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विधान मार्केट में अवैध निर्माण का मामला और गरमाया

- गौतम देव मुख्यमंत्री को सौंपेंगे विस्तृत रिपोर्ट -सिलीगुड़ी में दिनभर चला बैठकों का दौर

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:46 AM (IST)
विधान मार्केट में अवैध निर्माण का मामला और गरमाया

- गौतम देव मुख्यमंत्री को सौंपेंगे विस्तृत रिपोर्ट

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-सिलीगुड़ी में दिनभर चला बैठकों का दौर

-कांग्रेस विधायक शंकर मालाकार भी मौके पर पहुंचे

-विधान चंद्र की मूर्ति लगाने का किया विरोध

-अपने हाथों से हटा दिया मूर्ति संबंधी बैनर जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर की हृदयस्थली विधान मार्केट में बने अवैध दुकानों का मामला अब राजनीतिक अखाड़ा बन गया है। स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले का संज्ञान लिया है। तृणमूल कांग्रेस जिलाध्यक्ष सह राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव 18 जुलाई को इसकी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देंगे। जबकि इन अवैध 22 दुकानों को तोड़ने का निर्देश एसजेडीए ने पहले जारी कर दिया है। तीन दिनों के अंदर दुकानों को तोड़ने की नोटिस वहां लगा दी गई है। विभिन्न राजनीतिक दल भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं। दूसरी ओर मंगलवार को इस मामले को लेकर सिलीगुड़ी में दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा। विधान मार्केट के कुछ व्यवसायियों ने मंत्री गौतम देव के साथ बैठक की। इस मामले में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक शंकर मालाकार भी कूद पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री डा.विधान चंद्र राय के नाम की मूर्ति विवादित स्थल पर नहीं लगाने देंगे। वह भी विवादित स्थल पहुंचे और मूर्ति लगाने संबंधी बैनर को अपने हाथों से उतार दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ओछी राजनीति कांग्रेस नेताओं के नाम पर नहीं होने देंगे। इसके पहले ही राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने विधान मार्केट व्यवसायी समिति के पूर्व अध्यक्ष व कई व्यवसायियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उनके साथ नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार उर्फ राणा भी मौजूद थे। बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि ये सभी विधान मार्केट में अवैध निर्माण के विरोध में है। मंत्री ने कहा कि वह जिलाधिकारी, एसजेडीए, पुलिस प्रशासन के साथ विधान मार्केट में चल रहे अवैध निर्माण को लेकर बैठक करेंगे। अवैध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दास्त करने वाले नहीं है। इन दुकानों को तोड़कर हटाना शहर के हित में है। जब यह पूछा गया कि नोटिस के बाद भी वहां निर्माण कार्य जारी है तो उन्होंने कहा कि इसका जबाव भी उन्हीं दुकानदारों को देना होगा। बैठक में वरिष्ठ पार्षद व टीएमसी जिला कोर कमेटी नेता नांटू पाल को नहीं बुलाए जाने के संबंध में पूछने पर मंत्री ने कहा कि यह बैठक पार्षदों या पार्टी की नहीं है। यह बैठक विधान मार्केट और वहां अवैध निर्माण को लेकर है। नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने कहा कि अवैध निर्माण जारी है। इस मुद्दे को वह बैठक में उठाते रहे हैं।

