14 दुकानों में से मात्र चार के पास ही ट्रेड लाइसेंस
-अग्निशमन की भी कहीं नहीं थी कोई व्यवस्था -लाख टके का सवाल-कैसे करेगी सरकार मदद -मं
-अग्निशमन की भी कहीं नहीं थी कोई व्यवस्था
-लाख टके का सवाल-कैसे करेगी सरकार मदद
-मंत्री और मेयर दे रहे हैं सहायता का भरोसा
-पहली प्राथमिकता कम से कम 25-25 हजार रुपये देने की
-सिलीगुड़ी जंक्शन में रेलवे की जमीन पर बनी है कई दुकानें
-रेलवे बार-बार खाली करने के लिए दे रही है नोटिस
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भीषण अग्निकांड के शिकार हुए सिलीगुड़ी जंक्शन के व्यवसाइयों के साथ सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर व राज्य के पर्यटन मंत्री खड़े हुए हैं। इनलोगों को सहायता देने की बात कही जा रही है। लेकिन सबसे लाख टके का सवाल है कि इनकी किस प्रकार से सहायता की जा सकती है। ये सभी किसी भी प्रकार के लाइसेंस के बिना वषरें से ये दुकानदारी चला रहे थे। सभी दुकानें रेलवे की जमीन पर बनी थी। प्रभावित दुकानदारों को मदद का भरोसा मेयर व मंत्री ने दिया है। जबकि सिलीगुड़ी जंक्शन के आस-पास बनी अधिकांश दुकानों को अवैध माना जाता है। रेलवे इन अवैध दुकानों को हटाने के लिए नोटिस पर नोटिस दे रही है। यहां भी चार दुकानें रेलवे की जमीन पर बनी है।
यहां कुल 14 दुकानें जल कर राख हो गई है। इनमें से चार होटल रेलवे की जमीन पर बाकी 10 दुकानें पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बनी थी। रेलवे की जमीन पर बने चारों होटल के पास ट्रेड लाइसेंस है। बाकी 10 दुकानो के पास ट्रेड लाइसेंस भी नहीं है। जबकि किसी भी दुकान के पास फायर लाइसेंस नहीं है। हांलाकि आज तक इस संबंध में सिलीगुड़ी नगर निगम, रेलवे व दमकल विभाग ने भी कोई कार्यवाई नहीं की। आगजनी की इस घटना के बाद सबका दिमाग ठनका जरूर है। प्राथमिक जांच में दमकल विभाग शार्ट सर्किट से आग लगने की बात कर रही है। आग के दौरान दो गैस सिलेंडर फटने की बात भी सामने आई है।
सोमवार सुबह सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भंट्टाचार्य घटना का मुआयना करने सिलीगुड़ी जंक्शन पहुंचे। वहां उन्होंने क्षतिग्रस्त दुकानदारों से बात की। उन्होंने बताया कि पूजा के पहले इन व्यवसाइयों के सिर पर बड़ी गाज गिरी है। सिलीगुड़ी नगर निगम पीड़ित व्यवसाइयों के साथ है। प्रभावित अधिकांश व्यवसाइयों के पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है। फिर भी दुकानदारों से निगम पत्र देने के लिए कहा गया है। हर संभव सहायता करने की कोशिश की जाएगी। इसके बाद दोपहर के समय राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव भी घटनास्थल पर पहुंचे। प्रभावित दुकानदारों की सहायता के लिए गौतम देव ने एक फंड बनाने की घोषणा की है। इस फंड में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दस हजार रूपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि फंड के माध्यम से रुपया संग्रह कर प्रत्येक प्रभावित दुकानदारों को कम से कम 25 हजार रुपए देने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) के मार्फत क्षतिग्रस्त व्यवसाइयों के दुकान का निमार्ण कराने का प्रयास करेगें। इसके लिए एसजेडीए को फंड मुहैया कराने को राज्य सरकार से भी आवेदन किया जाएगा।
सिलीगुड़ी जंक्शन रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के लिए रेलवे की ओर से आस-पास के अवैध दुकानों को हटाने के लिए बार-बार नोटिस दी गई है। वहीं, दूसरी तरफ विधान मार्केट में आग की घटना में क्षतिग्रस्त सात दुकानों के स्थान पर 20 से अधिक दुकान बनने का मंत्री गौतम देव ने ही विरोध किया। उन्होंने ही वहां अवैध दुकानों को बनाए जाने से रोका। अब एसजेडीए की ओर से वहां दुकानें बनाई जा रही है।