Move to Jagran APP

कांग्रेस के समर्थन से नगर निगम का बजट पारित

फोटो-राजेश-एक व दो -------------------- -प्रमुख विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस ने किया विरोध -का

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 09:28 PM (IST)
कांग्रेस के समर्थन से नगर निगम का बजट पारित
कांग्रेस के समर्थन से नगर निगम का बजट पारित

फोटो-राजेश-एक व दो

loksabha election banner

--------------------

-प्रमुख विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस ने किया विरोध

-कांग्रेस की ओर से पेश आधा दर्जन प्रस्ताव को बोर्ड ने किया स्वीकार

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : मेयर अशोक भट्टाचार्य की ओर से 25 मार्च को पेश किए गए बजट पर सोमवार को पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर बहस हुई। बाद में कांग्रेस के समर्थन से बजट पारित हो गया। नगर निगम में प्रमुख विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों ने बजट को दिशाहीन बताते हुए पुरजोर विरोध किया। तृणमूल पार्षदों ने मेयर पर सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए सभाकक्ष में नारेबाजी भी की।

तृणमूल कांग्रेस पार्षद निखिल सहनी ने बजट का विरोध करते हुए कहा कि बोर्ड नागरिकों को सेवा देने में विफल है। नागरिकों पर कर का भार बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बजट की प्रति हिंदी में नहीं मिलने का भी मुद्दा उठाया।

भारतीय जनता पार्टी की वार्ड नंबर एक से पार्षद मालती रॉय ने कहा कि बजट में मेट्रो की परिकल्पना की गई है, जबकि महानंदा एक्सन प्लान की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने पहले शहर के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की मांग की।

तृणमूल कांग्रेस पार्षद मानिक दे ने जलकर, गैर सरकारी स्कूल बसों पर 500 रुपये कूड़ा-कचरा शुल्क लगाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे आम जनता के उपर भार बढ़ेगा। तृणमूल कांग्रेस पार्षद नांटू पाल ने इसे काल्पनिक बजट करार देते हुए कहा कि मेयर सिलीगुड़ी को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं। महानंदा नदी प्रदूषित हो रही है। शहर कचरे के निस्तारण की समस्या से जूझ रहा है। जल निकासी व्यवस्था का हाल खराब है। बोर्ड का इन सब समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने मेयर पर तंज कसते हुए कहा कि जनता उन्हें अब बोर्ड में देखना नहीं चाहती है। यह उनका आखिरी बजट है। तृणमूल कांग्रेस पार्षद रंजनशिल शर्मा ने इसे सिर्फ सपना दिखाने वाला बजट बताया। उन्होंने कहा कि शहर को प्लास्टिक कैरीबैग से मुक्त करने की बात मेयर कह रहे हैं, जबकि शहर में प्लास्टिक का कारखाना चल रहा है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार पर फंड नहीं देने का अरोप लगाकर जनता के समक्ष झूठ बोलने का काम मेयर कर रहे हैं। बजट सिर्फ अंक के हिसाब से बैठा दिया गया है। गरीब व बस्ती इलाके में रहने वाले लोगों को जिनका तिमाही कर 20 रुपये अथवा उससे कम है, उसे 31 मार्च 2017 तक माफ करने के बजट में दिए गए प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी के दौरान पहले जनता कर दे चुकी है। भाजपा पार्षद खुशबू मित्तल ने कहा कि कर वसूली में 92 प्रतिशत सफलता अर्जित करने की बात बजट में कही गई है। इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। नोटबंदी की वजह से यह संभव हो पाया है। उन्होंने बजट को निराशाजनक बताया। भार ढोने वाले वाहन पर लोडिंग व अन-लोडिंग व स्कूल बसों पर चार्ज लगाने के फैसले को व्यापारियों व आम जनता पर भार बढ़ाने का आरोप लगाया।

कांग्रेस पार्षद व कांग्रेस पार्षद दल के नेता सुजय घटक ने सामाजिक सुरक्षा भत्ता के लिए लाभांवितों की संख्या पांच सौ की जगह एक हजार करने समेत आधा दर्जन संशोधन प्रस्ताव रखा। जिसे बोर्ड ने मान लिया। तृणमूल पार्षद कृष्ण चंद्र पाल ने बजट का विरोध करते हुए कहा कि नगर निगम के विकास के लिए कोई रोड मैप नहीं है। तृणमूल कांग्रेस पार्षद दुर्गा सिंह ने गरीब लड़कियों की शादी के लिए प्रस्तावित ढाई हजार रुपये की राशि को गरीबों के लिए अपमान करार दिया।

सिलीगुड़ी के डिप्टी मेयर राम भजन महतो ने बजट को गरीबों के विकास वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इससे शहर का व्यापक स्तर पर विकास होगा। उन्होंने रंजनशिल शर्मा के तीखे सवालों को जवाब उन्हें के अंदाज में दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में चार हजार एलइडी लाइटें लगाई जाएंगी। इसको लेकर तृणमूल पार्षदों ने पूर्व में मंत्री गौतम देव द्वारा लगाए गए एलइडी लाइट का उल्लेख नहीं किए पर कड़ा प्रतिवाद किया।

नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार ने कहा कि बजट की विवरणिका में राज्य सरकार द्वारा बहुत से तथ्यों को छोड़ दिया गया है। पार्किंग व्यवस्था का कोई उल्लेख नहीं है। डंपिंग ग्राउंड की समस्या जस की तस पड़ी हुई है। उन्होंने बजट को जनविरोधी बजट करार देते हुए इसका विरोध किया।

बजट पर मेयर ने अपनी जवाबी भाषण में कहाकि जो वास्तविकता है, उसी का बजट में उल्लेख किया गया है। राज्य सरकार के पास नगर निगम का 180 करोड़ रुपये बाकी है। जो फंड मिला है, वह प्लान का नहीं बल्कि अन-प्लान का फंड मिला है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्ताव को मानते हुए बजट भाषण खत्म किया। इसके बाद नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह ने कांग्रेस व बोर्ड पक्ष के सदस्यों के समर्थन से बजट पारित करने की घोषणा की। इसके बाद मेयर व चेयरमैन सभाकक्ष से बाहर निकल गए। इस पर तृणमूल पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया तथा मेयर पर उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए सभा कक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.