मंत्री के खिलाफ नांटू पाल और मंजूश्री के तेवर तल्ख

-करोड़ों रुपये के लेन-देन के आरोप से चढ़ा पारा

-गौतम देव से नाम सार्वजनिक करने की मांग

-अवैध निर्माण के लिए एसजेडीए को घेरा

-पूछा- बनने से पहले ही क्यों नहीें हुई कार्यवाई

विधान मार्केट में अवैध दुकान निर्माण और इसमें लाखों-करोड़ों रूपये की लूट खसोट के आरोप पर मंगलवार को विधान मार्केट वार्ड 11 की पार्षद मंजूश्री पाल और पार्षद सह जिला टीएमसी कोर कमेटी के सदस्य नांटू पाल ने पत्रकारों से बातचीत की । मंजूश्री पाल ने कहा कि विधान मार्केट एसजेडीए की जमीन पर है। एसजेडीए को इसकी देखरेख की जिम्मेदारी लेनी होगी। पार्षद इसकी चौकीदारी नहीं कर सकता। मंत्री को बताना होगा कि इस प्रकार के अवैध निर्माण में कौन लाखों -करोड़ों रूपये लेकर जेब भर रहा है। बिना नाम बताएं वे इस प्रकार से किसी को बदनाम नहीं कर सकते। मंजूश्री पाल ने कहा कि जिस प्रकार मंत्री ने उनके पति नांटू पाल को साथ लेकर मीडिया के सामने इस प्रकार की बातें की,उससे उनके परिवार के मान सम्मान को नुकसान हुआ है। मंत्री को यह बताना चाहिए था कि दुकानों को दो तल्ला बनाने की शिकायत उन्होंने स्वयं एसजेडीए और मंत्री से की थी। उसके बाद ही शायद एसजेडीए व मंत्री की नींद खुली होगी। एसजेडीए की ओर से अगर प्रारंभ से यहां निगरानी होती तो इस प्रकार का निर्माण नहीं हो पाता। आज दुकानदार जब दुकानें बन गई तो उसे तोड़ने के लिए माथापच्ची की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज वार्ड पार्षद से पूछा जाता है कि कैसे अवैध निर्माण हुआ तो मंत्री को यह भी बताना चाहिए कि इसके पहले लगभग दो सौ दा ेमंजिला दुकान किसके निर्देश पर बने हैं। मंत्री और मेयर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आश्चर्य की बात है कि कोई यहां सात दुकान की बात कर रहे है तो कोई चार। आखिर वहां दुकानदारों के अलावा किसी अन्य को दुकान दिया जाता तो दुकानदार ही इसका विरोध शुरू कर देंगे। नांटू पाल ने कहा कि विधान मार्केट सन 1962 में विस्थापितों को रोजी रोटी के लिए बना था। बाद में यह एसजेडीए के पास चला गया। यहां 17 सौ स्थायी और पांच हजार अस्थायी दुकानें है। उन्होंने कहा कि जब यह एसजेडीए के तहत है तो यहां बसे दुकानदारों के लिए एक ही नियम होना चाहिए। दो सौ दुकानों को दो मंजिला बनाने की अनुमति किसने दी। जिन दुकानों की संख्या को लेकर विवाद चल रहा है उसकी सूची भी अगर एसजेडीए के पास नहीं है तो इससे ज्यादा शर्म की बात और कुछ नहीं हो सकती। जब नांटू पाल ने पूछा गया कि आपके वार्ड में अवैध निर्माण तोड़ने आयी टीम को आपने रोका था तो उन्होंने कहा कि हां हमने रोका था और सात दिनों का समय नगर निगम से लिया था। वह भी हमारे पार्टी के नेता के कहने पर। इसके अलावा अब तक किसी अन्य अवैध निर्माण को तोड़ने से रोकने का कोई रिकार्ड है क्या?

नांटू पाल ने कहा कि व्यक्तिगत कारण से किसी पर अंगुली नहीं उठानी चाहिए। आज मंत्री और एसजेडीए से यह पूछना चाहिए कि कैसे कंचनजंघा स्टेडियम के सामने की जमीन पर दुकानें बनी हैं। जबकि उस जमीन को रेल से अत्याधुनिक पार्किग के लिए एसजेडीए ने ली थी। आज वहां पार्किंग नहीं होकर दुकानें बनी हुई हैं। ऐसे कई सवाल है जिसका जबाव देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए वे उन बातों में जाना नहीं चाहते।


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