दागी उम्मीदवारों को बताना होगा अपना दाग
केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के मुताबिक जिला निर्वाचन विभाग व जिला प्रशासन ने अमल करना शुरू कर दिया है। सोमवार को सिलीगुड़ी के राज्य अतिथि निवास में मीडिया प्रबंधन कार्यक्रम के तहत डीएम जोयशी दास गुप्ता ने कहाकि इस बार चुनाव आयोग के गाइड लाइन के अनुसार दागी उम्मीदवारों को अपना दाग बताना होगा।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के मुताबिक जिला निर्वाचन विभाग व जिला प्रशासन अमल करना शुरू कर दिया गया। सोमवार को सिलीगुड़ी के राज्य अतिथि निवास में मीडिया प्रबंधन कार्यक्रम के तहत दार्जिलिंग जिले की डीएम जोयशी दास गुप्ता ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के गाइड लाइन के मुताबिक इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान दागी उम्मीदवारों को अपना दाग आम जनता को भी बताना हेगा। उन्होंने बताया कि कौन-कौन जगह पर किस मामले में केस चल रहा है, इसके लिए उन्हें नामांकन से लेकर मतदान तक तीन बार विज्ञापन देना होगा। विज्ञापन ऐसा होना जिसे लोग आसानी से पढ़ सकें। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के अलावा जिस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, उस पार्टी को भी अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में विज्ञापन के माध्यम से आम जनता को जानकारी देनी होगी।
इस बार होने वाले चुनाव में पेड न्यूज, विज्ञापन समेत उम्मीदवारों के समर्थन में समाचार पत्रों अथवा न्यूज चैनलों पर नजर रखने रखने के लिए मीडिया मॉनेट¨रग कमेटी गठित की जाएगी। सोशल मीडिया पर किस तरह से नजर रखी जाएगी, इस संबंध पूछे गए सवाल के जवाब में डीएम ने कहा कि इसके बारे में उनके पास कोई गाइड लाइन नहीं आई है। जिले से इस पर नजर रखना संभव भी नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर नजर रखने संबंधी व्यवस्था पर ध्यान दिया होगा।
डीएम ने कहा कि इस बार चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के मुताबिक सभी पोलिंग बूथों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (इवीएम) के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) लगाए जाएंगे। ताकि मतदाता देख सकेंगें कि जिस पार्टी अथवा उम्मीदवार को वे वोट दिए हैं, उन्हें वोट मिला है कि नहीं। उन्होंने बताया कि अगर कोई मतदाता वोट देने के बाद शिकायत करता है कि जिसे इवीएम में जो बटन दबाया है, वह चिन्ह नहीं बल्कि वीवीपैट में गलत दिखा रहा है। इस पर बूथ पर इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। हालांकि इसके लिए शिकायतकर्ता को घोषणापत्र देना होगा, तथा जांच में शिकायतकर्ता की शिकायत गलत पाई जाती है तो इसके खिलाफ चुनाव आयोग के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।