थियों के अंदर हौसला बढ़ाना चाहिए, ताकि उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ सके।
राहुल साइबो, छात्र
आत्मविश्वास जीवन में आवश्यक है। किसी को आगे बढ़ाने में यह काफी सहायक होता है। आत्मविश्वास से ही मनुष्य उन्नति के राह पर आगे बढ़ता है। अगर स्कूल में अथवा घर के पास मोहल्ले में कोई कार्यक्रम होता है, तो उसमें भाग लेना चाहिए। इससे उनके अंदर आत्मविश्वास का संचार होता है। जीवन में सफल होने के लिए आत्मविश्वास जरूरी है।
प्रीति मुंडा, छात्रा